बिहार में भूमाफिया बेलगामः पांच करोड़ में डाकघर की जमीन का सौदा, साजिश ऐसे हुई बेनकाब h3>
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बिहार में बेलगाम भूमाफिया सरकारी जमीनों को निशाना बना रहे हैं। बिहार सरकार के साथ केंद्र सरकार की जमीनों को बेचने की साजिश की जा रही है। मुजफ्फरपुर से एक ऐसा ही मामला सामने आया है। लेकिन, रजिस्ट्रार की सजगता से डाकघर की करोड़ों की जमीन बिकते बिकते बच गई।
जिले की अन्य कई सरकारी जमीनों पर भू-माफिया की नजर है। ताजा मामला मोतीपुर का है जहां बीच बाजार में स्थित डाकघर की जमीन को बेचने की साजिश रची गई। डाकघर की बेशकीमती जमीन को पांच करोड़ में बेचने का प्रयास किया गया। इसका खुलासा अवर निबंधक के आदेश पर सीओ की ओर से जारी जांच प्रतिवेदन से हुआ है। सच्चाई सामने आने के बाद उस जमीन के निबंधन की प्रक्रिया रुक गई है। सीओ अरविंद कुमार अजीत ने जांच रिपोर्ट भेजे जाने की पुष्टि की है।
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रकबा तकरीबन 26 डिसमिल
रिपोर्ट के मुताबिक, मुजफ्फरपुर के मोतीपुर रेलवे गुमटी के पास बड़ी मस्जिद के ठीक सामने डाक विभाग की जमीन है। मोतीपुर बाजार के मुख्य मार्ग में जमीन का रकबा तकरीबन 26 डिसमिल है। खाता नंबर 266 और खेसरा 65 है। बिहार सरकार के जमाबंदी रजिस्टर दो में जमीन भारत सरकार के पोस्ट ऑफिस सुपरिटेंडेंट के नाम पर दर्ज है। इसकी बाजार कीमत करोड़ों में है।
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खाली है जमीन
काफी दिनों से जमीन खाली पड़ी है। इसका फायदा उठा भू-माफिया ने साजिश रचकर जमीन का सौदा तकीबन पांच करोड़ में तय कर लिया। सीओ ने रिपोर्ट में बताया है कि जमीन की खरीदारी मोतीपुर के मो. अब्बास नामक शख्स को करनी थी। जमीन बेचने के लिए खुद को अधिकृत बताकर अब्दुल रहीम ने मोटी रकम एडवांस ली। इसके बाद जमीन निबंधन के लिए अवर निबंधक कार्यालय मोतीपुर में चालान समेत कागजात जमा कराए गए। शक होने पर अवर निबंधक कार्यालय ने जांच के लिए सीओ को भेजा। सीओ ने भौतिक सत्यापन किया। जांच में साजिश का भंडाफोड़ हुआ।
70 के दशक में पोस्ट ऑफिस में लगी थी आग
सीओ ने बताया कि जमीन पर डाक विभाग के नाम से जमाबंदी कायम है। वहां दशकों से पोस्ट ऑफिस चल रहा था। सत्तर के दशक में पोस्ट ऑफिस में भीषण आग लग गई थी। इसमें सारे अभिलेख जलकर राख हो गए थे। तब से पोस्ट ऑफिस दूसरी जगह चल रहा है। मोतीपुर में चीनी मिल की सैकड़ों एक जमीन खाली पड़ी है जिसपर भू माफिया की बुरी नजर है। चीन मिल की कई एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा भी कर लिया गया है।
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बिहार में बेलगाम भूमाफिया सरकारी जमीनों को निशाना बना रहे हैं। बिहार सरकार के साथ केंद्र सरकार की जमीनों को बेचने की साजिश की जा रही है। मुजफ्फरपुर से एक ऐसा ही मामला सामने आया है। लेकिन, रजिस्ट्रार की सजगता से डाकघर की करोड़ों की जमीन बिकते बिकते बच गई।
जिले की अन्य कई सरकारी जमीनों पर भू-माफिया की नजर है। ताजा मामला मोतीपुर का है जहां बीच बाजार में स्थित डाकघर की जमीन को बेचने की साजिश रची गई। डाकघर की बेशकीमती जमीन को पांच करोड़ में बेचने का प्रयास किया गया। इसका खुलासा अवर निबंधक के आदेश पर सीओ की ओर से जारी जांच प्रतिवेदन से हुआ है। सच्चाई सामने आने के बाद उस जमीन के निबंधन की प्रक्रिया रुक गई है। सीओ अरविंद कुमार अजीत ने जांच रिपोर्ट भेजे जाने की पुष्टि की है।
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रकबा तकरीबन 26 डिसमिल
रिपोर्ट के मुताबिक, मुजफ्फरपुर के मोतीपुर रेलवे गुमटी के पास बड़ी मस्जिद के ठीक सामने डाक विभाग की जमीन है। मोतीपुर बाजार के मुख्य मार्ग में जमीन का रकबा तकरीबन 26 डिसमिल है। खाता नंबर 266 और खेसरा 65 है। बिहार सरकार के जमाबंदी रजिस्टर दो में जमीन भारत सरकार के पोस्ट ऑफिस सुपरिटेंडेंट के नाम पर दर्ज है। इसकी बाजार कीमत करोड़ों में है।
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खाली है जमीन
काफी दिनों से जमीन खाली पड़ी है। इसका फायदा उठा भू-माफिया ने साजिश रचकर जमीन का सौदा तकीबन पांच करोड़ में तय कर लिया। सीओ ने रिपोर्ट में बताया है कि जमीन की खरीदारी मोतीपुर के मो. अब्बास नामक शख्स को करनी थी। जमीन बेचने के लिए खुद को अधिकृत बताकर अब्दुल रहीम ने मोटी रकम एडवांस ली। इसके बाद जमीन निबंधन के लिए अवर निबंधक कार्यालय मोतीपुर में चालान समेत कागजात जमा कराए गए। शक होने पर अवर निबंधक कार्यालय ने जांच के लिए सीओ को भेजा। सीओ ने भौतिक सत्यापन किया। जांच में साजिश का भंडाफोड़ हुआ।
70 के दशक में पोस्ट ऑफिस में लगी थी आग
सीओ ने बताया कि जमीन पर डाक विभाग के नाम से जमाबंदी कायम है। वहां दशकों से पोस्ट ऑफिस चल रहा था। सत्तर के दशक में पोस्ट ऑफिस में भीषण आग लग गई थी। इसमें सारे अभिलेख जलकर राख हो गए थे। तब से पोस्ट ऑफिस दूसरी जगह चल रहा है। मोतीपुर में चीनी मिल की सैकड़ों एक जमीन खाली पड़ी है जिसपर भू माफिया की बुरी नजर है। चीन मिल की कई एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा भी कर लिया गया है।