बार-बार ई-केवाईसी से आदिवासी परेशान, बड़वानी में प्रदर्शन: कहा- सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा, पलायन को मजबूर – Barwani News h3>
सरकार को जगाने के लिए महिलाओं ने पारंपरिक गीत गाए।
बड़वानी में मंगलवार को आदिवासी समुदाय ने सरकारी योजनाओं में ई-केवाईसी और कागजी कार्रवाई की अनिवार्यता के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। जागृत आदिवासी दलित संगठन के नेतृत्व में यह आंदोलन चल रहा है।
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प्रदर्शन में शामिल माधुरी बहन ने कहा कि केवाईसी, आधार अपडेट की अनिवार्यता से गरीब आदिवासी सरकारी योजनाओं से वंचित हो रहे हैं। हर विभाग के लिए अलग केवाईसी और दस्तावेज की आवश्यकता से लोगों को आर्थिक बोझ और परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बार-बार दस्तावेज अपडेट की मांग से आदिवासी परेशान
क्षेत्र में पलायन और बेरोजगारी बड़ी समस्या बन गई है। राशन व्यवस्था में सीमाएं और मजदूरी भुगतान में 3-4 महीने की देरी से आदिवासी समाज में नाराजगी है। ऑनलाइन व्यवस्था और बार-बार दस्तावेज अपडेट की मांग से आदिवासी समुदाय को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रदर्शन में शामिल होने बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंची।
मनरेगा में लोगों को काम नहीं मिल रहा
इन लोगों को पंचायत में मनरेगा योजना के तहत काम नहीं मिलता है। उन्होंने मांग की के पंचायत में मनरेगा के तहत लोगों को काम मिले और काम का रेट भी अच्छा मिले, क्योंकि उन्हें पंचायत में ठीक से मजदूरी नहीं मिलती है।
जिसके चलते वे लोग गुजरात, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में अपना घर छोड़ कर मजदूरी करने जाने को मजबूर हैं। पलायन कर बाहर जा रहे मजदूरों का पंचायत स्तर पर नियमित पंजीयन होना चाहिए।
मंच से महिलाओं ने क्षेत्र में पलायन का मुद्दा उठाया।
लेकिन, वह भी पूरी तरह फेल है। पंचायत स्तर पर आधे से ज्यादा पलायन कर रहे परिवारों की जानकारी नहीं है। जो पंचायत स्तर के आंकड़े हैं, उनसे दो-तीन गुना ज्यादा परिवार पलायन कर रहे हैं।
झंडा चौक पर आदिवासी समुदाय की आम सभा आयोजित की गई।
6 में से सिर्फ एक जनप्रतिनिधि पहुंचा
संगठन के हरसिंग जमरे ने बताया कि पिछले सप्ताह से 16 ग्राम पंचायतों में जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपे गए हैं। मंगलवार को जिला मुख्यालय के झंडा चौक पर आदिवासी समुदाय की आम सभा आयोजित की गई।
इस सभा में दो सांसदों और चार विधायकों को आमंत्रित किया गया था। हालांकि, केवल बड़वानी विधायक राजन मंडलोई ही उपस्थित हुए। लोकसभा सांसद गजेंद्र सिंह पटेल और राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी ने प्रदेश से बाहर होने का कारण बताया। तीन अन्य विधायकों ने भी विभिन्न कारणों से अनुपस्थिति जताई।