बदल रही समाज की सोचः निसंतान दंपतियों के घर की रौनक बन रहीं गोद ली बेटियां | Childless couples are adopting daughters | News 4 Social h3>
बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया आसान
राजकीय शिशु गृह की अधीक्षक डॉ. आस्था शर्मा ने बताया कि बच्चा गोद लेने के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। नए दंपती भी इसमें रुचि दिखा रहे हैं। इसकी प्रक्रिया सरकार ने बहुत आसान कर दी है। बच्चा गोद लेने के लिए पहले कारा पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद जहां से बच्चा गोद लेना चाहते हैं, वहां ऑफलाइन दस्तावेज जमा करवाने होंगे। उसके बाद होम स्टडी रिपोर्ट बनती है। फिर वेटिंग लिस्ट शुरू होती है। बच्चा गोद लेने में दो वर्ष का समय लगता है।
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सुरक्षित रूप से करें बच्चे का परित्याग
भारत सरकार ने बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया के साथ ही क्रेडल केन्द्र बनाए थे, जहां माता-पिता अपने बच्चों को कचरे और झाडियों में फेंकने की जगह सुरक्षित रूप से परित्याग कर सकते हैं। यहां से बच्चे को सरकार अपने पास रख लेती है। वहां उसकी पूरी तरह देखभाल की जाती है। इस तरह के केन्द्र राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों और कुछ डिस्पेंसरी में स्थापित किए गए हैं। यह एजेंसी पूरी तरह गोपनीय तरीके से काम करती है। इसमें आपकी पहचान उजागर नहीं होती है। राजस्थान में विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण की 35 एजेंसी के साथ क्रेडल केन्द्र काम कर रहा है।
तीन श्रेणियों के बच्चे आते हैं शिशु गृह
अनाथ बच्चे
जिन बच्चों को झाड़ियों में फेंक देते हैं
जो माता-पिता बच्चा नहीं रखना चाहते हैं, वे खुद यहां छोड़ देते हैं शादी के कई वर्ष बाद भी जब हमारा आंगन सूना रहा तो मैंने और मेरे पति ने बच्चा गोद लेने की ठानी। कारा में आवेदन करने के बाद भी हमें दो से तीन साल इंतजार करना पड़ा। इसके बाद हमें झुंझुनूं से बेटी मिली। जब हमने गोद लिया तो वह महज पांच माह की थी और आज वह दो साल की हो चुकी है। मैं और मेरे पति बेहद खुश हैं। मेरी बेटी हम दोनों के जीवन की खुशी है।
सपना शर्मा, दुर्गापुरा
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5 वर्ष में इतने लड़के और इतनी लड़कियां गईं गोद
देश में
वर्ष लड़के लड़कियां 2019 — 20 60 97 2020 — 21 41 82 2021 — 22 54 74 2022 — 23 46 56
2023 — 24 37 49 कुल 238 358
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विदेश में… वर्ष लड़के लड़कियां 2019 — 20 06 12 2020 — 21 11 13 2021 — 22 07 07
2022 — 23 08 07 2023 — 24 04 04 कुल 36 43
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बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया आसान
राजकीय शिशु गृह की अधीक्षक डॉ. आस्था शर्मा ने बताया कि बच्चा गोद लेने के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। नए दंपती भी इसमें रुचि दिखा रहे हैं। इसकी प्रक्रिया सरकार ने बहुत आसान कर दी है। बच्चा गोद लेने के लिए पहले कारा पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद जहां से बच्चा गोद लेना चाहते हैं, वहां ऑफलाइन दस्तावेज जमा करवाने होंगे। उसके बाद होम स्टडी रिपोर्ट बनती है। फिर वेटिंग लिस्ट शुरू होती है। बच्चा गोद लेने में दो वर्ष का समय लगता है।
सुरक्षित रूप से करें बच्चे का परित्याग
भारत सरकार ने बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया के साथ ही क्रेडल केन्द्र बनाए थे, जहां माता-पिता अपने बच्चों को कचरे और झाडियों में फेंकने की जगह सुरक्षित रूप से परित्याग कर सकते हैं। यहां से बच्चे को सरकार अपने पास रख लेती है। वहां उसकी पूरी तरह देखभाल की जाती है। इस तरह के केन्द्र राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों और कुछ डिस्पेंसरी में स्थापित किए गए हैं। यह एजेंसी पूरी तरह गोपनीय तरीके से काम करती है। इसमें आपकी पहचान उजागर नहीं होती है। राजस्थान में विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण की 35 एजेंसी के साथ क्रेडल केन्द्र काम कर रहा है।
तीन श्रेणियों के बच्चे आते हैं शिशु गृह
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जिन बच्चों को झाड़ियों में फेंक देते हैं
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सपना शर्मा, दुर्गापुरा
5 वर्ष में इतने लड़के और इतनी लड़कियां गईं गोद
देश में
वर्ष लड़के लड़कियां 2019 — 20 60 97 2020 — 21 41 82 2021 — 22 54 74 2022 — 23 46 56
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