बछवाड़ा प्रखंड के 70 प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में नहीं है चहारदीवारी
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बछवाड़ा, निज संवाददाता। सरकारी स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के नाम पर अब तक कोई भी काम नहीं चल रहा है। प्रखंड के सभी 120 प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में से 70 स्कूल आज भी चहारदीवारी विहीन हैं। ये स्कूल परिसर मवेशियों के लिए चरागाह बने हैं।
स्कूल परिसर में माल- मवेशियों के सरपट दौड़ने से बच्चों व शिक्षकों की जान सांसत में रहती है। स्कूल परिसर होकर ट्रैक्टर व अन्य वाहनों की बेरोकटोक आवाजाही कराई जा रही है। कई स्कूल परिसर के बीचो-बीच आम रास्ता बना हुआ है। इससे स्कूल में छात्रों के पठन-पाठन पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि सरकारी योजनाओं में शिलान्यास व टेंडर हो जाने के बाद भी काम पूरा होने की कोई गारंटी नहीं है। इस बात का नमूना प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय नारेपुर अयोध्या टोल, उत्क्रमित मध्य विद्यालय लक्ष्मण टोल, उत्क्रमित मध्य विद्यालय चमथा गोप टोल व प्राथमिक विद्यालय झमटिया में देखने को मिलता है। ग्रामीणों ने बताया कि इन स्कूलों में जिला परिषद योजना से वर्ष 2018 में ही चहारदीवारी निर्माण योजना की स्वीकृति मिली थी। योजना की स्वीकृति मिलने के कुछ दिनों बाद ही योजना का विभागीय टेंडर भी हुआ। टेंडर के बाद तत्कालीन जिला पार्षद पूनम देवी ने उस समय उत्क्रमित मध्य विद्यालय नारेपुर अयोध्या टोल में पहुंचकर योजना का शिलान्यास भी कर दिया था। फिर चहारदीवारी निर्माण कार्य को अब तक ठंडे बस्ते में रखा गया है। ग्रामीणों ने बताया कि करीब छह माह पूर्व जिप योजना से अन्य कई स्कूलों में चहारदीवारी बनवाने के लिए एचएम से कर्मियों ने एनओसी लिया था किंतु स्कूलों में चहारदीवारी निर्माण कार्य शुरू नहीं कराया जा सका है। प्रखंड के आधे से अधिक सरकारी स्कूलों में चहारदीवारी नहीं है। ग्रामीणों ने कहा कि कन्या मध्य विद्यालय नारेपुर, प्राथमिक विद्यालय सूरो संस्कृत, मध्य विद्यालय चमथा बड़खुट, मध्य विद्यालय दादुपुर, उत्क्रमित मध्य विद्यालय नारेपुर दियारा अनुसूचित, प्राथमिक विद्यालय जोकहा, प्राथमिक विद्यालय रेलवे कॉलोनी समेत दर्जनों स्कूल परिसर चहारदीवारी के अभाव में असुरक्षित है।
कहते हैं अधिकारी
पंचायती राज विभाग की ओर से जारी पत्र के आलोक में चहारदीवारी विहीन स्कूलों में अब मनरेगा व पंचायती राज संस्थाओं द्वारा भी चहारदीवारी का निर्माण कराया जा सकता है। स्कूलों में चहारदीवारी निर्माण योजनाओं को प्राथमिकता के तौर पर चलाने के लिए संबंधित पंचायत के मुखिया व अन्य पंचायत प्रतिनिधियों को पत्र जारी किया गया है।
– अभिषेक राज, बीडीओ बछवाड़ा
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
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बछवाड़ा, निज संवाददाता। सरकारी स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के नाम पर अब तक कोई भी काम नहीं चल रहा है। प्रखंड के सभी 120 प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में से 70 स्कूल आज भी चहारदीवारी विहीन हैं। ये स्कूल परिसर मवेशियों के लिए चरागाह बने हैं।
स्कूल परिसर में माल- मवेशियों के सरपट दौड़ने से बच्चों व शिक्षकों की जान सांसत में रहती है। स्कूल परिसर होकर ट्रैक्टर व अन्य वाहनों की बेरोकटोक आवाजाही कराई जा रही है। कई स्कूल परिसर के बीचो-बीच आम रास्ता बना हुआ है। इससे स्कूल में छात्रों के पठन-पाठन पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि सरकारी योजनाओं में शिलान्यास व टेंडर हो जाने के बाद भी काम पूरा होने की कोई गारंटी नहीं है। इस बात का नमूना प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय नारेपुर अयोध्या टोल, उत्क्रमित मध्य विद्यालय लक्ष्मण टोल, उत्क्रमित मध्य विद्यालय चमथा गोप टोल व प्राथमिक विद्यालय झमटिया में देखने को मिलता है। ग्रामीणों ने बताया कि इन स्कूलों में जिला परिषद योजना से वर्ष 2018 में ही चहारदीवारी निर्माण योजना की स्वीकृति मिली थी। योजना की स्वीकृति मिलने के कुछ दिनों बाद ही योजना का विभागीय टेंडर भी हुआ। टेंडर के बाद तत्कालीन जिला पार्षद पूनम देवी ने उस समय उत्क्रमित मध्य विद्यालय नारेपुर अयोध्या टोल में पहुंचकर योजना का शिलान्यास भी कर दिया था। फिर चहारदीवारी निर्माण कार्य को अब तक ठंडे बस्ते में रखा गया है। ग्रामीणों ने बताया कि करीब छह माह पूर्व जिप योजना से अन्य कई स्कूलों में चहारदीवारी बनवाने के लिए एचएम से कर्मियों ने एनओसी लिया था किंतु स्कूलों में चहारदीवारी निर्माण कार्य शुरू नहीं कराया जा सका है। प्रखंड के आधे से अधिक सरकारी स्कूलों में चहारदीवारी नहीं है। ग्रामीणों ने कहा कि कन्या मध्य विद्यालय नारेपुर, प्राथमिक विद्यालय सूरो संस्कृत, मध्य विद्यालय चमथा बड़खुट, मध्य विद्यालय दादुपुर, उत्क्रमित मध्य विद्यालय नारेपुर दियारा अनुसूचित, प्राथमिक विद्यालय जोकहा, प्राथमिक विद्यालय रेलवे कॉलोनी समेत दर्जनों स्कूल परिसर चहारदीवारी के अभाव में असुरक्षित है।
कहते हैं अधिकारी
पंचायती राज विभाग की ओर से जारी पत्र के आलोक में चहारदीवारी विहीन स्कूलों में अब मनरेगा व पंचायती राज संस्थाओं द्वारा भी चहारदीवारी का निर्माण कराया जा सकता है। स्कूलों में चहारदीवारी निर्माण योजनाओं को प्राथमिकता के तौर पर चलाने के लिए संबंधित पंचायत के मुखिया व अन्य पंचायत प्रतिनिधियों को पत्र जारी किया गया है।
– अभिषेक राज, बीडीओ बछवाड़ा
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