बिना लड़े, बिना शोर मचाए, बिग बॉस विनर बने थे राहुल, दिए थे 5 टिप्‍स ताकि कोई भी जीत सके यह शो

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बिना लड़े, बिना शोर मचाए, बिग बॉस विनर बने थे राहुल, दिए थे 5 टिप्‍स ताकि कोई भी जीत सके यह शो

बिना लड़े, बिना शोर मचाए, बिग बॉस विनर बने थे राहुल, दिए थे 5 टिप्‍स ताकि कोई भी जीत सके यह शो

क्या आपको राहुल रॉय याद हैं? 90 के दशक में राहुल रॉय ने फिल्म ‘आशिकी’ से तहलका मचा दिया था। इस फिल्म से राहुल रॉय रातोंरात स्टार बन गए थे। लेकिन यह स्टारडम राहुल रॉय का फिल्मी करियर नहीं संवार सका और वह फिल्मों से गायब होते चले गए। राहुल रॉय एक बार फिर तब सफलता की बुलंदियों पर पहुंचे, जब 2006 में उन्होंने ‘बिग बॉस’ के पहले सीजन में हिस्सा लिया और विनर बने। राहुल रॉय ने ‘बिग बॉस’ के पहले सीजन की ट्रॉफी जीतकर हैरान कर दिया था। बिग बॉस के घर में वह बेहद शांत नजर आते थे और कभी किसी झगड़े में नहीं फंसते थे। तब किसी ने नहीं सोचा था कि राहुल रॉय इस शो के विनर बनेंगे। क्या आप जानते हैं कि राहुल रॉय ने ‘बिग बॉस 1’ जीतने के लिए क्या रणनीति अपनाई थी? हर शुक्रवार को जब एविक्शन होता था तो वह क्या करते थे? आइए आपको बताते हैं।

नब्बे के दशक में फिल्मों से करियर शुरू करने वाले Rahul Roy का 9 फरवरी को 55वां बर्थडे है। राहुल ने जब 2006-2007 में ‘बिग बॉस’ का पहला सीजन जीता था, हर कोई देखता रह गया था। इंटरनैशनल रिएलिटी शो ‘बिग ब्रदर’ का यह हिंदी वर्जन तब इंडिया में शुरू ही हुआ था। पहला सीजन था और बहुत से लोगों ने ‘बिग ब्रदर’ देखा भी नहीं था। ऐसे में कोई नहीं जानता था कि ‘बिग बॉस’ जैसे शो को जीतने और उसमें महीने-दो महीने तक टिके रहने की क्या रणनीति है। पर राहुल रॉय न सिर्फ शो में 85 दिनों तक टिके रहे, बल्कि विनर भी बने। जीतने पर राहुल रॉय को एक करोड़ रुपये और ट्रॉफी मिली थी। राहुल रॉय ने ‘बिग बॉस 1’ के लिए अपनाई गई रणनीति से लेकर वो 5 बातें भी बताई थीं, जिनका ध्यान रखकर कोई भी इस रिएलिटी शो को जीत सकता है। यह इंटरव्यू उन्होंने 2007 में ‘रेडिफ’ को दिया था।

बिग बॉस 1 की ट्रॉफी के साथ राहुल रॉय और अरशद वारसी

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हर हफ्ते एविक्शन पर पहनते थे यह टी-शर्ट

‘बिग बॉस’ के पहले सीजन में राहुल रॉय हर हफ्ते एविक्शन के वक्त एक धार्मिक टाइप की टी-शर्ट पहने नजर आते थे। इस बारे में राहुल ने शो जीतने के बाद ‘रेडिफ’ से बातचीत में बताया था। राहुल ने एविक्शन पर धार्मिक टी-शर्ट पहने जाने की वजह के बारे में कहा था, ‘मुझे भगवान पर पूरा भरोसा है और इसलिए हर शुक्रवार को एविक्शन का फैसला मैं उन पर छोड़ देता हूं। मैं बस इसलिए वह टी-शर्ट पहनता था कि जिसे भी मैंने बेघर होने के लिए नॉमिनेट किया है, वह सही फैसला हो और कोई गलत बाहर न जाए।’

क्या थी राहुल रॉय की रणनीति?

राहुल रॉय ने ‘बिग बॉस’ के पहले सीजन में अपना इंट्रो देते हुए कहा था कि उन्होंने इस शो के अंग्रेजी वर्जन को देखा है और वह ‘बिग बॉस’ में वही रणनीति अपनाएंगे ताकि जीत जाएं। शो में राहुल रॉय अध्यात्म की स्ट्रैटिजी फॉलो करते नजर आए थे। तो क्या यह उनकी शो जीतने की रणनीति थी? क्या उन्होंने बिग बॉस के घर में टिके रहने के लिए कुछ एक्स्ट्रा किया था? इस बारे में पूछे जाने पर राहुल ने कहा था, ‘मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि अगर आप अध्यात्म को नहीं समझते हैं तो आप 87 दिनों तक न तो एक्टिंग कर सकते हैं, न ही कोई रणनीति बना सकते हैं। मैंने कुछ एक्स्ट्रा नहीं किया। मैं जैसा हूं, शो में वैसा ही था। मैं हमेशा एक वैरागी रहा हूं, लेकिन बिग बॉस एक ऐसी जगह थी, जहां मैं पूरे देश को दिखा पाया कि मैं ऐसा ही हूं।’

गेम प्लान पर यह बोले थे राहुल रॉय

राहुल रॉय का बिग बॉस 1 में क्या गेम प्लान था? इस बारे में उन्होंने इंटरव्यू में कहा था, ‘मेरा बिग बॉस के घर में कोई गेम प्लान नहीं था। मैंने हमेशा कहा कि यह ऐसा खेल है, जिसे खेला नहीं जा सकता। आप बस जैसे हो, वैसा ही रहना था। मुझे नहीं लगता कि लोग मुझे पूरी तरह से समझ पाएंगे। सिर्फ पुरानी पीढ़ी के वही लोग समझ पाएंगे जो हमारे शास्त्रों में पारंगत हैं।

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राहुल रॉय ने बताया था कैसे जीत सकते हैं ‘बिग बॉस’

वहीं कुछ साल बाद राहुल रॉय ने ‘टेली चक्कर’ से बातचीत में बताया था कि किस तरीके से ‘बिग बॉस’ का कोई भी सीजन जीता जा सकता है। राहुल रॉय ने इस बारे में 2016 में कहा था, ‘बिग बॉस पिछले कुछ सालों में काफी बदल चुका है, लेकिन अभी भी कुछ चीजें एकदम समान हैं।

1. लड़ो पर ध्यान रखो कहां और कब रुकना है
राहुल रॉय ने कहा था कि बिग बॉस के घर में हमेशा झगड़े होते हैं। लेकिन आपको बेहद समझदारी से अपने झगड़े और मुद्दे चुनने की जरूरत है। एक इंसान को यह समझने की जरूरत कि उसके गुस्से का क्या परिणाम हो सकता है। यह भी जानने की जरूरत है गुस्से और लड़ाई के बीच कहां रुकने की जरूरत है।

2. जो चाहते हो, वो क्लियर रखो
राहुल रॉय ने कहा था कि बिग बॉस के लिए एक क्लियर विजन होना भी जरूरी है। जरूरी है कि आप घरवालों और दर्शकों को क्लियर सिग्नल दें। आपको पता हो कि आप दर्शकों और घरवालों से क्या चाहते हैं। आपको पता होना चाहिए कि आप क्या कह रहे हैं और जो कह रहे हैं उसकी जिम्मेदारी लेने के भी तैयार रहना चाहिए।

3. ईमानदार रहिए और कोशिश करते रहिए
राहुल रॉय ने तीसरी बात जो ध्यान रखने लायक बताई थी वह थी- आपको ईमानदार रहने और जो कर रहे हैं, उसे लगातार करते रहने की जरूरत है। दर्शक बड़े शातिर होते हैं। उन्हें आसानी से समझ में आ जाता है कि आप एक्टिंग कर रहे हैं या फिर रियल हैं। आपकी ईमानदारी और एक जैसा बर्ताव असली खिलाड़ी की पहचान है। दर्शक भी उसी के लिए वोट करेंगे।

4. ग्रुप बनाने में जल्दबाजी पड़ सकती है भारी
राहुल रॉय ने आगे कहा कहा था कि ‘बिग बॉस’ में जाने के बाद गुट या ग्रुप बनाने की जल्दबाजी न करें। पहले सबको अच्छी तरह से परखें, समझें। अपने दोस्त और दुश्मन समझदारी से चुनें। जल्दबाजी में किसी को जज न करें। हर कंटेस्टेंट के साथ अच्छा वक्त बिताएं।

5. कुछ ऐसा न करें कि शर्मिंदगी हो
राहुल रॉय ने एक और काम की बात बताई थी। उन्होंने सलाह दी थी कि बिग बॉस के घर में बहुत सारे कैमरे होते हैं और सभी कंटेस्टेंट्स उनकी नजरों में रहते हैं। पूरी दुनिया उनकी हर हरकत देखती है। ऐसे में कंटेस्टेंट्स मजे तो करें, लेकिन कुछ ऐसा न करें कि शर्मिंदगी हो।