बंगाल में हिंसा के विरोध में विहिप ने निकाली पदयात्रा: राष्ट्रपति शासन लागू कराने व घटना की NIA से जांच की मांग, ज्ञापन सौंपा – Kanpur News

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बंगाल में हिंसा के विरोध में विहिप ने निकाली पदयात्रा:  राष्ट्रपति शासन लागू कराने व घटना की NIA से जांच की मांग, ज्ञापन सौंपा – Kanpur News

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बंगाल में हिंसा के विरोध में विहिप ने निकाली पदयात्रा: राष्ट्रपति शासन लागू कराने व घटना की NIA से जांच की मांग, ज्ञापन सौंपा – Kanpur News

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सरसैया घाट से पदयात्रा निकाले विहिप कार्यकर्ता

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बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंदुओं के साथ हो रही हिंसा के विरोध में विश्व हिंदू परिषद ने सरसैया घाट से कलक्ट्रेट तक पदयात्रा निकाली गई। कार्यकर्ता जय श्रीराम, पश्चिम बंगाल सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए कलक्ट्रेट पहुंचे, जहां उन्होंने राष्ट्रपति को

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राजीव महाना ने कहा कि वक्फ कानून के विरोध की आड़ में बंगाल को हिंसा की आग में जलाया जा रहा है, हिंदुओं को प्रताड़ित किया जा रहा है। जिससे बंगाल की स्थिति चिंताजनक है। मुर्शिदाबाद से शुरू हुई हिंसा अब पूरे बंगाल में फैलती दिख रही है। शासकीय तंत्र दंगाइयों के सामने निष्क्रिय है।

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500 हिंदू परिवारों ने किया पलायन

विश्व हिंदू परिषद प्रांत मंत्री राजू पोरवाल ने कहा कि 11 अप्रैल को वक्फ कानून के विरोध के नाम पर किया गया हिंसक प्रदर्शन कानून बनाने वाली सरकार के विरोध में नहीं, बल्कि हिंदुओं पर हिंसक आक्रमण के रूप में था। जबकि हिंदू समाज का इस कानून के निर्माण में कोई भूमिका नहीं थी।

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भीड़ ने हिंदुओं के 200 से अधिक घरों और दुकानों को लूट कर जलाया, सैकड़ों हिंदुओं को बुरी तरह घायल किया व तीन नागरिकों की निर्मम हत्या की गई। जिससे 500 से अधिक हिंदू परिवारों को पलायन करना पड़ा। उन्होंने कहा कि बंगाल में बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठियों को आने दिया जा रहा है।

असमाजिक तत्वों के निर्देश पर प्रशासन कर रहा काम

हिंदू का अस्तित्व खतरे में पड़ चुका है। कानून व्यवस्था खत्म हो चुकी है। तृणमूल के असामाजिक तत्व व गुंडो के नियंत्रण व निर्देश पर ही प्रशासन काम करने के लिए मजबूर है। विभाग मंत्री गौरांग ने कहा कि बंगाल में तत्काल राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। बंगाल की हिंसा की जांच NIA के द्वारा करवाई जाए व कानून व्यवस्था का संचालन केंद्रीय सुरक्षा बलों के हाथों में दिया जाए।

पदयात्रा में यह लोग हुए शामिल

पदयात्रा में रामानंद महाराज, गोल्डन बाबा, महिला संत जया दीदी, गोविंद दास, साक्षी चेता, विवेक द्विवेदी, रामगोपाल द्विवेदी, मोहित, पंकज शुक्ला, ओमेंद्र अवस्थी, अमरनाथ मौजूद रहे।

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