बिहार के 50 परसेंट वोटर नया विकल्प खोज रहे; 6 करोड़ वोटरों को टार्गेट करेगी प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी

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बिहार के 50 परसेंट वोटर नया विकल्प खोज रहे; 6 करोड़ वोटरों को टार्गेट करेगी प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी

बिहार के 50 परसेंट वोटर नया विकल्प खोज रहे; 6 करोड़ वोटरों को टार्गेट करेगी प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी

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चुनावी रणनीतिकार और जनसुराज के संस्थापर प्रशांत किशोर ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में बताया कि एक सर्वे के मुताबिक 50 से 55 फीसदी लोग चाहते हैं कि बिहार में नया प्रयास या नया विकल्प हो। हालांकि ये लोग नहीं जानते कि वो पार्टी कौन सी होनी चाहिए। लेकिन ये मालूम है कि वर्तमान पार्टियों से बिहार में सुधार नहीं होने वाला है। अगर आप उन 50 फीसदी लोगों को इकट्ठा कर लें तो संख्या 6 करोड़ हो जाएगी। यानी प्रशांत किशोर का टारगेट बिहार का 6 करोड़ वोटर है। नया विकल्प खोज रहा है। 

प्रशांत किशोर ने प्रेस वार्ता में उन तीन प्रस्तावों के बारे में भी बताया जो सर्वसम्मति से पारित हुए हैं। जिसमें सबसे पहला 2 अक्टूबर 2024 को जन सुराज को राजनीतिक दल घोषित करने का निर्णय, दूसरा बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का भी निर्णय, और तीसरा संगठन में समाज के सभी वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित करने और संख्या के अनुरूप टिकट देने का भी निर्णय शामिल है। मतलब ये कि प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। 

आपको बता दें 2 अक्टूबर 2022 को प्रशांत किशोर ने जन सुराज पदयात्रा शुरू की थी। और पश्चिम चंपारण से राज्यव्यापी यात्रा पर निकले थे। पूरे राज्य में हजारों लोग उनके इस अभियान से जुड़े हैं। जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज आगामी विधानसभा चुनाव में महिलाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित करेगा। हर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली एक विधानसभा सीट से कम से कम एक महिला चुनाव लड़ेगी।

पीके ने पिछले साल हुए परिषद उप-चुनावों में पहले ही जीत दर्ज की थी। सारण की शिक्षक विधान परिषद (एलसी) सीट के लिए हुए उपचुनाव में जन सुराज समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार और किशोर के लंबे समय से सहयोगी रहे अफाक अहमद ने सीपीआई के महागठबंधन उम्मीदवार पुष्कर आनंद को 674 वोटों से हराया था। अहमद की जीत को किशोर के लिए एक मनोबल बढ़ाने वाली विजय के तौर पर देखा गया था।

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इससे पहले, राजनीति में अपने पहले कदम के तौर पर प्रशांत किशोर 2018 में बिहार में जनता दल (यूनाइटेड) में शामिल हुए थे। उन्हें तुरंत जेडीयू चीफ और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पार्टी उपाध्यक्ष नामित किया गया था। लेकिन 2020 की शुरुआत में, नागरिकता संशोधन अधिनियम के लिए नीतीश कुमार के समर्थन के खिलाफ अपनी राय व्यक्त करने के लिए उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।

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