फगुआरों की टोली ने नगड़िया और ढोलक की थाप पर किया जवाबी फाग मुकाबला – datia News h3>
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उनाव बालाजी मंदिर में आयोजित पारंपरिक रंग पंचमी के मेले में ग्रामीण क्षेत्रों से आई फगुआरों की टोली ने नगड़िया और ढोलक की थाप पर जवाबी फाग गायन मुकाबला किया। एक ओर से जहां एक टोली ने गीत के माध्यम से जवाब पूछे तो दूसरी ओर गीत के माध्यम से ही उन्हें जवाब दिया गया। पारंपरिक फाग गीतों में बसी प्रेम और उल्लास की अनुभूति ने वातावरण को फाल्गुनी रंग के रंगों से भर दिया।
श्री उनाव बालाजी धाम में बुधवार की सुबह से ही युवाओं की टोली जमा होने लगी थी। मंदिर परिसर में जैसे ही होली का उत्सव शुरू हुआ तो युवा रंगों में सराबोर हो उठे। भगवान के प्रसाद रूपी गुलाल को अपने शरीर पर मलकर भक्तगण खुद को धन्य मान रहे थे। मंदिर परिसर में सेरसा, खटोला, फुलरा व गुजर्रा गांव से आए फाग गायक अपनी गायकी में मग्न नजर आए। मंदिर के पीछे स्थित मैदान में पारंपरिक मेले का आयोजन भी किया गया। यहां बच्चों से लेकर महिलाओं ने लगी हुई दुकानों का जमकर लुफ्त उठाया। मेले में शांति और सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात रहा। मेले में आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा ग्वालियर, झांसी, ललितपुर, विदिशा तक के लोग शामिल हुए। देर शाम तक मंदिर में परिसर युवा हुरियाते हुए दिखाई दिए। होली के बाद पहूज नदी में भी स्नाने के लिए लोगों की भीड़ लगी रही।
होली खेले राधिका सांवरिया किला चौक के पास स्थित श्री हनुमान गढ़ी मंदिर में संस्कार भारती और केशव जन सेवा न्यास द्वारा पारंपरिक होली महोत्सव का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रख्यात लोक कलाकारों ने होली गायन के विभिन्न रंगों को पेश किया। कार्यक्रम की शुरुआत में विख्यात लोक गायक रतनलाल कुशवाहा ने श्री हनुमान वंदना प्रस्तुत की, जिसके बाद उन्होंने आये ना श्याम सखी मोरे और केसर की उड़त फुहार गाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। लोक गायक राधेलाल बघेल ने चौकड़िया रखो सबकी लाज हे शारदा भवानी और होली खेले राधिका सांवरिया प्रस्तुत कर माहौल को और भी रंगीन किया। नवोदित कलाकार शिवम प्रजापति ने भी अपने मधुर गायन से दर्शकों का दिल जीता। नगर के प्रसिद्ध गायक बद्री प्रसाद सेन ने स्वरचित होली गीत देखो माधव पकड़ गए होली में पेश किया, वहीं स्वामी शरण पांचाल और लोक गायक नारायण सिंह कुशवाहा ने भी अपनी गायन कला का प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम में ढोलक वादन रमेश भूरिया, अंकित सेन और नगड़िया वादन बाली यादव तथा संतोष यादव द्वारा किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री नंदकिशोर श्रीवास्तव ने की, और संचालन श्री राजेश लिटोरिया द्वारा किया गया।
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उनाव बालाजी मंदिर में आयोजित पारंपरिक रंग पंचमी के मेले में ग्रामीण क्षेत्रों से आई फगुआरों की टोली ने नगड़िया और ढोलक की थाप पर जवाबी फाग गायन मुकाबला किया। एक ओर से जहां एक टोली ने गीत के माध्यम से जवाब पूछे तो दूसरी ओर गीत के माध्यम से ही उन्हें जवाब दिया गया। पारंपरिक फाग गीतों में बसी प्रेम और उल्लास की अनुभूति ने वातावरण को फाल्गुनी रंग के रंगों से भर दिया।
श्री उनाव बालाजी धाम में बुधवार की सुबह से ही युवाओं की टोली जमा होने लगी थी। मंदिर परिसर में जैसे ही होली का उत्सव शुरू हुआ तो युवा रंगों में सराबोर हो उठे। भगवान के प्रसाद रूपी गुलाल को अपने शरीर पर मलकर भक्तगण खुद को धन्य मान रहे थे। मंदिर परिसर में सेरसा, खटोला, फुलरा व गुजर्रा गांव से आए फाग गायक अपनी गायकी में मग्न नजर आए। मंदिर के पीछे स्थित मैदान में पारंपरिक मेले का आयोजन भी किया गया। यहां बच्चों से लेकर महिलाओं ने लगी हुई दुकानों का जमकर लुफ्त उठाया। मेले में शांति और सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात रहा। मेले में आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा ग्वालियर, झांसी, ललितपुर, विदिशा तक के लोग शामिल हुए। देर शाम तक मंदिर में परिसर युवा हुरियाते हुए दिखाई दिए। होली के बाद पहूज नदी में भी स्नाने के लिए लोगों की भीड़ लगी रही।
होली खेले राधिका सांवरिया किला चौक के पास स्थित श्री हनुमान गढ़ी मंदिर में संस्कार भारती और केशव जन सेवा न्यास द्वारा पारंपरिक होली महोत्सव का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रख्यात लोक कलाकारों ने होली गायन के विभिन्न रंगों को पेश किया। कार्यक्रम की शुरुआत में विख्यात लोक गायक रतनलाल कुशवाहा ने श्री हनुमान वंदना प्रस्तुत की, जिसके बाद उन्होंने आये ना श्याम सखी मोरे और केसर की उड़त फुहार गाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। लोक गायक राधेलाल बघेल ने चौकड़िया रखो सबकी लाज हे शारदा भवानी और होली खेले राधिका सांवरिया प्रस्तुत कर माहौल को और भी रंगीन किया। नवोदित कलाकार शिवम प्रजापति ने भी अपने मधुर गायन से दर्शकों का दिल जीता। नगर के प्रसिद्ध गायक बद्री प्रसाद सेन ने स्वरचित होली गीत देखो माधव पकड़ गए होली में पेश किया, वहीं स्वामी शरण पांचाल और लोक गायक नारायण सिंह कुशवाहा ने भी अपनी गायन कला का प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम में ढोलक वादन रमेश भूरिया, अंकित सेन और नगड़िया वादन बाली यादव तथा संतोष यादव द्वारा किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री नंदकिशोर श्रीवास्तव ने की, और संचालन श्री राजेश लिटोरिया द्वारा किया गया।