बिहार सरकार को पटना हाई कोर्ट की फटकार, जानिए राजीव नगर मामले में क्या हुआ ? h3>
पटना: बिहार की राजधानी पटना के लोगों ने राजीव नगर में हुई बुलडोजर वाली कार्रवाई को आज तक नहीं भूले हैं। लोग चीख रहे थे। अपना मकान टूटते हुए देख रहे थे। प्रशासन की कार्रवाई जारी थी। हंगामा मचा हुआ था। लोगों के घरों के टूटने का सिलसिला जारी था। कहीं कोई सुनवाई नहीं थी। अचानक किसी ने इस मामले को लेकर पटना हाई कोर्ट का रुख किया। पटना हाई कोर्ट ने तत्काल प्रभाव से तोड़-फोड़ पर रोक लगाया। उसके बाद अधिकारियों को फटकार लगाई। अब इस मामले में पटना हाई कोर्ट का बड़ा फैसला आ गया है। ये फैसला नीतीश सरकार के साथ उन अधिकारियों के मुंह पर तमाचा है जिन्होंने लोगों की गाढ़ी कमाई से बने आशियाने को गिरा दिया था।
अतिक्रमण मानने से इनकार
पटना जिला प्रशासन ने राजीव नगर और नेपाली नगर में अतिक्रमण हटाने के नाम पर घरों पर बुलडोजर चला दिया था। उसके बाद काफी हंगामा हुआ था। अब इस मामले में पटना हाई कोर्ट ने कहा है कि बुलडोजर चलाने की कार्रवाई गलत थी। गुरुवार को इस मामले में अहम फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि पिछले साल राजीव नगर और नेपाली नगर में जिला प्रशासन की ओर से की गई कार्रवाई गैर कानूनी थी। कोर्ट ने बिहार सरकार के मुख्य सचिव को 6 सप्ताह के भीतर इस मामले में कोर्ट को जानकारी देने का आदेश दिया है।
नीतीश सरकार को निर्देश
उसके अलावा कोर्ट ने नीतीश सरकार को निर्देशित किया है कि जिन लोगों के घरों को प्रशासन ने गिराया है। उन्हें तत्काल पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा दे। कोर्ट ने कहा कि स्थानीय लोगों को कोर्ट में केस दायर करने का अधिकारी है। राज्य सरकार ने दीघा कानून का पालन नहीं किया। स्कीम 2010 को लागू नहीं किया गया। चार सौ एकड़ जमीन पर भी ये स्कीम लागू होती है। कोर्ट ने कहा कि राजीव नगर में घरों को ध्वस्त करना, गिराना पूरी तरह गलत है।
बिना सूचना के कार्रवाई गलत-कोर्ट
पटना हाई कोर्ट ने ये भी कहा है कि बगैर किसी को सूचना दिये उसके घर को गिराने की कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। यहां रहने वाले लोगों को सरकार ने सुविधा मुहैया कराई। दूसरी ओर कब्जे को अवैध बताकर खाली कराने की कार्रवाई की गई। सरकार दीघा स्कीम को लागू करे। सभी को रहने का अधिकार है। संविधान सभी नागरिकों को शांति से रहने का अधिकार देता है। पटना हाई कोर्ट ने राजीव नगर में बने आवासीय इलाके को अतिक्रमण का क्षेत्र मानने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि ये स्कीम नेपाली नगर पर भी लागू होगी।
नीतीश सरकार को फटकार
पटना हाई कोर्ट ने कहा कि स्कीम के बाहर जाकर किसी को रिलीफ नहीं दिया जा सकता। स्कीम के लिए तय कट ऑफ डेट को लेकर कोर्ट ने कहा कि उसे आगे बढ़ना चाहिए। हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों को इस बारे में कार्रवाई करनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि कट ऑफ डेट के पूर्व नेपाली नगर के सभी वाशिंदों को दीघा स्कीम का लाभ मिलना चाहिए। कोर्ट ने नीतीश सरकार पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सभी पीड़ित लोगों को सरकार की ओर से जुर्माना दिया जाए। उसके अलावा गिराये गये मकान और बेघर परिवारों को पांच-पांच लाख मुआवजा दिया जाए। ध्यान रहे कि पिछले साल 25 अप्रैल को प्रशासन ने नोटिस जारी कर राजीव नगर और नेपाली नगर के लोगों का घर खाली करने का आदेश दिया। उसके बाद बुलडोजर चला दिया।
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अतिक्रमण मानने से इनकार
पटना जिला प्रशासन ने राजीव नगर और नेपाली नगर में अतिक्रमण हटाने के नाम पर घरों पर बुलडोजर चला दिया था। उसके बाद काफी हंगामा हुआ था। अब इस मामले में पटना हाई कोर्ट ने कहा है कि बुलडोजर चलाने की कार्रवाई गलत थी। गुरुवार को इस मामले में अहम फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि पिछले साल राजीव नगर और नेपाली नगर में जिला प्रशासन की ओर से की गई कार्रवाई गैर कानूनी थी। कोर्ट ने बिहार सरकार के मुख्य सचिव को 6 सप्ताह के भीतर इस मामले में कोर्ट को जानकारी देने का आदेश दिया है।
नीतीश सरकार को निर्देश
उसके अलावा कोर्ट ने नीतीश सरकार को निर्देशित किया है कि जिन लोगों के घरों को प्रशासन ने गिराया है। उन्हें तत्काल पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा दे। कोर्ट ने कहा कि स्थानीय लोगों को कोर्ट में केस दायर करने का अधिकारी है। राज्य सरकार ने दीघा कानून का पालन नहीं किया। स्कीम 2010 को लागू नहीं किया गया। चार सौ एकड़ जमीन पर भी ये स्कीम लागू होती है। कोर्ट ने कहा कि राजीव नगर में घरों को ध्वस्त करना, गिराना पूरी तरह गलत है।
बिना सूचना के कार्रवाई गलत-कोर्ट
पटना हाई कोर्ट ने ये भी कहा है कि बगैर किसी को सूचना दिये उसके घर को गिराने की कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। यहां रहने वाले लोगों को सरकार ने सुविधा मुहैया कराई। दूसरी ओर कब्जे को अवैध बताकर खाली कराने की कार्रवाई की गई। सरकार दीघा स्कीम को लागू करे। सभी को रहने का अधिकार है। संविधान सभी नागरिकों को शांति से रहने का अधिकार देता है। पटना हाई कोर्ट ने राजीव नगर में बने आवासीय इलाके को अतिक्रमण का क्षेत्र मानने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि ये स्कीम नेपाली नगर पर भी लागू होगी।
नीतीश सरकार को फटकार
पटना हाई कोर्ट ने कहा कि स्कीम के बाहर जाकर किसी को रिलीफ नहीं दिया जा सकता। स्कीम के लिए तय कट ऑफ डेट को लेकर कोर्ट ने कहा कि उसे आगे बढ़ना चाहिए। हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों को इस बारे में कार्रवाई करनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि कट ऑफ डेट के पूर्व नेपाली नगर के सभी वाशिंदों को दीघा स्कीम का लाभ मिलना चाहिए। कोर्ट ने नीतीश सरकार पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सभी पीड़ित लोगों को सरकार की ओर से जुर्माना दिया जाए। उसके अलावा गिराये गये मकान और बेघर परिवारों को पांच-पांच लाख मुआवजा दिया जाए। ध्यान रहे कि पिछले साल 25 अप्रैल को प्रशासन ने नोटिस जारी कर राजीव नगर और नेपाली नगर के लोगों का घर खाली करने का आदेश दिया। उसके बाद बुलडोजर चला दिया।