बड़ी खबर: स्कूल-कॉलेजों ने यूनिफॉर्म और किताबों के लिए दबाव बनाया तो जाएंगे जेल | Private school colleges can not force to buying books uniform from particular shop SDM take action FIR | News 4 Social

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बड़ी खबर: स्कूल-कॉलेजों ने यूनिफॉर्म और किताबों के लिए दबाव बनाया तो जाएंगे जेल | Private school colleges can not force to buying books uniform from particular shop SDM take action FIR | News 4 Social

बड़ी खबर: स्कूल-कॉलेजों ने यूनिफॉर्म और किताबों के लिए दबाव बनाया तो जाएंगे जेल | Private school colleges can not force to buying books uniform from particular shop SDM take action FIR | News 4 Social

यहां जाने क्या है आदेश और किसने किया है जारी

भोपाल के जिला कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने ये नया आदेश जारी किया है। इस आदेश के मुताबिक अब प्राइवेट स्कूल-कॉलेज या इंस्टिट्यूशन में पेरेंट्स पर दबाव बनाने वाले संचालकों पर या कॉलेजों पर आईपीसी की धारा 188 के अंतर्गत केस दर्ज किया जाएगा।

यहां पढ़ें पूरा आदेश

– भोपाल जिला कलेक्टर के इस नए आदेश में कहा गया है कि नया एकेडमिक सेशन शुरू होते ही कई प्राइवेट स्कूल और कॉलेज इंस्टीट्यूट पेरेंट्स पर यूनिफॉर्म और किताबों के साथ ही अन्य स्टेशनरी बेचने में लग जाते हैं। पेरेंट्स को बाध्य किया जाता है कि वे स्कूल से ही बुक्स और यूनिफॉर्म या स्टेशनरी खरीद सकते हैं। लेकिन अब आप ऐसा नहीं कर सकते हैं।

– जो भी स्कूल सीबीएसई या आईसीएसई बोर्ड से संबद्ध हैं, उन्हें भी मध्य प्रदेश राजपत्र असाधारण दिनांक 2 दिसंबर 2020 स्कूल शिक्षा मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल में उल्लेखित निर्देशों का पालन करना होगा।

नोटिस बोर्ड पर लगानी होगी बुक लिस्ट

– आदेश में यह भी कहा गया है कि स्कूलों के लिए ये भी अनिवार्य है कि वे नए एकेडेमिक सेशन से पहले बुक राइटर, पब्लिकेशन के नाम और उसके प्राइस के साथ क्लास वाइज किताबों की लिस्ट स्कूल के नोटिस बोर्ड पर लगाएं।

– ताकि पेरेंट्स उन्हें किसी भी बुक शॉप से खरीद सकें।

वेबसाइट पर भी जारी करनी होगी लिस्ट

– आदेश में यह भी कहा गया है कि नोटिस बोर्ड पर बुक लिस्ट लगाने के साथ ही सिलेबस की किताबें और पब्लिकेशन की जानकारी स्कूल की वेबसाइट पर भी जारी करनी होगी।

– यही लिस्ट ईमेल आईडी [email protected] पर भी भेजनी होगी।

– किसी भी शिक्षण सामग्री पर स्कूल कॉलेज का नाम नहीं होना चाहिए।

– आदेश में ये भी स्पष्ट किया गया है कि स्कूल के नोटिस बोर्ड पर ये भी लिखा होना चाहिए कि किताबें या यूनिफॉर्म किसी खास दुकान से खरीदे जाने को लेकर बाध्यता नहीं है। आप इन्हें कहीं से भी खरीद सकते हैं।

आदेश के पालन के लिए जिम्मेदार होंगे ये अधिकारी

बता दें कि नए एकेडेमिक सेशन 2024-25 के लिए जारी किए गए नए आदेश पर सख्ती से पालन की जिम्मेदारी भी तय की गई है। संबंधित एसडीएम या जिला शिक्षा अधिकारी को इस आदेश का पालन कराना सुनिश्चित करना होगा।

उल्लंघन करने पर इस धारा में दर्ज होगा केस

आदेश में कहा गया है कि आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति, स्कूल प्रिंसिपल, मैनेजर के खिलाफ आईपीसी सेक्शन 188 के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि इसके साथ ही संचालकों की मनमानी पर धार-144 के तहत बंदिश भी लगाई है।

यानी अब प्रदेश भर के प्राइवेट स्कूल-कॉलेज के संचालक बच्चों पर यूनिफॉर्म, जूते, टाई, किताबें, कॉपियां, बैग स्कूल से या किसी निर्धानित दुकानों से खरीदने का दबाव नहीं बना पाएंगे। कलेक्टर ने अगले शिक्षा सत्र के लिए ये सख्त निर्देश दिए हैं।

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