बजट से दिल्ली-NCR को क्या-क्या मिल रहा, जानिए बजट के बड़े अपडेट
दिल्ली-नोएडा वालों की नजर बजट पर हैं कि उनके लिए वित्त मंत्री के पिटारे से क्या निकलेगा। दिल्ली में इस समय मेट्रो फेज-4 का काम चल रहा है और कई हाइवे प्रोजेक्ट पर भी काम जारी है। दिल्ली को वर्ल्ड क्लास सिटी बनाने के लिए वित्त मंत्री की ओर से इस साल क्या घोषणा होगी, इस पर दिल्लीवालों की नजर रहेगी। उधर दिल्ली का नौकरीपेशा वर्ग इनकम टैक्स सीमा में छूट की उम्मीद लगाए है, क्या इस बार उसकी उम्मीद पूरी होगी, यह कुछ देर में पता चलेगा। पिछले कई बजट से नौकरीपेशा वर्ग निराश रहा है, इसलिए बढ़ती महंगाई के बीच इस बार उम्मीद है कि चुनावी बजट में मिडिल क्लास को कुछ राहत मिल जाए। सूत्रों का कहना है कि नए डायरेक्ट टैक्स रिजीम को ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए इसके स्लैब्स में बदलाव किया जा सकता है। गुंजाइश बनी, तो सरकार छूट की सीमा भी बढ़ा सकती है।
पिछली बार ज्यादा बजट मिला था मेट्रो को
मेट्रो प्रोजेक्ट्स के लिए आबंटित किए गए बजट में पिछले साल बढ़ोतरी तो की गई थी। पिछले कुछ सालों से वित्त मंत्रालय देशभर में चल रहे मेट्रो प्रोजेक्ट्स के लिए शहरी आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय को एकमुश्त बजट आवंटित करता है और फिर यूडी मिनिस्ट्री अलग-अलग शहरों के मेट्रो प्रोजेक्ट्स की जरूरतों के हिसाब से उन्हें फंड एलोकेट करता है। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए देशभर के मेट्रो प्रोजेक्ट्स के बजट आवंटित किया गया है। पिछले साल मेट्रो प्रोजेक्ट्स के लिए केवल 232 करोड़ रुपए ज्यादा मिले थे। दिल्ली में मेट्रो के फेज-4 का काम प्रगति पर है, ऐसे में माना जा रहा है कि बजट में इस साल भी कुछ मेट्रो प्रोजेक्ट्स के लिए दिल्ली मेट्रो को मिल सकता है। हालांकि, सूत्रों ने यह भी बताया कि मेट्रो प्रोजेक्ट्स के लिए आवंटित बजट की साल में दो-तीन बार समीक्षा भी की जाती है और अगर कहीं पर अतिरिक्त बजट की आवश्यकता महसूस होती है, तो साल के बीच में भी मंत्रालय के अलग से बजट आवंटित करता है, ताकि मेट्रो प्रोजेक्ट्स पर चल रहा काम ना रुके।
कई प्रोजेक्ट को रफ्तार मिलने की उम्मीद
दिल्ली-मेरठ के बीच बनाई जा रही रैपिड रेल का निर्माण करने वाली कंपनी एनसीआर ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन के लिए पिछले बजट में 4710 करोड़ रुपये का आवंटित किए गए थे। दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट को मार्च-2025 तक पूरा किया जाना है। इसलिए बजट में इस प्रोजेक्ट के लिए भी कुछ उम्मीद है। बता दें कि मार्च-2023 तक रैपिड रेल का 17 किमी का कॉरिडोर पैसेंजर सर्विस के लिए शुरू किया जाना है। इस साल 17 किमी के प्रोजेक्ट को पूरा किया जाना है। इसलिए इस प्रोजेक्ट की रफ्तार के लिए बजट में उम्मीद है।
उधर, इस बजट से राजधानी के लोगों को भी ढेरों उम्मीदें हैं। व्यापारी, किसान, छात्र, निजी नौकरीपेशा के साथ रिटायर्ड पेंशनर और गृहणियां भी बजट से राहत मिलने की आस लिए बैठे हैं। ज्यादातर लोग इनकम टैक्स स्लैब में छूट के साथ महंगाई से भी निजात चाहते हैं।
व्यापारीः इनकम टैक्स में मिले छूट
छोटी-मोटी दुकान चलाने वाले और अपना काम-धंधा करने वाले व्यापारी वर्ग को उम्मीद है कि इनकम टैक्स में छूट मिले। उनका कहना है आखिरी बार साल 2014 में इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया था। उन्हें उम्मीद है कि इस साल स्लैब में बदलाव से टैक्स में कुछ छूट मिलेगी।
स्टूडेंटः एजुकेशन लोन में छूट की उम्मीद
बजट से एजुकेशन लोन सस्ता होने की उम्मीद स्टूडेंट वर्ग को है। हायर स्टडीज के लिए लोन लेकर पढ़ाई करने वाले छात्र इसमें कुछ राहत चाहते हैं। साथ ही इस प्रक्रिया को अधिक सरल बनाए जाने की बात कही है। इसके अलावा छात्रों के लिए बजट में सरकार से छात्रवृत्ति राशि को बढ़ाने और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए विशेष योजना लागू करने की उम्मीद है।
निजी नौकरीपेशाः इनकम टैक्स में मिले छूट
दिल्ली के नौकरीपेशा वर्ग को उम्मीद है कि बजट से सैलरी क्लास को इनकम टैक्स में मिलने वाली छूट मिलेगी। उनका कहना है कि इस बार वित्त मंत्री को स्लैब में बदलाव के लिए कोई बड़ी घोषणा करनी चाहिए।
सीनियर सिटिजनः ट्रेनों में दोबारा मिले छूट
ट्रेनों में सीनियर सिटिजन को मिलने वाली छूट खत्म होने पर काफी समय से यह वर्ग नाराज चल रहा है। अब वह उम्मीद कर रहे हैं कि बजट में सीनियर सिटीजंस के लिए कुछ छूट की घोषणा हो। उनका कहना है कि बुजुर्गों के लिए ट्रेन के टिकट में मिलने वाली छूट की सुविधा फिर से मिलनी चाहिए।
गृहिणीः रसोई गैस के दाम गिरने की उम्मीद
गृहिणी को पूरी उम्मीद इस बात पर टिकी है कि इस बार उनकी किचन पर पड़ने वाला भार कुछ कम होगा। रसोई गैस की बढ़ती कीमतों, ग्रॉसरी के बढ़े बजट से किचन की जो बजट बिगड़ा है, उसमें इस बजट में कुछ राहत मिलेगी, ऐसी उम्मीद है। गृहिणियों को बजट में कुछ बड़ा ऐलान होने की उम्मीद है। उनका कहना है कि सरकार को ऐसी नीति जारी करनी चाहिए ताकि रसोई गैस सिलिंडर के दाम में कमी आए।