फास्ट फूड का नशा भी है खतरनाक, युवाओं को स्वस्थ रहने के लिए सावधान रहना होगा | Addiction fast food also dangerous youth careful stay healthy | News 4 Social
मोबाइल भी एक नशा है
कार्यक्रम में बोलते हुए डॉ. सुधा शर्मा ने कहा कि तंबाकू, शराब और ड्रग्स की तरह मोबाइल भी एक प्रकार का नशा है। हमें इस पर भी काम करने की जरूरत है। युवाओं को रील लाइफ को छोड़कर रियल लाइफ से जुड़ना जरुरी है। पढ़ाई के साथ लाइफ स्किल्स पर भी काम करना है। युवाओं को किताबों के साथ ही बुजुर्गों से भी जुड़ना चाहिए। उनके अनुभवों से सीखना चाहिए।
नींद भी एक खतरनाक बीमारी
सिफ्सा के मंडलीय परियोजना अधिकारी आनंद चौबे ने कहा कि मोबाइल और नशे के बाद नींद बहुत ही खतरनाक बीमारी की तरह उभर कर आई है। हमें अपनी दिनचर्या को सुधारने की जरूरत है। नशे से दूर होने के लिए किताबें अच्छा माध्यम हो सकती हैं।
किताबें हैं नशे से बचने का अच्छा माध्यम
अनिरुद्ध रावत ने कहा कि अगर आप किताब खरीद कर नहीं पढ़ते हैं तो लेखक की मेहनत का अपमान कर रहे हैं। डॉ. संतोष पांडेय ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आप जैसे हैं वैसे ही बहुत अच्छे हैं आप जैसा दूसरा कोई व्यक्तित्व नहीं हैं। अगर आपको कभी लगे की आप अकेले हो गए हैं तो किताबों से दोस्ती कर लीजिए। इससे आप नशे से बचेंगे और अपने दोस्तों को भी बचा सकेंगे।
फास्ट फूड का नशा भी है खतरनाक
डॉ. शुभांगी निगम ने कहा कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए फास्ट फूड के नशे से भी दूर रहना होगा।
एनएसएस का प्रयास
राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यकारी समन्वयक प्रो. मुन्ना तिवारी ने कहा कि एनएसएस लगातार समाज में फैली कुरीतियों के विरुद्ध लोगों को जागरूक करता रहता है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम
कार्यक्रम के अंत में नीरज एंड पार्टी ने लोकगीतों के माध्यम से लोगों का मनोरंजन किया।
उपस्थित अतिथि
इस अवसर पर डॉ अचला पाण्डेय, डॉ सुनीता वर्मा, डॉ सुधा दिक्षित, डॉ विपिन प्रसाद, नवीन चंद पटेल, डॉ प्रेमलता श्रीवास्तव, द्युती मालिनी, अकांक्षा सिंह, अजय शंकर तिवारी, शिवम शर्मा, विशाल, मनीष समेत बड़ी संख्या में स्वयंसेवक मौजूद रहे।
मोबाइल भी एक नशा है
कार्यक्रम में बोलते हुए डॉ. सुधा शर्मा ने कहा कि तंबाकू, शराब और ड्रग्स की तरह मोबाइल भी एक प्रकार का नशा है। हमें इस पर भी काम करने की जरूरत है। युवाओं को रील लाइफ को छोड़कर रियल लाइफ से जुड़ना जरुरी है। पढ़ाई के साथ लाइफ स्किल्स पर भी काम करना है। युवाओं को किताबों के साथ ही बुजुर्गों से भी जुड़ना चाहिए। उनके अनुभवों से सीखना चाहिए।
नींद भी एक खतरनाक बीमारी
सिफ्सा के मंडलीय परियोजना अधिकारी आनंद चौबे ने कहा कि मोबाइल और नशे के बाद नींद बहुत ही खतरनाक बीमारी की तरह उभर कर आई है। हमें अपनी दिनचर्या को सुधारने की जरूरत है। नशे से दूर होने के लिए किताबें अच्छा माध्यम हो सकती हैं।
किताबें हैं नशे से बचने का अच्छा माध्यम
अनिरुद्ध रावत ने कहा कि अगर आप किताब खरीद कर नहीं पढ़ते हैं तो लेखक की मेहनत का अपमान कर रहे हैं। डॉ. संतोष पांडेय ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आप जैसे हैं वैसे ही बहुत अच्छे हैं आप जैसा दूसरा कोई व्यक्तित्व नहीं हैं। अगर आपको कभी लगे की आप अकेले हो गए हैं तो किताबों से दोस्ती कर लीजिए। इससे आप नशे से बचेंगे और अपने दोस्तों को भी बचा सकेंगे।
फास्ट फूड का नशा भी है खतरनाक
डॉ. शुभांगी निगम ने कहा कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए फास्ट फूड के नशे से भी दूर रहना होगा।
एनएसएस का प्रयास
राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यकारी समन्वयक प्रो. मुन्ना तिवारी ने कहा कि एनएसएस लगातार समाज में फैली कुरीतियों के विरुद्ध लोगों को जागरूक करता रहता है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम
कार्यक्रम के अंत में नीरज एंड पार्टी ने लोकगीतों के माध्यम से लोगों का मनोरंजन किया।
उपस्थित अतिथि
इस अवसर पर डॉ अचला पाण्डेय, डॉ सुनीता वर्मा, डॉ सुधा दिक्षित, डॉ विपिन प्रसाद, नवीन चंद पटेल, डॉ प्रेमलता श्रीवास्तव, द्युती मालिनी, अकांक्षा सिंह, अजय शंकर तिवारी, शिवम शर्मा, विशाल, मनीष समेत बड़ी संख्या में स्वयंसेवक मौजूद रहे।