फिजी में भी दिखा भोजपुरी लोकगीतों का जलवा: गोरखपुर के राकेश उपाध्याय के लोकगीतों पर झूमें अंग्रेज, विदेश में भी मिला सम्मान – Gorakhpur News h3>
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गोरखपुर की सांस्कृतिक पहचान बन चुके सुप्रसिद्ध भोजपुरी लोकगायक राकेश उपाध्याय को फिजी की राजधानी सुवा में आयोजित अंतरराष्ट्रीय गिरमिटिया समारोह के दौरान सम्मानित किया गया। यह सम्मान फिजी के उप प्रधानमंत्री बिमान प्रसाद ने भारत के उच्चायुक्त सुनित मेह
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प्रधानमंत्री समेत कई मंत्री रहे मौजूद
राकेश उपाध्याय भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) की ओर से 9 सदस्यीय सांस्कृतिक दल के साथ 9 से 18 मई तक फिजी दौरे पर थे। यात्रा के पहले दिन लम्बासा स्थित सुब्रेल पार्क में हुए भव्य समारोह में उन्होंने लोकगीतों और नृत्य की प्रस्तुति दी। इस कार्यक्रम में फिजी के प्रधानमंत्री सितिबेनी राबुका, भारत की विदेश राज्यमंत्री पवित्रा मार्ग्रेटा और फिजी के एथनिक मंत्री चरनजीत सिंह मौजूद रहे। राकेश की प्रस्तुति ने वहां मौजूद हजारों लोगों का दिल जीत लिया। करतल ध्वनि से पूरा आयोजन स्थल गूंज उठा।
सुवा में मुख्य कार्यक्रम, उप प्रधानमंत्री ने मंच से दी सराहना
मुख्य आयोजन 15 मई को सुवा के जापान आईसीटी सेंटर में हुआ, जहां उप प्रधानमंत्री बिमान प्रसाद ने मंच से भोजपुरी में बोलते हुए अपने पुरखों की स्मृतियों को साझा किया। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने पूर्वजों के लोकगीत सुनने की उत्कंठा रहती है। उन्होंने राकेश उपाध्याय की गायकी की विशेष सराहना की और मंच पर सम्मानित किया। कार्यक्रम में “बिदेशिया”, “भारत का परिचय गीत”, “कहरवा” और “अयोध्या से जुड़ा बधाई गीत” की प्रस्तुति दी गई, जिसने भारतीय संस्कृति की झलक फिजीवासियों के दिलों तक पहुँचा दी।
लोगों में फोटो खिंचवाने की होड़
इस अवसर पर फिजी में भारत के उच्चायुक्त सुनित मेहता भी मौजूद रहे। कार्यक्रम के बाद लोगों में राकेश उपाध्याय और उनकी टीम के साथ फोटो खिंचवाने की होड़ मच गई। फिजी की सनातन धर्म सभा सहित कई सामाजिक संगठनों ने भी अलग-अलग स्थानों पर उनका स्वागत और सम्मान किया।
दक्षिण अफ्रीका से सिंगापुर तक दे चुके हैं सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
राकेश इससे पहले दक्षिण अफ्रीका, बैंकाक, मस्कट (ओमान), नीदरलैंड और सिंगापुर जैसे देशों में भी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दे चुके हैं। फिजी यात्रा के बाद उन्होंने भारतीय उच्चायोग और स्वामी विवेकानंद भारतीय सांस्कृतिक केंद्र का आभार जताया। उन्होंने कहा कि गुरु गोरक्षनाथ की कृपा से लोगों का जो स्नेह और आशीर्वाद मिला, वह अविस्मरणीय है।