बड़ा और परेड चौराहा पर फिर कटेंगे चालान: ट्रैफिक सिग्नल फिर लगाए जाएंगे; इस बार AI से लैस होंगे कैमरे, ट्रैफिक करेंगे कंट्रोल – Kanpur News h3>
परेड और बड़ा चौराहा पर ट्रैफिक सिग्नल फिर से लगाए जाएंगे।
दो साल बाद चुन्नीगंज से नयागंज के बीच चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल फिर से बहाल होंगे। मेट्रो ने अंडरग्राउंड सेक्शन निर्माण के दौरान ट्रैफिक सिग्नल हटा दिए थे। शहर के सबसे व्यस्ततम चौराहों में से एक बड़ा चौराहा और परेड चौराहा पर ट्रैफिक सिग्नल के साथ ऑनल
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मेट्रो ने नगर निगम को भेजी डिजाइन कानपुर मेट्रो के परियोजना प्रबंधक-1ए सुनील कुमार के मुताबिक नगर निगम को पत्र भेजकर चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल लगाने के लिए प्लान तैयार करने के लिए कहा गया है। परेड और बड़ा चौराहा पर मेट्रो द्वारा सिग्नल व्यवस्था सुचारू रूप से लगाकर दी जाएगी। पूरा खर्च भी मेट्रो द्वारा उठाया जाएगा।
बड़ा चौराहा पर सिग्नल लगाने के लिए डिजाइन की गई तैयार।
फिर से ऑनलाइन चालान कटेंगे कानपुर स्मार्ट सिटी के आईटी मैनेजर राहुल सब्बरवाल ने बताया कि चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल, पैन टिल्ट जूम कैमरा, आरएलवीडी (रेड लाइट वॉयलेशन डिडेक्शन कैमरा) समेत सीसीटीवी कैमरा लगाए जाएंगे। इसके साथ ही एलईडी स्क्रीन पैनल भी हटाए गए थे, उन्हें भी इंस्टॉल किया जाएगा।
AI से लैस होंगे कैमरे, ट्रैफिक करेंगे कंट्रोल IT मैनेजर के मुताबिक अब सर्विलांस के लिए लगाए गए कैमरों में AI का भी प्रयोग किया जाएगा। इसके लिए सॉफ्टवेयर से कैमरों को ही नई लर्निंग दी गई है। इसकी मदद से चौराहों पर लगे कैमरे ट्रैफिक सेंस करने लगे हैं। जिस तरफ ज्यादा भीड़ होगी, उस तरफ ग्रीनलाइट ज्यादा देर तक जलेगी। इसके अलावा भीड़ को भी सेंस करेंगे।
ऐसे काम करेगा कैमरों में एआई खास सॉफ्टवेयर के जरिए किसी भी कैमरे या मशीन को ऐसे प्रोग्राम किया जाता है, जिससे वे इंसानी दिमाग की तरह सोच सकें। इसके 3 मुख्य प्रोसेस होते हैं।
नगर निगम मुख्यालय स्थित ICCC से काटे जाते हैं ऑनलाइन चालान।
लर्निंग: इसमें इंफॉर्मेशन डाली जाती है। इसके कुछ रूल्स बनाए जाते हैं। इससे कैमरे उन रूल्स को फॉलो करते हुए काम करते हैं। रीजनिंग: इसके तहत कैमरों को ये इंस्ट्रक्शन दी जाती है कि वो उनके बनाए सभी रूल्स का पालन करें और 100% रिजल्ट दें। सेल्फ करेक्शन: कैमरों को दी गई कई तरह की लर्निंग के बाद सॉफ्टवेयर के जरिए खुद फैसले लेते हैं। लर्निंग के बाद इंसानों की तरह सोचकर रिजल्ट के रूप में अलर्ट जारी करते हैं।