बिहार के 77 हजार श्रमिक लोगों का चेहरा चमकाने में लगे, औरतों के साथ मर्द भी दिखा रहे रुचि

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बिहार के 77 हजार श्रमिक लोगों का चेहरा चमकाने में लगे, औरतों के साथ मर्द भी दिखा रहे रुचि

बिहार के 77 हजार श्रमिक लोगों का चेहरा चमकाने में लगे, औरतों के साथ मर्द भी दिखा रहे रुचि

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बिहार में चेहरे की साज-सज्जा यानी सौंदर्य निखारने का कारोबार भी खूब फल-फूल रहा है। सौंदर्य प्रसाधन के कारोबार में देश में बिहार दूसरा राज्य है, जहां सबसे अधिक लोग काम कर रहे हैं। बिहार में एक लाख 78 हजार से अधिक लोग इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं। बिहार से अधिक केवल उत्तरप्रदेश में ही लोग इस कारोबार में काम कर रहे हैं। काम करने वाले लोगों में सबसे अधिक 77 हजार से अधिक श्रमिक लोगों के चेहरे चमकाते हैं। ये ब्यूटीशियन हैं। केंद्र सरकार के ई-श्रम पोर्टल पर हुए निबंधन से यह खुलासा हुआ है। 

देश में सौंदर्य प्रसाधन में काम करने वाली महिलाओं की भागीदारी 65.58 फीसदी है। वहीं पुरुषों की भागीदारी मात्र 34.41 फीसदी है। बिहार में महिलाओं की भागीदारी राष्ट्रीय औसत से कम 61.16 फीसदी है। वहीं, 38.24 फीसदी पुरुष इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं। यानी कि औरतों के साथ-साथ मर्द भी इस काम में रुचि दिखा रहे हैं। 

उम्रवार देखें तो इस पेशे से जुड़े लोगों में 18 से 40 वर्ष के बीच का राष्ट्रीय औसत 77.66 फीसदी है। बिहार में इस उम्र वालों में 80.41 फीसदी लोग जुड़े हैं। 40 से 50 वर्ष के बीच वालों की भागीदारी का राष्ट्रीय औसत 15.06 फीसदी तो बिहार का औसत 12.59 फीसदी है। 50 साल से अधिक उम्र वालों की भागीदारी का राष्ट्रीय औसत 6.94 फीसदी तो बिहार का औसत 6.17 फीसदी है।

सबसे अधिक महिलाएं ब्यूटीशियन

बिहार में सबसे अधिक ब्यूटीशियन के तौर पर महिलाएं काम कर रही हैं। इनकी संख्या 77699 है। बार्बर के तौर पर 31782, हेयरड्रेसर व बार्बर के तौर पर 23370, ब्यूटीशियन से जुड़े काम करने वालों की संख्या 20558 है। स्टेज और स्टूडियो में ड्रेसर के तौर पर 8851, मेकअप मैन के तौर पर 1186 लोग काम कर रहे हैं। बाथ अटेंडेंट के तौर पर 769 लोग काम कर रहे हैं।

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43.7 करोड़ श्रमिकों को पोर्टल से जोड़ने का लक्ष्य

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने 26 अगस्त 2021 को देशभर के लगभग 43.7 करोड़ असंगठित श्रमिकों को ई-श्रम पोर्टल से जोड़ने का लक्ष्य तय किया। इसके माध्यम से श्रमिक का उनके कार्य के अनुसार रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा। इससे इनके आर्थिक और सामाजिक उत्थान के लिए योजनाएं बनाकर क्रियान्वित की जा सकेगी। निबंधित श्रमिकों को 2 लाख का बीमा भी होगा। कामगार पोर्टल पर खुद से या सहज वसुधा केंद्र के माध्यम से अपना पंजीकरण करा सकते हैं। पोर्टल के माध्यम से बिहार सरकार का लक्ष्य 3.49 करोड़ असंगठित श्रमिकों का पंजीकरण करना है। अब तक दो करोड़ 92 लाख लोगों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है।

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