प्राइवेट प्रैक्टिस में डॉक्टर दंपत्ति बर्खास्त: कानपुर में विवादों में घिरे रहने वाले डॉ. राघवेंद्र का झांसी हुआ था ट्रांसफर – Kanpur News h3>
डॉ. राघवेंद्र गुप्ता।
गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज (GSVM), कानपुर के न्यूरो सर्जरी विभाग के सर्जन डॉ. राघवेंद्र गुप्ता और उनकी पत्नी डॉ. स्वाप्नित गुप्ता को बर्खास्त कर दिया गया है। दोनों पर प्राइवेट प्रैक्टिस करने का आरोप लगा था। इस पूरे मामले को उप मुख्यमंत्री बृजे
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झांसी हुआ था तबादला
विवादों में घिरने वाले डॉ. राघवेंद्र गुप्ता का तबादला 4 माह पूर्व राजकीय मेडिकल कॉलेज झांसी कर दिया गया था। उनका जूनियर के साथ अभद्रता को लेकर कई बार नाम सामने आ चुका है। लगातार शासन को मिल रही शिकायतों के बाद ये कार्रवाई की गई है। प्राइवेट क्लीनिक पर करते थे प्रैक्टिस सरकार द्वारा लगातार आदेश जारी किए जाते हैं कि सरकारी अस्पतालों में सेवा देने वाले डॉक्टर निजी प्रैक्टिस से दूर रहे, लेकिन इन निर्देशों का पालन डॉ. राघवेंद्र गुप्ता और उनकी पत्नी स्वाप्निल लंबे समय से नहीं कर रहे थे। वह मेडिकल कॉलेज के सामने और फतेहपुर में एक निजी अस्पताल में प्रैक्टिस कर रहे थे। वहीं, शासन की ओर से जारी पत्र में उन्हें तत्काल ही नवीन कार्य स्थल पर ज्वाइन करने के आदेश दिए गए थे।
मंडलायुक्त ने कराई थी जांच
शासन के आदेश के बाद मंडलायुक्त की ओर से इसमें LIU से डॉ. राघवेंद्र की रिपोर्ट मांगी गई थी। LIU द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर ही ये कार्रवाई की गई है। सीएम कार्यालय से हुई जांच और डीएम की गोपनीय रिपोर्ट में डॉ. राघवेंद्र दोषी पाए गए थे। डॉक्टर पर केमिकल छिड़कने का आरोप डॉ. राघवेंद्र पर जूनियर से विवाद होने के बाद उन पर केमिकल फेंकने का भी आरोप लगा था। हालांकि जांच में केमिकल की बात की पुष्टि तो नहीं हो पाई है, लेकिन अन्य विवादों में भी वह दोषी पाए गए हैं। उनके व्यवहार से पूरा स्टाफ परेशान हो गया था। वह जूनियर के साथ-साथ सीनियरों से भी वैसा ही बर्ताव करते थे।
निदेशक पर लापरवाही का आरोप
कानपुर के जेके कैंसर संस्थान के निदेशक पर टेंडर में लापरवाही के आरोप लगे। उनकी भी जांच कराई जा रही है। माना जा रहा है जल्द ही बड़ी कार्रवाई उनपर भी होने वाली हैं।
सीएमओ को कारण बताओ नोटिस कानपुर नगर के जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. हरिदत्त नेमि के विरुद्ध विभिन्न अनियमितताएं करने एवं अन्य कई आरोपों के संबंध में अवगत कराते हुए कार्यवाही के लिए शासन को पत्र लिखा गया था। पत्र डॉ. हरिदत्त नेमि से बिंदुवार शिथिल शासनिक नियन्त्रण एवं अन्य समस्त आरोपों के दृष्टिगत कारण पूछा गया है।