फर्जी मस्टर रोल लगाकर मजदूरों की राशि निकाल रहे: आदिवासी महिला सरपंच ने ग्राम रोजगार सहायक पर लगाए आरोप – Singrauli News

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फर्जी मस्टर रोल लगाकर मजदूरों की राशि निकाल रहे:  आदिवासी महिला सरपंच ने ग्राम रोजगार सहायक पर लगाए आरोप – Singrauli News
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फर्जी मस्टर रोल लगाकर मजदूरों की राशि निकाल रहे: आदिवासी महिला सरपंच ने ग्राम रोजगार सहायक पर लगाए आरोप – Singrauli News

सिंगरौली के जनपद पंचायत देवसर की ग्राम पंचायत चटनिहा में आदिवासी महिला सरपंच और ग्राम रोजगार सहायक के बीच विवाद गहराता जा रहा है। सरपंच सोनकली सिंह ने ग्राम रोजगार सहायक भुवनेश्वर प्रसाद जायसवाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

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जायसवाल पंचायत भवन में उपस्थित नहीं रहते हैं। वे न तो हितग्राहियों के काम करते हैं और न ही सरपंच के फोन उठाते हैं। सरपंच का आरोप है कि मजदूरों के वास्तविक मस्टररोल की जगह फर्जी मस्टररोल लगाकर राशि निकाल ली जाती है। इससे वास्तविक श्रमिकों को अपनी मजदूरी के लिए भटकना पड़ता है।

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एक और गंभीर आरोप यह है कि जायसवाल पंचायत के वेंडरों के बजाय अपने गृह ग्राम सरई के वेंडरों के नाम से फर्जी बिल लगा देते हैं। साथ ही हितग्राहियों से अनुचित राशि की मांग भी करते हैं।

सरपंच एक साल से इन अनियमितताओं की शिकायत जनपद और जिला पंचायत सीईओ से कर रही हैं, लेकिन जिला पंचायत सीईओ ने सिर्फ नोटिस जारी कर कार्रवाई को सीमित कर दिया है। ग्रामीण मजदूरों का कहना है कि इसके पीछे राजनीतिक और अन्य कारण हैं।

कारण बताओ नोटिस का जवाब भी नहीं दिया

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सरपंच ने पूरे दस्तावेजों के साथ कई बार जिला एवं जनपद सीईओ से शिकायत की। जहां जिला पंचायत सीईओ ने जीआरएस भुवनेश्वर प्रसाद जायसवाल को पिछले वर्ष 18 नवंबर को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। हैरानी की बात है कि जीआरएस ने सीईओ के नोटिस का जवाब भी नहीं दिया और न ही उपस्थित हुआ।

फिर सीईओ ने 18 दिसंबर 2024 को जीआरएस को नोटिस दिया और जिक्र किया कि 30 दिसम्बर को उपस्थित होकर जवाब दें। इसके बाद जिला पंचायत सीईओ ने क्या कार्रवाई की, आज तक पता नहीं चल पाया। मौजूदा समय में जीआरएस चटनिहा पंचायत में पदस्थ हैं।

मजदूरों को डेढ़ साल से पारिश्रमिक नहीं मिला

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ग्राम पंचायत चटनिहा के कई श्रमिकों के अलावा महिला श्रमिकों ने बताया कि वर्ष 2023 में पनिया गड़ई नाला में चेकडैम, पारस नाथ सिंह के खेत में कूप निर्माण का कार्य कराया गया, लेकिन आज तक पारिश्रमिक भुगतान नहीं मिला है। सरपंच से लेकर जीआरएस के यहां कई बार चक्कर लगाया जा चुका है।

मजदूरों ने कहा कि भाजपा सरकार में न्याय की उम्मीद अब धीरे-धीरे समाप्त हो रही है। गरीबों के दुख-दर्द को सुनने वाला कोई नही है। मंत्री-जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी अपने निजी कार्यों को पूरा करने में लगे हुए हैं। इसके चलते हम जैसे गरीबों की समस्या को कोई नहीं सुन रहा है। रोजगार सहायक मनमानी पर उतारू हैं।

जनपद सीईओ संजीव तिवारी का कहना है कि आपसी मनमुटाव जैसी स्थिति है। दोनों को समझाइश दी गई थी। हालांकि एग्जैक्ट नहीं पता है कि इस मसले पर क्या हुआ है। नोटिस सर्व कराने की बात थी तो नोटिस हमने सर्व करा दी है। आगे क्या हो रहा है। मुझे खुद भी नहीं पता, पर यह सिर्फ वर्चस्व की लड़ाई है।

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