बिहार में शराबबंदी खत्म होगी या जारी रहेगी? गिरिराज सिंह ने सरकार से की यह मांग, नीतीश पर भी बरसे h3>
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बिहार में लागू पूर्ण शराबबंदी को लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने महागठबंधन सरकार के सामने अपनी मांग रखी है। केंद्रीय मंत्री ने नीतीश कुमार द्वारा लागू किए गए शराबबंदी कानून में कई प्रकार की खामियां गिनाते हुए कहा कि सरकार इस पर पुनर्विचार करे। उन्होंने कहा है कि इस कानून की वजह से लाखों गरीब परेशान हैं। बड़ी संख्या में जेल में बंद में बंद है तो दूसरी और पैसे वाले बड़े-बड़े लोग शराब का आनंद ले रहे हैं। बेगूसराय में शराब माफिया द्वारा दरोगा की हत्या के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि शराबबंदी नीतीश कुमार की जिद है और इसमें कई खामियां हैं। इसकी वजह से हजारों की संख्या में लोग शराब कांड में फंसकर हज़ारों जेल चले गए जिसमें बड़ी संख्या में बेगुनाह भी शामिल हैं। एक ओर जहां सरकार शराब बंदी का ढोल पीट रही है तो दूसरी ओर माफिया की चांदी कट रही है। शराब माफिया इतने बदमाश हो गए हैं कि पुलिस दरोगा को भी नहीं छोड़ते। आम आदमी उनके आतंक से त्रस्त है। इसी का नतीजा है कि नावकोठी के दरोगा खेमश चौधरी की जान चली गई। इन हालातो के लिए नीतीश कुमार जिम्मेवार हैं। अगर कोई कानून है तो उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपनी जिद छोड़ें और शराबबंदी कानून पर पुनर्विचार करें और सर्वदलीय बैठक बुलाकर इसकी समीक्षा करें।
दरअसल अपने संसदीय क्षेत्र बेगूसराय में दारोगा की हत्या के बाद गिरिराज सिंह ने शराबबंदी कानून को एक बार फिर कठघरे में खड़ा किया है। शराब पकड़ने निकली पुलिस टीम में शामिल दरोगा की हत्या के बाद यह सवाल फिर से जोड़ पकड़ने लगा है कि शराबबंदी राज्य में इफेक्टिव क्यों नहीं हो रही है। गिरिराज सिंह ने इसके लिए नीतीश कुमार की जमकर आलोचना की है और कहा है कि नीतीश की गलत शराबबंदी नीति के कारण निर्दोष लोग परेशान हैं। माफिया तत्व फल फूल रहे हैं और आम लोग डर के साए में जीने को मजबूर हैं।
इसके पहले एनडीए के सहयोगी जीतन राम मांझीने भी बिहार में शराबबंदी को खत्म करने की वकालत की। पिछले दिनों उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार आई तो शराब फ्री कर देंगे। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पहले जब फ्री था तो जहरीली शराब से इतने लोग नहीं मरते थे और नकली शराब का इतना बोलबाला नहीं था।
बीजेपी के बड़े नेता गिरिराज सिंह द्वारा शराबबंदी कानून को त्रुटि पूर्ण बताना और सभी राजनीतिक दलों की बैठक बुलाकर शराबबंदी की समीक्षा करने की मांग के निहित अर्थ निकाले जा रहे हैं। कई लोग इस पर विचार करने लगे हैं कि भाजपा सत्ता में आई तो शराबबंदी खत्म होगी या जारी रहेगी।
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बिहार में लागू पूर्ण शराबबंदी को लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने महागठबंधन सरकार के सामने अपनी मांग रखी है। केंद्रीय मंत्री ने नीतीश कुमार द्वारा लागू किए गए शराबबंदी कानून में कई प्रकार की खामियां गिनाते हुए कहा कि सरकार इस पर पुनर्विचार करे। उन्होंने कहा है कि इस कानून की वजह से लाखों गरीब परेशान हैं। बड़ी संख्या में जेल में बंद में बंद है तो दूसरी और पैसे वाले बड़े-बड़े लोग शराब का आनंद ले रहे हैं। बेगूसराय में शराब माफिया द्वारा दरोगा की हत्या के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि शराबबंदी नीतीश कुमार की जिद है और इसमें कई खामियां हैं। इसकी वजह से हजारों की संख्या में लोग शराब कांड में फंसकर हज़ारों जेल चले गए जिसमें बड़ी संख्या में बेगुनाह भी शामिल हैं। एक ओर जहां सरकार शराब बंदी का ढोल पीट रही है तो दूसरी ओर माफिया की चांदी कट रही है। शराब माफिया इतने बदमाश हो गए हैं कि पुलिस दरोगा को भी नहीं छोड़ते। आम आदमी उनके आतंक से त्रस्त है। इसी का नतीजा है कि नावकोठी के दरोगा खेमश चौधरी की जान चली गई। इन हालातो के लिए नीतीश कुमार जिम्मेवार हैं। अगर कोई कानून है तो उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपनी जिद छोड़ें और शराबबंदी कानून पर पुनर्विचार करें और सर्वदलीय बैठक बुलाकर इसकी समीक्षा करें।
दरअसल अपने संसदीय क्षेत्र बेगूसराय में दारोगा की हत्या के बाद गिरिराज सिंह ने शराबबंदी कानून को एक बार फिर कठघरे में खड़ा किया है। शराब पकड़ने निकली पुलिस टीम में शामिल दरोगा की हत्या के बाद यह सवाल फिर से जोड़ पकड़ने लगा है कि शराबबंदी राज्य में इफेक्टिव क्यों नहीं हो रही है। गिरिराज सिंह ने इसके लिए नीतीश कुमार की जमकर आलोचना की है और कहा है कि नीतीश की गलत शराबबंदी नीति के कारण निर्दोष लोग परेशान हैं। माफिया तत्व फल फूल रहे हैं और आम लोग डर के साए में जीने को मजबूर हैं।
इसके पहले एनडीए के सहयोगी जीतन राम मांझीने भी बिहार में शराबबंदी को खत्म करने की वकालत की। पिछले दिनों उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार आई तो शराब फ्री कर देंगे। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पहले जब फ्री था तो जहरीली शराब से इतने लोग नहीं मरते थे और नकली शराब का इतना बोलबाला नहीं था।
बीजेपी के बड़े नेता गिरिराज सिंह द्वारा शराबबंदी कानून को त्रुटि पूर्ण बताना और सभी राजनीतिक दलों की बैठक बुलाकर शराबबंदी की समीक्षा करने की मांग के निहित अर्थ निकाले जा रहे हैं। कई लोग इस पर विचार करने लगे हैं कि भाजपा सत्ता में आई तो शराबबंदी खत्म होगी या जारी रहेगी।