बिमटेक में राष्ट्रीय सेमिनार: ग्रामीण महिलाओं के डिजिटल सशक्तिकरण पर विशेषज्ञों ने दिए सुझाव – Jaipur News h3>
राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया।
बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी (बिमटेक) ने भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद के सहयोग से बुधवार को राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया। सेमिनार का विषय था- डिजिटल समावेशन के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना और एनजीओ की भूमिका।
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कार्यक्रम में आरोह फाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ. नीलम गुप्ता और स्कोर लाइवलीहुड फाउंडेशन के सह-संस्थापक मधुबन पांडे ने उद्घाटन भाषण दिया। मुख्य भाषण में ग्रामीण महिलाओं के लिए डिजिटल समानता के महत्व पर चर्चा हुई। साथ ही वर्तमान सरकारी पहल और नीतियों पर भी विचार-विमर्श किया गया।
बिमटेक की निदेशक डॉ. प्रवीणा राजीव ने कहा कि डिजिटल समावेशन के जरिए ग्रामीण महिलाओं का सशक्तिकरण राष्ट्रीय प्राथमिकता है। विकसित भारत 2047 की यात्रा में किसी को पीछे नहीं छोड़ा जाएगा।
सेमिनार में डिजिटल बाधाओं को तोड़ने पर विशेष चर्चा हुई। हैंड इन हैंड इंडिया, रेशम सूत्र और ग्रामीण फाउंडेशन जैसे संगठनों ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि डिजिटल साक्षरता से महिलाएं माइक्रो-उद्यम चला रही हैं। वे सरकारी योजनाओं का लाभ ले रही हैं और बड़े बाजारों से जुड़ रही हैं। इस तरह डिजिटल उपकरणों से उन्हें वित्तीय स्वतंत्रता मिल रही है।
सेमिनार का विषय था- डिजिटल समावेशन के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना और एनजीओ की भूमिका।
इसके बाद दो महत्वपूर्ण पैनल चर्चाएं आयोजित की गईं। 1- “डिजिटल समानता के उत्प्रेरक के रूप में एनजीओ’ज” – जिसमें एनजीओ’ज और स्वयं सहायता समूहों द्वारा समुदायों की तकनीकी अपनाने की यात्रा को आसान बनाने के लिए डिज़ाइन किए गए कार्यक्रमों पर चर्चा हुई।
2- “डिजिटल समावेशन का भविष्य: एआई, फ़िनटेक और आगे” – जिसमें उभरती तकनीकों जैसे एआई-आधारित उपकरण, मोबाइल बैंकिंग, यूपीआई और माइक्रो-फाइनेंस ऐप्स के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं की वित्तीय पहुँच में आए परिवर्तन पर प्रकाश डाला गया। इस सत्र में डेटा गोपनीयता, पहुंच, और समावेशिता जैसे नैतिक मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
आरोह फाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ. नीलम गुप्ता और स्कोर लाइवलीहुड फाउंडेशन के सह-संस्थापक मधुबन पांडे ने उद्घाटन भाषण दिया
सेमिनार में बिमटेक द्वारा चलाए जा रहे यूरोपीय संघ वित्तपोषित प्रोजेक्ट “KODECET” और “AIDEdu” के तहत संस्थान की समावेशी एवं सतत विकास में भूमिका पर विशेष सत्र प्रस्तुत किया गया। इसके अतिरिक्त “ISDM डेटा साइट का उपयोग” विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन हुआ।
प्रतिभागियों ने डिजिटल सशक्तिकरण के साझा उद्देश्य को लेकर सार्थक चर्चाएं और नेटवर्किंग की। यह आयोजन ICSSR शोध अनुदान ‘विजन विकसित भारत 2047 परियोजना’ के अंतर्गत, जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, लखनऊ और इंडियन स्कूल ऑफ डेवलपमेंट मैनेजमेंट (ISDM) के सहयोग से किया गया।