बिहार में गर्मी हुई जानलेवा; लू से तीसरे दिन 51 की मौत, दारोगा समेत 10 मतदानकर्मियों की गई जान

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बिहार में गर्मी हुई जानलेवा; लू से तीसरे दिन 51 की मौत, दारोगा समेत 10 मतदानकर्मियों की गई जान

बिहार में गर्मी हुई जानलेवा; लू से तीसरे दिन 51 की मौत, दारोगा समेत 10 मतदानकर्मियों की गई जान

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राज्य में गर्मी जानलेवा हो गई है। शुक्रवार को तीसरे दिन लू ने 51 लोगों की जान ले ली। इनमें 12 मतदानकमी हैं। लू से सबसे अधिक 15 लोगों की मौत औरंगाबाद जिले में हुई है। पटना के चार, नालंदा और कैमूर में छह-छह तो रोहतास व गया में पांच-पांच लोगों की जान चली गई। हालांकि, आपदा प्रबंधन विभाग ने शुक्रवार को लू से 14 लोगों के मरने की पुष्टि की है। इनमें 10 मतदानकर्मी भी शामिल हैं।

लू से जान गंवाने वाले मतदानकर्मियों में भोजपुर के पांच, रोहतास के तीन, कैमूर-औरंगाबाद के एक-एक चुनावकर्मी हैं। हालांकि पटना जिले में भी दो मतदानकर्मी की मौत के साथ आंकड़ा बढ़कर 12 हो गया। इससे पहले प्रदेश में बुधवार को आठ तो गुरुवार को 59 लोगों की मौत लू से हो गई थी। उधर, मुंगेर में भीषण गर्मी के बीच आरा निवासी 59 वर्षीय दारोगा ददन प्रसाद सिंह की मौत हो गई।

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 वहीं कटिहार में पूर्वोत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में यात्रा के क्रम में असम की एक महिला यात्री की जान चली गई। वह असम के सोनीतपुर जिले के रंगापारा थाना क्षेत्र की रहनेवाली थी। इधर, गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बुधवार की देर शाम से लेकर अबतक 54 मरीज भर्ती हुए। इनमें अब तक पांच लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गयी। सारण के काहीं गांव में अपने मायके आई महिला व उसके बेटे की ट्रेन में भीषण गर्मी और भीड़ की वजह से दम घुटने से मौत हो गई। दोनों जनरल बोगी में बैठकर चंडीगढ़ जा रहे थे। 

राज्य के मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने भीषण गर्मी और लू से बचाव के लिए सभी संबंधित विभागों को अलर्ट रहने को कहा है। उन्होंने विभागों को इलाज और राहत पहुंचाने का भी निर्देश दिया है। साथ ही आम लोगों से भी एहतियात बरतने की अपील की है। मुख्य सचिव ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी स्तर के प्राथमिक अस्पतालों से लेकर मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में गर्मी से बीमार लोगों के इलाज की व्यवस्था का निर्देश दिया गया है। 

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अस्पतालों में लू की चपेट में आने वाले मरीजों के लिए अलग से वार्ड, ओआरएस और एसी की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है। इसकी नियमित निगरानी भी की जा रही है। मुख्य सचिव ने पीएचईडी को सभी स्थानों पर पेयजल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। साथ ही सभी चापाकलों को ठीक करने और जहां पर चापाकल ठीक नहीं है वहां पर टैंक से पानी उपलब्ध कराने को कहा है। 

इसके अलावा नगर विकास व आवास विभाग और जिला प्रशासन को शहरी क्षेत्रों में प्याऊ लगाने को कहा है। मुख्य सचिव ने कहा है कि सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के माध्यम से लोगों से एहतियात बरतने के लिए प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। साथ ही आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा इसकी नियमित निगरानी की जा रही है

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