बर्खास्त मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा बोले- उन्हें सच बोलने की सजा मिली, जानिए क्या है राजस्थान के आपराधिक आंकड़ों की हकीकत

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बर्खास्त मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा बोले- उन्हें सच बोलने की सजा मिली, जानिए क्या है राजस्थान के आपराधिक आंकड़ों की हकीकत

बर्खास्त मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा बोले- उन्हें सच बोलने की सजा मिली, जानिए क्या है राजस्थान के आपराधिक आंकड़ों की हकीकत

जयपुर: महिला अत्याचारों को लेकर बर्खास्त मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा का कहना है कि मुख्यमंत्री जी ने उन्हें सच बोलने की सजा दी है। गुढ़ा ने कहा कि वे अपने बयान पर अभी भी कायम है। शुक्रवार को विधानसभा में गुढ़ा ने कहा था कि हम महिलाओं की सुरक्षा करने में असफल रहे हैं। ऐसे में हमें मणिपुर से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। मणिपुर में महिलाओं के साथ हुए अत्याचारों से तुलना करते हुए राजस्थान सरकार पर सवाल उठाने पर सीएम गहलोत ने गुढ़ा को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया। आइए एक नजर डालते हैं राजस्थान के आपराधिक आंकड़ों पर….

करीब 10 फीसदी अपराध बढ़े

राजस्थान पुलिस की अधिकृत वेबसाइट पर प्रदेश के आपराधिक आंकड़े मौजूद हैं। वर्ष 2020 में कुल 2,60,378 प्रकरण दर्ज हुए थे। वर्ष 2021 में यह आंकड़ा बढकर 2,84,569 पहुंच गए। वर्ष 2022 में प्रदेश में दर्ज विभिन्न मुकदमों की संख्या 3 लाख 12 हजार 804 पहुंच गई। यह आंकड़ा गत वर्ष की तुलना में 9.92 फीसदी अधिक है। यानी प्रदेश में करीब 10 फीसदी आपराधिक आंकड़ें बढे हैं।

गंभीर प्रवृति के अपराधिक आंकड़ें यहां पढे़ें

अपराध वर्ष 2020 2021 2022
हत्या 1719 1786 1836
लूट 1155 1485 1622
डकैती 76 78 104
अपहरण 6234 7717 8928
बलात्कार 5310 6337 7093

इन आंकड़ों से यह ज्ञात होता है कि वर्ष 2021 की तुलना में वर्ष 2022 में हर तरह के अपराधों में बढ़ोतरी हुई है। हत्या के मामले गतवर्ष की तुलना में 2.69 प्रतिशत बढ़े हैं। इसी तरह लूट के मामलों में 9.23 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। डकैती के मामले 33.33 प्रतिशत, अपहरण के मामले 15.69 प्रतिशत और बलात्कार के मामले 11.93 प्रतिशत बढ़े हैं।

अब महिला अत्याचारों के आंकड़ों पर एक नजर डालें

अपराध वर्ष 2020 2021 2022
दहेज हत्या 479 452 451
दहेज प्रताड़ना 13,765 16949 18847
दहेज के लिए आत्महत्या 190 193 210
छेड़छाड़ 8661 9079 9866

महिलाओं पर हुए अत्याचारों के आंकड़ों में दहेज के लिए हुई हत्या की वारदातों में 0.22 फीसदी की कमी आई है जबकि शेष सभी तरह के अपराध बढ़े हैं। महिला उत्पीड़न यानी धारा 498ए के प्रकरणों में 11.20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। इसी तरह दहेज के लिए आत्महत्या के मामलों में 8.81 और छेड़छाड़ के मामलों में 8.67 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। (रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)

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