फरीदाबाद में 2 मौतें, कोविड प्रोटोकॉल से दाह संस्कार, फिर भी चुप्पी… कोरोना को लेकर क्या छिपा रहा प्रशासन?

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फरीदाबाद में 2 मौतें, कोविड प्रोटोकॉल से दाह संस्कार, फिर भी चुप्पी… कोरोना को लेकर क्या छिपा रहा प्रशासन?

फरीदाबाद में 2 मौतें, कोविड प्रोटोकॉल से दाह संस्कार, फिर भी चुप्पी… कोरोना को लेकर क्या छिपा रहा प्रशासन?

फरीदाबाद में कोरोना के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। वहीं, सेक्टर-21 स्थित एक निजी अस्पताल में दो बुज़ुर्ग मरीज़ों की कोरोना से मौत का मामला भी सामने आया है। दोनों किसी बीमारी के चलते अस्पताल में इलाज करा रहे थे। इस दौरान उन्हें कोरोना की पुष्टि हुई थी। दोनों ही मरीजों का अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल के तहत कराकर उनके जिले के स्वास्थ्य विभाग को सूचना दे दी गई है।

​चंडीगढ़ और गाजियाबाद के रहनेवाले थे​

फरीदाबाद में 31 मार्च और एक अप्रैल को दो गंभीर बीमारी से ग्रसित कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत हो गई। इसमें चंडीगढ़ निवासी 60 वर्षीय बुजुर्ग और गाजियाबाद निवासी 71 वर्षीय बुजुर्ग महिला शामिल हैं। इन दोनों का सेक्टर-21 स्थित एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। दोनों की मौत के बाद कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अजरौंदा स्थित श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान उनके परिवार वाले भी मौजूद रहे। निजी अस्पताल ने दो मौतों की पुष्टि की है। वहीं, इस मामले में स्वास्थ्य विभाग ने कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की है।

​गाइडलाइंस बनाईं लेकिन अडवाइजरी जारी नहीं​

​गाइडलाइंस बनाईं लेकिन अडवाइजरी जारी नहीं​

शहर में 141 कोरोना के एक्टिव केस हैं। 8 मरीज़ों को अस्पताल में भर्ती किया गया है। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने प्रदेश में 100 से अधिक व्यक्तियों की भीड़ वाले क्षेत्रों में मास्क पहनना अनिवार्य किया है। इसके साथ ही राज्य के सभी स्वास्थ्य कर्मियों को मास्क पहनना अनिवार्य है। बावजूद इसके खुद सिविल सर्जन डॉ. विनय गुप्ता बिना मास्क लगाए स्वास्थ्य मंत्री के आदेश की अवहेलना कर रहे हैं। लोगों के लिए भी एडवाइजरी नहीं जारी हुई है। शहर में कोरोना जांच की बात करें तो अधिकतर जेल जाने वाले आरोपियों की ही कोरोना जांच हो रही है। वहीं अन्य जो बहुत गंभीर मरीज हैं वो जांच कराने आ रहे हैं।

​सार्वजनिक स्थानों पर नहीं लगा रहे मास्क​

​सार्वजनिक स्थानों पर नहीं लगा रहे मास्क​

कोरोना को लेकर जिलास्तर पर अभी एडवाइजरी जारी नहीं हुई है। कोरोना मामलों में प्रभारी डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. राम भगत छुट्टी पर हैं। सिविल सर्जन डॉ. विनय गुप्ता का कहना है कि मास्क लगाने को लेकर कोई गाइडलाइंस ही नहीं आई हैं। वहीं, पड़ोसी जिले पलवल में स्वास्थ्य विभाग ने भीड़-भाड़ वाले इलाकों में मास्क लगाने की अनिवार्यता कर दी है। सोमवार को शहर के कई सरकारी दफ्तरों की पड़ताल की तो पाया कि कोई मास्क नहीं लगाए हुए थे। बीके अस्पताल में भी मरीज़ मास्क लगाकर नहीं आ रहे हैं।

वैक्सीन खत्म, अब कैसे होगा बचाव

वैक्सीन खत्म, अब कैसे होगा बचाव

शहर में कोरोना की कोवैक्सीन का स्टॉक पूरी तरह से खत्म हो चुका है। ये स्टॉक सोमवार से ही खत्म है, मगर स्वास्थ्य विभाग को इसकी परवाह नहीं है। 10 फरवरी से कोविशील्ड वैक्सीन खत्म है। इसके साथ ही बच्चों को लगने वाली कोर्बेवैक्स वैक्सीन पिछले 6 महीने से पूरे शहर में है ही नहीं, ऐसे में बच्चे और उनके परिजन खाली हाथ लौट रहे हैं।

​2 हजार वैक्सीन की डिमांड​

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पलवल ज़िले में कोरोना का मात्र एक मरीज़ है। मरीज की स्थिति में सुधार है। ज़िला प्रतिरक्षण अधिकारी योगेश मलिक ने बताया कि जिला में कोरोना का अभी कोई संकट नहीं है। जिले में वैक्सीन खत्म हो गई है। जिला स्वास्थ्य विभाग ने दो हजार वैक्सीन की मांग स्टेट हेडक्वॉर्टर से की गई है। शीघ्र ही हेडक्वॉर्टर से वैक्सीन आ जाएंगी। सीएमओ डॉ़ लोकवीर ने बताया कि लोगों को सावधानी बरतनी होगी। उन्होंने कहा कि भयभीत न हों।

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