बिहार के कई जिलों में बाढ़ के हालात, गंडक और कोसी नदी में फिर उफान; भारत-नेपाल बॉर्डर रोड डूबा

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बिहार के कई जिलों में बाढ़ के हालात, गंडक और कोसी नदी में फिर उफान; भारत-नेपाल बॉर्डर रोड डूबा

बिहार के कई जिलों में बाढ़ के हालात, गंडक और कोसी नदी में फिर उफान; भारत-नेपाल बॉर्डर रोड डूबा

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जलग्रहण क्षेत्र में हो रही बारिश की वजह से उत्तर और पूर्वी बिहार की नदियों के जलस्तर में शुक्रवार को और बढ़ोतरी हुई। बिहार की करीब एक दर्जन छोटी-बड़ी नदियां खतरे के निशान से उपर बह रही हैं। भिट्ठामोड़-चोरौत एनएच 227 पर करीब तीन फीट बाढ़ का पानी आ जाने से आवागमन बाधित है। सोनबरसा में भारत नेपाल सीमा सड़क पर भी करीब तीन फीट पानी बह रहा है। 

पश्चिम चंपारण में गंडक, सीतामढ़ी में बागमती और अधवारा समूह की नदियां, मधुबनी के जयनगर में कमला और दरभंगा के कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड में कमला बलान उफना गई है। नदियों में पानी बढ़ने से पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण व सीतामढ़ी के निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं। उधर, अररिया जिले के नरपतगंज प्रखंड क्षेत्र की दरगाहीगंज पंचायत के वार्ड संख्या तीन स्थित सिमरबनी तथा खरसाही नहर का तटबंध टूट जाने से वार्ड संख्या 03 में पानी घुस गया है। 

 

वाल्मीकिनगर गंडक बराज से शुक्रवार शाम चार बजे 3.40 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इससे आसपास के निचले इलाकों में पानी भरने लगा है। जिले के पांच सौ परिवार गंडक नदी के पानी में घिरे हैं। जिले के मधुबनी प्रखंड में पीपी तटबंध पर नोज धंस गया है। योगापट्टी प्रखंड के सिसवा मंगलपुर व जरलपुर खुटवनिया के आधा दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। उधर, सुपौल और मधेपुरा जिले में कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई। कोसी नदी का जलस्तर कोसी बराज पर शुक्रवार शाम चार बजे  एक लाख 85 हजार 800 क्यूसेक डिस्चार्ज रिकॉर्ड किया गया। जल संसाधन विभाग वीरपुर के मुख्य अभियंता ई वरुण कुमार ने बताया कि कोसी बराज के 24 फाटक खोले गए हैं। 

सीतामढ़ी के ढेंग, सोनाखान, डूबाधार और कटौझा में बागमती खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। अधवारा नदी सुंदरपुर में और लालबकेया नदी गोआबाड़ी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। रातो नदी का पानी सुरसंड क्षेत्र के श्रीखंडी भिट्ठा सहित दिवारी मतौना, सिमियाही गांव में प्रवेश कर गया है।  दरभंगा में कमला बलान नदी का जलस्तर बढ़ने से कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड की इटहर पंचायत के सभी सात गांव बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं। खेत-खलिहान के बाद लोगों के घरों में भी बाढ़ का पानी घुस गया है। बाढ़ से लगभग 10 हजार की आबादी प्रभावित है। सात सरकारी विद्यालयों में पानी घुसने से पठन-पाठन ठप है। 

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वहीं कुर्साकांटा प्रखंड क्षेत्र होकर बहने वाली बकरा, भलुआ, लौहंद्रा, बरजान, परमान, मशना, लवकटरिया आदि नदियों के उफनाने से एक दर्जन से अधिक गांव के  निचले इलकों में पानी फैल गया है। पूर्णिया जिले में परमान नदी के जलस्तर में शुक्रवार को वृद्धि के बाद यह खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गई। गंडक के जलस्तर में तेजी से हो रही वृद्धि से एक बार फिर सारण तटबंध व छरकियों पर खतरा बढ़ गया है। गोपालगंज जिले के कुंठपुर, सिधवलिया, माझागढ़, बरौली व गोपालगंज सदर प्रखंडों के 26 गांवों में पहले से ही बाढ़ जैसे हालात हैं।

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