बिहार के 38 जिलों में 20 सूत्री कमेटी गठित, नीतीश ने बीजेपी-जेडीयू-हम-LJPR के नेताओं को ऐसे किया सेट h3>
नीतीश सरकार ने बिहार के सभी 38 जिलों में जिला स्तरीय कार्यक्रम कार्यान्वयन अर्थात 20 सूत्री समिति का गठन कर दिया है। शुक्रवार की देर रात इसकी जिलावार अधिसूचना जारी कर दी गई। गौर हो कि राज्य में जनवरी अंत में एनडीए सरकार के गठन के साथ ही महागठबंधन सरकार में बनी ये कमेटियां भंग कर दी गयी थीं। हर जिले में सत्ताधारी दलों से जुड़े राजनैतिक कार्यकर्ताओं को सेट किया गया है। शुक्रवार देर रात कैबिनेट विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार सभी जिलों में प्रभारी मंत्री अध्यक्ष बनाये गये हैं।
बीस सूत्री कमेट में एनडीए सरकार में शामिल भाजपा और जदयू समेत अन्य सहयोगी दलों हम और लोजपा रामविलास के जिलाध्यक्षों को बतौर उपाध्यक्ष कमेट में शामिल किया गया है। हर जिला समिति में एक अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष समेत कुल 25 सदस्य मनोनीत किये गये हैं। जिले के सभी लोकसभा और राज्यसभा सांसद, विधायक, विधान पार्षद, जिला परिषद के अध्यक्ष, नगर निगम के महापौर इसके पदेन सदस्य होंगे। वहीं, डीएम सचिव होंगे।
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कैबिनेट विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार सभी जिलों के प्रभारी मंत्री को अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं एनडीए सरकार में शामिल बीजेपी और जदयू के साथ लोजपा रामविलास और जीतनराम मांझी की पार्टी हम के जिलाध्यक्षों को उपाध्यक्ष बनाया गया है। जिले के प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में गठित 20 सूत्री कमेटी में लोकसभा सांसद पदेन सदस्य, वैसे राज्यसभा के सदस्य जिनका गृह जिला उक्त जिले में अवस्थित है वे भी पदेन सदस्य होंगे। जिले के विधानसभा के सभी विधायक पदेन सदस्य, जिले के वैसे विधान परिषद के सदस्य जिनका गृह जिला उस जिले में स्थित है पदेन सदस्य के रूप में शामिल होंगे। जिला परिषद के अध्यक्ष, जिला नगर निगम के महापौर, नगर पर्षद, नगर पंचायत के अध्यक्ष पदेन सदस्य होंगे तो जिले के डीएम इस कमेटी के सदस्य सचिव होंगे। इसके अतिरिक्त डीडीसी, एसपी, सभी अनुमंडल पदाधिकारी, सभी जिला स्तरीय प्रशासनिक एवं तकनीकी पदाधिकारी, जिला लीड बैंक प्रबंधक, जिले में स्थित विभिन्न बैंकों के समन्वयक तथा नाबार्ड के डीडीएम भी पदेन सदस्य के रूप में काम करेंगे। समिति के मनोनीत नामित सदस्यों का कार्यकाल अधिसूचना जारी होने की तिथि से अगले आदेश तक मान्य होगा।
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राजनीति के जानकार बताते हैं कि नीतीश कुमार ने आगामी बिहार विधानसभा के चुनाव को देखते हुए बीस सूत्री कमेटी बनाई है। इसके माध्यम से सरकार जहां जिलों में विकास कार्यों को नियंत्रित कर पाएगी वहीं अपने कार्यकर्ताओं को संतुष्ट भी कर पाने में सफल होगी।
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नीतीश सरकार ने बिहार के सभी 38 जिलों में जिला स्तरीय कार्यक्रम कार्यान्वयन अर्थात 20 सूत्री समिति का गठन कर दिया है। शुक्रवार की देर रात इसकी जिलावार अधिसूचना जारी कर दी गई। गौर हो कि राज्य में जनवरी अंत में एनडीए सरकार के गठन के साथ ही महागठबंधन सरकार में बनी ये कमेटियां भंग कर दी गयी थीं। हर जिले में सत्ताधारी दलों से जुड़े राजनैतिक कार्यकर्ताओं को सेट किया गया है। शुक्रवार देर रात कैबिनेट विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार सभी जिलों में प्रभारी मंत्री अध्यक्ष बनाये गये हैं।
बीस सूत्री कमेट में एनडीए सरकार में शामिल भाजपा और जदयू समेत अन्य सहयोगी दलों हम और लोजपा रामविलास के जिलाध्यक्षों को बतौर उपाध्यक्ष कमेट में शामिल किया गया है। हर जिला समिति में एक अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष समेत कुल 25 सदस्य मनोनीत किये गये हैं। जिले के सभी लोकसभा और राज्यसभा सांसद, विधायक, विधान पार्षद, जिला परिषद के अध्यक्ष, नगर निगम के महापौर इसके पदेन सदस्य होंगे। वहीं, डीएम सचिव होंगे।
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कैबिनेट विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार सभी जिलों के प्रभारी मंत्री को अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं एनडीए सरकार में शामिल बीजेपी और जदयू के साथ लोजपा रामविलास और जीतनराम मांझी की पार्टी हम के जिलाध्यक्षों को उपाध्यक्ष बनाया गया है। जिले के प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में गठित 20 सूत्री कमेटी में लोकसभा सांसद पदेन सदस्य, वैसे राज्यसभा के सदस्य जिनका गृह जिला उक्त जिले में अवस्थित है वे भी पदेन सदस्य होंगे। जिले के विधानसभा के सभी विधायक पदेन सदस्य, जिले के वैसे विधान परिषद के सदस्य जिनका गृह जिला उस जिले में स्थित है पदेन सदस्य के रूप में शामिल होंगे। जिला परिषद के अध्यक्ष, जिला नगर निगम के महापौर, नगर पर्षद, नगर पंचायत के अध्यक्ष पदेन सदस्य होंगे तो जिले के डीएम इस कमेटी के सदस्य सचिव होंगे। इसके अतिरिक्त डीडीसी, एसपी, सभी अनुमंडल पदाधिकारी, सभी जिला स्तरीय प्रशासनिक एवं तकनीकी पदाधिकारी, जिला लीड बैंक प्रबंधक, जिले में स्थित विभिन्न बैंकों के समन्वयक तथा नाबार्ड के डीडीएम भी पदेन सदस्य के रूप में काम करेंगे। समिति के मनोनीत नामित सदस्यों का कार्यकाल अधिसूचना जारी होने की तिथि से अगले आदेश तक मान्य होगा।
राजनीति के जानकार बताते हैं कि नीतीश कुमार ने आगामी बिहार विधानसभा के चुनाव को देखते हुए बीस सूत्री कमेटी बनाई है। इसके माध्यम से सरकार जहां जिलों में विकास कार्यों को नियंत्रित कर पाएगी वहीं अपने कार्यकर्ताओं को संतुष्ट भी कर पाने में सफल होगी।