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प्रदेश के राज्य पक्षी को संरक्षित रखेगा धनौरी वेटलैंड: ​​​​​​​यीडा 3.5 करोड़ रुपए से करेगा जीर्णोद्धार, दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर के साथ होगा काम – Noida (Gautambudh Nagar) News

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प्रदेश के राज्य पक्षी को संरक्षित रखेगा धनौरी वेटलैंड:  ​​​​​​​यीडा 3.5 करोड़ रुपए से करेगा जीर्णोद्धार, दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर के साथ होगा काम – Noida (Gautambudh Nagar) News

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प्रदेश के राज्य पक्षी को संरक्षित रखेगा धनौरी वेटलैंड: ​​​​​​​यीडा 3.5 करोड़ रुपए से करेगा जीर्णोद्धार, दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर के साथ होगा काम – Noida (Gautambudh Nagar) News

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यमुना विकास प्राधिकरण क्षेत्र में बना धनौरी वेटलैंड।

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यमुना विकास प्राधिकरण धनौरी वेटलैंड का जीर्णोद्धार करेगा। इसके लिए 3.5 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। यह वेटलैंड 100 से अधिक सारस क्रेन का घर है। ये पक्षी उप्र का राज्य पक्षी है। साथ ही कई अन्य प्रवासी पक्षी भी यहां प्रवास करने आते है। यह कदम 5 मई को एन

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नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास करीब 113 हेक्टेयर में बसा ये वेटलैंड जलकुंभी , प्रतिबंधित जल प्रवाह और अतिक्रमण के कारण अपना अस्तित्व खो रहा है। यहां वन विभाग की ओर से कई बार जल कुंभी को हटाने का प्रयास किया गया। YEIDA अधिकारियों के अनुसार 2022 में 18 लाख रुपए और 2023 में वन विभाग को 90 लाख रुपए का वित्तीय वितरण किए जाने के बावजूद, वेटलैंड की जल सतह का केवल एक हिस्सा ही साफ किया गया।

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हटाए गए अधिकांश बायोमास को वेटलैंड के चारों ओर टीलों में छोड़ दिया गया, जिससे प्रत्येक मानसून के दौरान जलकुंभी की वृद्धि फिर से शुरू हो गई। 5 मई को एनजीटी की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता और पक्षी विद् आनंद आर्य के वकील ने वेटलैंड की बिगड़ती स्थिति और जलकुंभी की बेकाबू वृद्धि को चिह्नित किया। जवाब में YEIDA ने कहा कि हर संभव कार्रवाई की जाएगी और तीन सप्ताह के भीतर एक रिपोर्ट दायर की जाएगी।

दिल्ली के यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर के साथ करेंगे काम YEIDA के सीईओ अरुण वीर सिंह ने कहा कि प्राधिकरण दिल्ली विश्वविद्यालय के पर्यावरण प्रबंधन केंद्र (CEMDE) के पारिस्थितिकी विद् डॉ. फैयाज खुदसर के साथ मिलकर काम करेगा। जिन्होंने पहले वेटलैंड का सर्वेक्षण किया था। डॉ. खुदसर याचिकाकर्ता आर्य के साथ मिलकर जमीनी स्तर पर जलकुंभी हटाने के काम का मार्गदर्शन करेंगे।

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वन विभाग की बजाय प्राधिकरण करेगा देखभाल वन विभाग के बजाय, हम सीधे धनौरी वेटलैंड की देखभाल करेंगे। प्राधिकरण का हॉर्टिकल्चर और सिविल इसका समन्वय करेंगे। इस महीने के अंत में डॉ. खुदसर और आर्य के समन्वय में हमारी टीम द्वारा सर्वेक्षण किए जाने के साथ ही काम तुरंत शुरू हो जाएगा। हमें उम्मीद है कि सर्वेक्षण के बाद 15 दिनों के भीतर 40 लोगों के कार्यबल की मदद से जलकुंभी को पूरी तरह से हटा दिया जाएगा,” यहां पानी के लिए सिचाई विभाग के साथ समन्वय स्थापित किया जाएगा।

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