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फर्जी बीमा घोटाला मामले में 230 पेज की चार्जशीट दाखिल: मरणासन्न और मृत लोगों की फर्जी पॉलिसी बनाने वाले 5 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई – Sambhal News

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फर्जी बीमा घोटाला मामले में 230 पेज की चार्जशीट दाखिल:  मरणासन्न और मृत लोगों की फर्जी पॉलिसी बनाने वाले 5 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई – Sambhal News

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फर्जी बीमा घोटाला मामले में 230 पेज की चार्जशीट दाखिल: मरणासन्न और मृत लोगों की फर्जी पॉलिसी बनाने वाले 5 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई – Sambhal News

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सनी गुप्ता, संभल44 मिनट पहले

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फर्जी बीमा घोटाला मामले में 230 पेज की चार्जशीट दाखिल।

संभल में बीमा घोटाले का मामला सामने आया है। बनियाठेर पुलिस ने फर्जी बीमा पॉलिसी बनाने वाले पांच आरोपियों के खिलाफ 230 पेज की चार्जशीट दाखिल की है। आरोपियों में मुरादाबाद के आराम सिंह, बनारस के करन मिश्रा उर्फ ओंकारेश्वर मिश्रा, संभल के अमित, रवि शर्मा और सूरजपाल शामिल हैं।

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गिरोह गंभीर रूप से बीमार लोगों को चिह्नित करता था। फिर उन्हें स्वस्थ दिखाकर फर्जी बीमा पॉलिसी बनवाता था। आरोपी खुद प्रीमियम भरते थे। उन्हें पता था कि मरीज की मृत्यु के बाद क्लेम मिल जाएगा। साथ ही पहले से मृत लोगों की भी फर्जी पॉलिसी बनाई जाती थी।

परिवार को नहीं देते थे एक रुपए

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आरोपी नॉमिनी के नाम से बैंक खाते खुलवाते थे। खातों का संचालन, डेबिट कार्ड और मोबाइल नंबर अपने पास रखते थे। बीमा क्लेम की राशि आने पर मृतक के परिवार को मामूली राशि देकर बाकी पैसे आपस में बांट लेते थे। कई मामलों में परिवार को एक रुपया भी नहीं दिया जाता था।

पुलिस ने नॉमिनी की काउंसलिंग की। इसके बाद संभल, बदायूं, मुरादाबाद और अमरोहा के विभिन्न थानों में कुल 14 मामले दर्ज हुए। इनमें एक जीरो एफआईआर भी शामिल है, जो दिल्ली की एक पीड़िता की शिकायत पर 7 अप्रैल 2025 को रजपुरा थाने में दर्ज की गई।

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बीमा कंपनियों को आर्थिक नुकसान

इस घोटाले में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, पीएनबी मेटलाइफ, बजाज एलायंस और एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस जैसी कई बड़ी बीमा कंपनियों को आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया।

एसपी कृष्ण विश्नोई एवं एएसपी (दक्षिणी) IPS अनुकृति शर्मा के नेतृत्व में गुन्नौर, बहजोई और चंदौसी सर्कल के सभी थानों ने कार्रवाई करते हुए अब तक कुल 40 अभियुक्तों को जेल भेजा है। इसमें बैंक का डिप्टी मैनेजर आशा वर्कर, मोबाइल एजेंट, पॉलिसी एजेंट, ग्राम प्रधान एवं ग्राम सचिव शामिल हैं, वहीं बीमा राशि को हड़पने के लिए अपने ही सगे भाई ने बड़े भाई की हत्या कर दी। बीमा राशि के लालच में दिव्यांग और पैरालिसिस ग्रामीण की हत्या कर उनका एक्सीडेंट दिखाया गया, जिसका खुलासा लगभग 1 साल बाद हुआ है।

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