बिहार में इस साल बारिश तोड़ेगी दो दशक का रिकॉर्ड? मानसून कब देगा दस्तक, IMD ने बताया
Bihar Weather Update: बिहार में दो दशक बाद इस बार मानसून की बारिश रिकॉर्ड तोड़ सकती है। प्रदेश में 2004 से 2023 के दौरान वर्ष 2007 में मानसून की बारिश सामान्य से लगभग 30 प्रतिशत अधिक हुई थी। मौसम विभाग के अनुसार, इस वर्ष ला-नीना का प्रभाव होने और अंडमान-निकोबार में समय से पूर्व मानसून के दस्तक देने के कारण सूबे में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।
प्रदेश में पिछले दो वर्ष से मानसून की बारिश सामान्य से लगभग 23 प्रतिशत कम हुई। इस कारण सूबे का ज्यादातर हिस्सा सूखे की चपेट में रहा। लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ा था। पिछले वर्ष प्रदेश के 29 जिलों में मानसून की कम और 8 जिलों में अच्छी बारिश हुई थी, जबकि बांका में सामान्य से 60 प्रतिशत अधिक बारिश हुई थी।
ला-नीना और अल-नीनो का यह होता है असर
प्रशांत महासागर के तापमान को तीन भागों में बांटा गया है। पहला, समुद्र का सामान्य तापमान से 0.5 से -0.5 के बीच में रहता है। इसे नेचुरल फेज कहते हैं। दूसरा, समुद्र के सामान्य तापमान से 0.5 से अधिक गर्म होने पर अल-नीनो और तीसरा- समुद्र के सामान्य तापमान से 0.5 से अधिक ठंडा होने पर ला-नीना कंडीशन बनता है। अल-नीनो का प्रभाव पड़ने पर मानसून की बारिश दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के रास्ते पेरू और ब्राजील की तरफ शिफ्ट हो जाती है। इस कारण भारत में कम बारिश होती है। वहीं ला-नीना में ठंडा होने पर बारिश की ट्रैड विंड मजबूत होता है। इस कारण भारत में अच्छी बारिश होती है। जब भी ला-नीना कंडीशन बना है, तो भारत में मानसून की अच्छी बारिश हुई है।
2006 में पहले और 2018 में देरी से आया था मानसून
मौसम विभाग से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार पिछले दो दशक के दौरान प्रदेश में समय से पहले वर्ष 2006 में मानसून ने प्रवेश किया था। वहीं 2018 में सबसे देर से मानसून ने प्रवेश किया। 2006 में मानसून प्रवेश करने की निर्धारित तिथि 10 जून थी, लेकिन निर्धारित समय से तीन दिन पहले ही यह 6 जून को प्रवेश कर गया। 2018 में मानसून प्रवेश करने की निर्धारित तिथि 10 जून थी, लेकिन 14 दिन की देरी से 25 जून को मानसून का प्रवेश हुआ था।
वर्ष सामान्य बारिश हुई
2004 1024.3 0934
2005 1024.3 0853
2006 1024.3 0913
2007 1024.3 1343
2008 1024.3 1043
2009 1024.3 0752
2010 1024.3 0796
2011 1027.6 1059
2012 1027.6 0813
2013 1027.6 0722
2014 1027.6 0849
2015 1027.6 0745
2016 1027.6 0975
2017 1027.6 0937
2018 1027.6 0771
2019 1017.2 1050
2020 1017.2 1272
2021 1017.2 1044
2022 0992.2 0683
2023 0992.2 0760
2023 में इन जिलों में हुई थी अच्छी बारिश
2023 में मानसून की बारिश आठ जिलों में सामान्य से अधिक हुई। जिसमें भागलपुर, जमुई, कटिहार, खगड़िया, लखीसराय, मुंगेर, समस्तीपुर और शेखपुरा जिला था। अन्य जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई।
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Bihar Weather Update: बिहार में दो दशक बाद इस बार मानसून की बारिश रिकॉर्ड तोड़ सकती है। प्रदेश में 2004 से 2023 के दौरान वर्ष 2007 में मानसून की बारिश सामान्य से लगभग 30 प्रतिशत अधिक हुई थी। मौसम विभाग के अनुसार, इस वर्ष ला-नीना का प्रभाव होने और अंडमान-निकोबार में समय से पूर्व मानसून के दस्तक देने के कारण सूबे में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।
प्रदेश में पिछले दो वर्ष से मानसून की बारिश सामान्य से लगभग 23 प्रतिशत कम हुई। इस कारण सूबे का ज्यादातर हिस्सा सूखे की चपेट में रहा। लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ा था। पिछले वर्ष प्रदेश के 29 जिलों में मानसून की कम और 8 जिलों में अच्छी बारिश हुई थी, जबकि बांका में सामान्य से 60 प्रतिशत अधिक बारिश हुई थी।
ला-नीना और अल-नीनो का यह होता है असर
प्रशांत महासागर के तापमान को तीन भागों में बांटा गया है। पहला, समुद्र का सामान्य तापमान से 0.5 से -0.5 के बीच में रहता है। इसे नेचुरल फेज कहते हैं। दूसरा, समुद्र के सामान्य तापमान से 0.5 से अधिक गर्म होने पर अल-नीनो और तीसरा- समुद्र के सामान्य तापमान से 0.5 से अधिक ठंडा होने पर ला-नीना कंडीशन बनता है। अल-नीनो का प्रभाव पड़ने पर मानसून की बारिश दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के रास्ते पेरू और ब्राजील की तरफ शिफ्ट हो जाती है। इस कारण भारत में कम बारिश होती है। वहीं ला-नीना में ठंडा होने पर बारिश की ट्रैड विंड मजबूत होता है। इस कारण भारत में अच्छी बारिश होती है। जब भी ला-नीना कंडीशन बना है, तो भारत में मानसून की अच्छी बारिश हुई है।
2006 में पहले और 2018 में देरी से आया था मानसून
मौसम विभाग से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार पिछले दो दशक के दौरान प्रदेश में समय से पहले वर्ष 2006 में मानसून ने प्रवेश किया था। वहीं 2018 में सबसे देर से मानसून ने प्रवेश किया। 2006 में मानसून प्रवेश करने की निर्धारित तिथि 10 जून थी, लेकिन निर्धारित समय से तीन दिन पहले ही यह 6 जून को प्रवेश कर गया। 2018 में मानसून प्रवेश करने की निर्धारित तिथि 10 जून थी, लेकिन 14 दिन की देरी से 25 जून को मानसून का प्रवेश हुआ था।
वर्ष सामान्य बारिश हुई
2004 1024.3 0934
2005 1024.3 0853
2006 1024.3 0913
2007 1024.3 1343
2008 1024.3 1043
2009 1024.3 0752
2010 1024.3 0796
2011 1027.6 1059
2012 1027.6 0813
2013 1027.6 0722
2014 1027.6 0849
2015 1027.6 0745
2016 1027.6 0975
2017 1027.6 0937
2018 1027.6 0771
2019 1017.2 1050
2020 1017.2 1272
2021 1017.2 1044
2022 0992.2 0683
2023 0992.2 0760
2023 में इन जिलों में हुई थी अच्छी बारिश
2023 में मानसून की बारिश आठ जिलों में सामान्य से अधिक हुई। जिसमें भागलपुर, जमुई, कटिहार, खगड़िया, लखीसराय, मुंगेर, समस्तीपुर और शेखपुरा जिला था। अन्य जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई।