बनास नदी से बजरी के बाद अब पत्थरों का अवैध खनन हो रहा – Tonk News h3>
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जिले में बनास नदी में बजरी का ताबड़तोड़ दोहन करने के बाद खनन माफियाओं की नजर अब नदी के पत्थरों पर है। नदी के सूखे हिस्सों में मौजूद चट्टानों को तोड़कर पत्थरों का अवैध खनन शुरू हो गया है।
हाल में टोंक की पुरानी बनास पुलिया के नीचे पानी में डूबने से हुई 8 लोगों की मौत के बाद बनास नदी में खनन फिर से चर्चा में है। NEWS4SOCIALने मौके पर जाकर बनास नदी में हो रहे पत्थरों के अवैध खनन का भंडाफोड़ किया। इस अवैध खनन से अंजान खनिज विभाग के अधिकारी भी यह जानकारी मिलने के बाद हैरान हैं। क्योंकि पहाड़ों पर अवैध रूप से ब्लास्टिंग कर पत्थरों का खनन तो होता रहा है, लेकिन इन दिनों राष्ट्रीय राजमार्ग 52 बनास पुलिया के पास वैष्णो देवी मंदिर के पीछे दह (गहरे पानी) के पास मौजूद चट्टानों के पत्थरों अवैध खनन किया जा रहा है। NEWS4SOCIALपड़ताल में पाया गया है दोपहर में वहां चट्टानों को तोड़कर पत्थरों को अज्ञात खनन माफिया चोरी कर रहे हैं।
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स्थानीय लोग बताते हैं कि यहां रात के अंधेरे में पत्थर तोड़कर ले जाया जा रहा है। ना तो पुलिस और ना ही अन्य जिम्मेदार अधिकारी इन लोगों पर कार्रवाई कर रहे है। हालांकि दैनिक NEWS4SOCIALकी ओर से खनिज विभाग के इस संबंध में सवाल करने के बाद सामने आया कि नदी के बीच चट्टानों पर खनन की उन्हें भी उम्मीद नहीं थी। विदित रहे बरौनी थानांतर्गत वैष्णोदेवी मंदिर के पीछे जिन चट्टानों का अवैध रुप से तोड़कर पत्थर चोरी किए जा रहे है, उसके पास स्थित दह (गहरे पानी) में नहाने के दौरान पहले भी कई हादसे हो चुके है।
^बनास नदी में पत्थर खनन को लेकर कोई खनन पट्टा नहीं है, पूर्व बजरी की लीज ज़रुर थी, लेकिन वह भी खत्म हो चुकी है। लेकिन नदी के बीच चट्टानों के पत्थर तोड़कर अवैध रूप से खनन किया जाना गंभीर मामला है। नदी में जिस जगह चट्टानें तोड़कर खनन किया जा रहा है, वहां टीम भिजवाकर नियमानुसार कार्रवाई करेंगे। – सोहनलाल सुथार, माइनिंग इंजीनियर, टोंक।
बनास में जहां चट्टानें तोड़कर अवैध रूप से खनन का नया मामला सामने आया है। वहीं वनक्षेत्र में स्थित पहाड़ों पर रोजाना ब्लास्टिंग करने के बाद अवैध रूप से पत्थर खनन कर ट्रैक्टर ट्रॉलियां खुलेआम परिवहन किया जा रहा है। पुरानी टोंक निवासी अशोक बैरवा ने बताया कि पहाड़ों पर होने वाली ब्लास्टिंग और तेज रफ्तार से दौड़ते पत्थर से भरे ट्रेक्टर-ट्रॉलियां की आवाज लोगों की नींद में खलल डालती हैं। 6 से 7 फीट ऊंची चट्टानों में भी अवैध पत्थर खनन जारी है।
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जिले में बनास नदी में बजरी का ताबड़तोड़ दोहन करने के बाद खनन माफियाओं की नजर अब नदी के पत्थरों पर है। नदी के सूखे हिस्सों में मौजूद चट्टानों को तोड़कर पत्थरों का अवैध खनन शुरू हो गया है।
हाल में टोंक की पुरानी बनास पुलिया के नीचे पानी में डूबने से हुई 8 लोगों की मौत के बाद बनास नदी में खनन फिर से चर्चा में है। NEWS4SOCIALने मौके पर जाकर बनास नदी में हो रहे पत्थरों के अवैध खनन का भंडाफोड़ किया। इस अवैध खनन से अंजान खनिज विभाग के अधिकारी भी यह जानकारी मिलने के बाद हैरान हैं। क्योंकि पहाड़ों पर अवैध रूप से ब्लास्टिंग कर पत्थरों का खनन तो होता रहा है, लेकिन इन दिनों राष्ट्रीय राजमार्ग 52 बनास पुलिया के पास वैष्णो देवी मंदिर के पीछे दह (गहरे पानी) के पास मौजूद चट्टानों के पत्थरों अवैध खनन किया जा रहा है। NEWS4SOCIALपड़ताल में पाया गया है दोपहर में वहां चट्टानों को तोड़कर पत्थरों को अज्ञात खनन माफिया चोरी कर रहे हैं।
स्थानीय लोग बताते हैं कि यहां रात के अंधेरे में पत्थर तोड़कर ले जाया जा रहा है। ना तो पुलिस और ना ही अन्य जिम्मेदार अधिकारी इन लोगों पर कार्रवाई कर रहे है। हालांकि दैनिक NEWS4SOCIALकी ओर से खनिज विभाग के इस संबंध में सवाल करने के बाद सामने आया कि नदी के बीच चट्टानों पर खनन की उन्हें भी उम्मीद नहीं थी। विदित रहे बरौनी थानांतर्गत वैष्णोदेवी मंदिर के पीछे जिन चट्टानों का अवैध रुप से तोड़कर पत्थर चोरी किए जा रहे है, उसके पास स्थित दह (गहरे पानी) में नहाने के दौरान पहले भी कई हादसे हो चुके है।
^बनास नदी में पत्थर खनन को लेकर कोई खनन पट्टा नहीं है, पूर्व बजरी की लीज ज़रुर थी, लेकिन वह भी खत्म हो चुकी है। लेकिन नदी के बीच चट्टानों के पत्थर तोड़कर अवैध रूप से खनन किया जाना गंभीर मामला है। नदी में जिस जगह चट्टानें तोड़कर खनन किया जा रहा है, वहां टीम भिजवाकर नियमानुसार कार्रवाई करेंगे। – सोहनलाल सुथार, माइनिंग इंजीनियर, टोंक।
बनास में जहां चट्टानें तोड़कर अवैध रूप से खनन का नया मामला सामने आया है। वहीं वनक्षेत्र में स्थित पहाड़ों पर रोजाना ब्लास्टिंग करने के बाद अवैध रूप से पत्थर खनन कर ट्रैक्टर ट्रॉलियां खुलेआम परिवहन किया जा रहा है। पुरानी टोंक निवासी अशोक बैरवा ने बताया कि पहाड़ों पर होने वाली ब्लास्टिंग और तेज रफ्तार से दौड़ते पत्थर से भरे ट्रेक्टर-ट्रॉलियां की आवाज लोगों की नींद में खलल डालती हैं। 6 से 7 फीट ऊंची चट्टानों में भी अवैध पत्थर खनन जारी है।