बायो सीएनजी प्लांट: 6 दिन में निगम ने गेल इंडिया को बेची 2.91 लाख की गैस – Gwalior News h3>
प्रदेश की आदर्श गोशाला लाल टिपारा में चालू हुआ बायो सीएनजी प्लांट पूरी क्षमता से गैस का उत्सर्जन नहीं कर पा रहा है। कारण, जिन निगम अफसरों पर 30 टन गोबर और 20 टन गीला कचरा से एकत्रित कराने का जिम्मा है वे इसमें रुचि नहीं ले रहे हैं। इस कारण वर्तमान म
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गेल इंडिया से किए अनुबंध के आधार पर निगम ने 6 दिन में 2.91 रुपए का राजस्व मिल चुका है। प्लांट पूरी क्षमता से चले इसके लिए निगम आयुक्त संघ प्रिय कई बार अधिकारियों को निर्देश दे चुके हैं। निगमायुक्त ने हाल ही में विधानसभा के सभी स्वास्थ्य अधिकारी, जोनल हेल्थ आफिसर और गौशाला प्रभारी को लिखित में जिम्मेदारी दी है। इसके बाद भी मैदान में कोई कसावट नजर नहीं आ रही है।
गोबर एकत्रित करने के लिए यह बनाया प्लान
- विधानसभा स्तर पर स्वास्थ्य अधिकारी: डेयरियों, दुग्ध उत्पादन संस्था में पशुओं की गणना कर जानकारी उपायुक्त स्वास्थ्य को देंगे। इससे गोबर का संग्रहण आसान होगा। होटल, रेस्टारेंट, मैरिज गार्डन, मंडी आदि से खाद्य पदार्थ को संग्रहण कर सीबीजी प्लांट पहुंचाएंगे।
- जोनल हेल्थ अधिकारी: डेयरी और दुग्ध केंद्रों से गोबर का संग्रहण कराकर प्लांट पहुंचाएंगे। डेयरी और दुग्ध केंद्र संचालक गोबर न देकर सड़क पर डालते पर जुर्माना करेंगे।
- गौशाला प्रभारी: विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले गोबर को गौशाला में धर्मकांटा से तोल कराकर रिकार्ड तैयार करेंगे। इससे गड़बड़ी नहीं होगी।
अधिकारियों की जिम्मेदारी तय, कार्रवाई होगी
^अभी स्वच्छ सर्वेक्षण के चलते स्टाफ व्यस्त था। अब ड्यूटी आदेश निकालकर जिम्मेदारी दे दी गई है। बायो सीएनजी प्लांट पर शेष गोबर और गीला कचरा पहुंचाया जाएगा। कोई जिम्मेदार लापरवाही बरतेगा तो एक्शन लूंगा। -संघ प्रिय, आयुक्त ननि
200 दिन में 42 लाख की गैस नष्ट
अधिकारियों की लापरवाह के कारण गेल इंडिया से अनुबंध करने में 200 दिन का वक्त लग गया। कभी फाइल निगम मुख्यालय तो कभी एमआईसी के बीच घुमती रही। इन दिनों में 42 लाख की गैस तो बायो सीएनजी प्लांट में जलाकर नष्ट कर दी गई। 2 अक्टूबर 2024 को प्लांट का लोकार्पण हुआ था। तब से रोज प्लांट पर औसतन 400 किलो गैस तैयार हो रही थी।
फिलिंग स्टेशन की अनुमति नहीं मिली: बायो सीएनजी प्लांट से अभी लोग गैस नहीं ले सकेंगे। इसका कारण है कि कलेक्टर कार्यालय से फिलिंग स्टेशन चालू करने के लिए एनओसी नहीं मिल पाई है। कलेक्टर कार्यालय से अनुमति मिलने के बाद पेशो से भी अनुमति आवश्यक है। तब ही फिलिंग पंप चालू हो पाएगा।
अभी 50 टन मिल रहा गोबर: निगम को गौशाला से ही रोज औसतन 50 टन गोबर मिल रहा है। उसी से रोज 1000 किलो गैस तैयार हो रही है। इसे गेल इंडिया ने 21 अप्रैल से खरीदना शुरू किया है। निगम ने अभी 26 से 30 अप्रैल तक का बिल जनरेट किया है। उक्त बिल 58.82 रुपए प्रति किलो के हिसाब से 2,91,842 रुपए का हुआ है। निगम को हो रही अतिरिक्त आय के बाद भी 30 टन गोबर और 20 टन कचरा या 20 टन और गोबर निगम के अफसर कलेक्ट नहीं करा पा रहे है।