बंद होने के कगार पर वोडाफोन आइडिया, 2.3 लाख करोड़ पहुंच चुका है कर्ज
रिपोर्ट के अनुसार, इससे बाजार में केवल दो कंपनियां रिलायंस जियो (Reliance Jio) और भारती एयरटेल (Bharti Airtel) रह जाएंगी। इस कारण लॉन्ग टर्म में दो कंपनियों के एकाधिकार की स्थिति को लेकर चिंता है। ब्रोकरेज कंपनी के अनुसार, टेलिकॉम कंपनियों के आम चुनाव के बाद ही जून, 2024 में शुल्क दरें बढ़ाने की संभावना है। इसका कारण रिटेल महंगाई के आरबीआई के संतोषजनक दायरे से ऊपर होना तथा राज्यों में होने वाले चुनाव हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘टैरिफ रेट्स में बढ़ोतरी में देरी से वोडाफोन आइडिया पर प्रतिकूल असर पड़ेगा और उसका बाजार में टिके रहना कठिन होगा। इससे दो कंपनियों के एकाधिकार की स्थिति पैदा होगी। इसमें कहा गया है कि वोडाफोन आइडिया को 4जी दायरा बढ़ाने और 5जी सेवाएं शुरू करने के लिए निवेश बढ़ाने की जरूरत है।
क्यों आई ऐसी नौबत
रिपोर्ट में आगाह करते हुए कहा गया है कि अगर कंपनी ने निवेश नहीं किया, तो उसकी बाजार हिस्सेदारी घटती जाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘हमारे अनुमान के अनुसार, वोडाफोन आइडिया को अगले 12 माह 5,500 करोड़ रुपये की नकदी की कमी का सामना करना पड़ सकता है और दरें नहीं बढ़ने या पूंजी जुटाने में देरी से उसे अपना परिचालन भी बंद करना पड़ सकता है।’ ब्रोकरेज कंपनी ने वोडाफोन आइडिया की रेटिंग भी निलंबित कर दी है। उसने साफ किया है कि 2.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक कर्ज और बाजार हिस्सेदारी में कमी की आशंका को देखते हुए कोष जुटाना कंपनी के लिए टेढ़ी खीर है। कंपनी के शेयर की कीमत सोमवार को कारोबार के दौरान छह रुपये रह गई जो इसका 52 हफ्ते का न्यूनतम स्तर है।
ग्राहकों का क्या होगा
31 दिसंबर, 2022 के आंकड़ों के मुताबिक वोडाफोन आइडिया के देश में करीब 23 करोड़ ग्राहक हैं। यह कस्टमर बेस के हिसाब से देश की तीसरी और दुनिया की 11वीं सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी है। सवाल यह है कि अगर कंपनी बंद हुई तो ग्राहकों का क्या होगा। ग्राहकों को कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है। अगर कंपनी अपना कामकाज बंद करती है तो ग्राहकों को दूसरी टेलिकॉम कंपनियों में पोर्ट करने के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा। नियमों के मुताबिक टेलिकॉम कंपनियों को भारत में अपना कामकाज बंद करने से पहले ग्राहकों को कम से कम 30 दिन का एडवांस नोटिस देना होता है। इस बारे में टेलिकॉम रेग्युलेटर ट्राई (TRAI) को 60 दिन पहले नोटिस देना होता है।
अगर कोई ग्राहक अपना नंबर रीटेन करना चाहता है तो उसके पास किसी और सर्विस प्रोवाइडर के पास जाने का विकल्प है। वह नया मोबाइल कनेक्शन भी ले सकता है। साल 2018 में जब एयरसेल ने अपनी सर्विस बंद की थी सब्सक्राइबर्स को दूसरा ऑपरेटर खोजना पड़ा था। ट्राई ने उन्हें यूनीक पोर्टिंग कोड दिया था जिसके जरिए वे मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी चुन सकते थे। उन्हें दूसरे नेटवर्क को चुनने के लिए अक्टूबर 2019 तक की समयसीमा दी गई थी। जो लोग तब तक पोर्टिंग रिक्वेस्ट भेजने में नाकाम रहे उन्हें अपना नंबर सरेंडर करना पड़ा।
(भाषा से इनपुट के साथ)