बरौनी तेल डिपो से नहीं निकला एक भी टैंकर, बिहार से नेपाल तक पेट्रोल पंप पर ड्राई स्टॉक का खतरा बढ़ा

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बरौनी तेल डिपो से नहीं निकला एक भी टैंकर, बिहार से नेपाल तक पेट्रोल पंप पर ड्राई स्टॉक का खतरा बढ़ा

बरौनी तेल डिपो से नहीं निकला एक भी टैंकर, बिहार से नेपाल तक पेट्रोल पंप पर ड्राई स्टॉक का खतरा बढ़ा

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मोटर परिवहन अधिनियम के विरोध में ट्रांसपोर्टरों व ड्राइवरों की हड़ताल के कारण बिहार के कई जिलों में सब्जी, मछली और फल मंडियों के साथ-साथ खाद्यान्नों की आपूर्ति प्रभावित हुई है। वहीं हड़ताल के दूसरे दिन भी आईओसीएल, एचपीसीएल तथा बीपीसीएल के मार्केटिंग टर्मिनल में पेट्रोलियम पदार्थों की लोडिंग ठप रही। आईआईसीएल के मार्केटिंग टर्मिनल से प्रतिदिन 300 से 400 टैंकर, एचपीसीएल से 150 तथा बीपीसीएल से 80 टैंकर लोड होती है लेकिन हड़ताल के कारण दूसरे दिन भी एक भी टैंकर की लोडिंग नहीं हुई। तीनों टर्मिनल के उत्तर बिहार के कई जिलों समेत पड़ोसी देश नेपाल तक डीजल,पेट्रोल, केरोसिन की आपूर्ति होती है। चालकों के दो दिनों की हड़ताल की वजह से उतर बिहार के कई जिलों समेत नेपाल में पेट्रोलियम पदार्थों की आपूर्ति ठप है। गौरतलब है कि हिट एंड रन अधिनियम के विरोध में सभी प्रकार के वाहन चालक 1 जनवरी से तीन दिनों के हड़ताल पर हैं।

वर्ष 2023 में केन्द्र सरकार के द्वारा मोटर परिवहन अधिनियम में किये गये संशोधन (हिट एंड रन) के विरोध में सभी प्रकार के वाहन चालकों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। चालकों के हड़ताल की वजह से आईओसीएल, बीपीसीएल तथा एचपीसीएल के मार्केटिंग टर्मिनल में मंगलवार को भी एक भी टैंकर लोड नहीं हुआ। दिनभर तीनों तेल टर्मिनल परिसर में वीरानी छायी रही। टैंकर परिचालन से जुड़ें लोगों ने बताया कि केन्द्र सरकार मोटर परिवहन अधिनियम में संशोधन कर उनके साथ ज्यादती कर रही है।

ड्राइवरों की हड़ताल से ट्रांसपोर्ट ठप, सब्जियों के दाम बढ़े, मंडियों में एक-दो दिन का बचा है स्टॉक

मंगलवार को ट्रांसपोर्टर व डीलर लोड लेने के लिए चालकों के साथ कई राउंड की बातचीत भी की। लेकिन चालक अपनी मांगों पर अड़ें रहे। दूसरी ओर सड़कों पर भी सामान्य दिनों की तुलना में काफी कम वाहनों का परिचालन हुआ। चालकों ने हड़ताल पर रहते हुए कई चौक चौराहे पर धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया। बरौनी प्रखंड मुख्यालय तथा तिलरथ के समीप वाहन चालकों ने सड़क को जाम कर प्रदर्शन किया।

हड़ताल लंबा खिंचा तो खाद्यान्न होगा प्रभावित : 

बिहार राज्य खाद्यान्न व्यवसायी संघ के महासचिव नवीन कुमार ने बताया कि फिलहाल खाद्यान्न का मंडियों में पर्याप्त स्टॉक है। लेकिन ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल लंबी खिंची तो इसका असर खाद्यान्न आपूर्ति पर पड़ेगा। उन्होंने बताया कि कोलकाता बंदरगाह से प्रतिदिन विदेशी दलहन, दाल और मसूर आदि की 50 टन आपूर्ति पटना जिला में होती है। वहीं राजस्थान से प्रतिदिन 10 बड़ी गाड़ियों(25 टन) से खाद्यान्न तेल की आपूर्ति पटना जिला में होती है। हड़ताल के कारण दलहन और तेल की आपूर्ति बाधित है। व्यवसायी संघ के महासचिव ने कहा कि एक सप्ताह तक ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल रही तो खाद्यान्न की कीमतों में महंगाई बढ़ेगी।

ट्रेन से मंगा रहे सब्जियां :  

हड़ताल के कारण ट्रकों की व्यवस्था नहीं होने पर सब्जी कारोबारियों की ट्रेनों पर निर्भरता बढ़ी है। ट्रेनो से सब्जियां मंगाने वाले कारोबारियों की संख्या पटना में बढ़ी है। मीठापुर सब्जी मंडी के थोक विक्रेता रामकुमार साव बताते हैं कि उत्तर प्रदेश से शिमला मिर्च पिकअप से आता था। लेकिन पिकअप नहीं मिलने पर सौ डिब्बा शिमला मिर्च मंगाया गया है। गुजरात से भिंडी ट्रेन से मंगायी गई है। ट्रांसपोर्टर हड़ताल के कारण केरल से कटहल की आपूर्ति बाधित है। उत्तर प्रदेश के जलौन से मटर का आर्डर ट्रांसपोर्टरों द्वारा ट्रक नहीं देने के कारण रद्द करना पड़ा। मीठापुर मंडी से बिहार शरीफ भेजने के लिए भी गाड़ियों का इंतजाम नहीं होने के कारण गाजर का सौदा नहीं भेजा जा सका। गोबी और बैगन दलसिंह सराय से और मिर्चा, टमाटर, मटर, सूर्यगढ़ा, मुंगेर और आरा से लोकल माल मंगाने में भी परेशानी हो रही है। टमाटर की आपूर्ति चतरा से कल तक आयी है।

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