‘पूर्व मंत्री का मुंह काला करने पर ₹100 का इनाम’: मुकेश नायक के बयान पर संस्कृति बचाओ मंच का विरोध, कहा- पं. शास्त्री पर अशोभनीय टिप्पणी की – Bhopal News

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‘पूर्व मंत्री का मुंह काला करने पर ₹100 का इनाम’:  मुकेश नायक के बयान पर संस्कृति बचाओ मंच का विरोध, कहा- पं. शास्त्री पर अशोभनीय टिप्पणी की – Bhopal News
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‘पूर्व मंत्री का मुंह काला करने पर ₹100 का इनाम’: मुकेश नायक के बयान पर संस्कृति बचाओ मंच का विरोध, कहा- पं. शास्त्री पर अशोभनीय टिप्पणी की – Bhopal News

पूर्व मंत्री मुकेश नायक बोले- धीरेंद्र शास्त्री का भागवत बोलने का तरीका बचकाना। इसे बुंदेलखंडी में कहा जाता है उचक्का।

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मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री मुकेश नायक के कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर दिए गए बयान का संस्कृति बचाओ मंच ने विरोध जताया है। मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि पूर्व मंत्री का मुंह काला करने पर 100 रुपए का इनाम देंगे। हम 100 रुपए से ज्य

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अध्यक्ष तिवारी ने कहा कि मुकेश नायक ने पं. शास्त्री पर अशोभनीय टिप्पणी की है। मंच उन्हें चेतावनी देता है कि हमारे धर्मगुरुओं के बारे में सोच-विचार कर बात करें। मुंह काला करने और कालिख फेंकने वाले को हम 100 रुपए देंगे।

पूर्व मंत्री बोले- शास्त्री का भागवत बोलने का तरीका बचकाना

मीडिया से बात करते हुए एक दिन पहले पूर्व मंत्री नायक ने पं. धीरेंद्र शास्त्री के हिंदू राष्ट्र और सनातन धर्म को लेकर दिए गए बयानों पर कहा था कि वो (धीरेंद्र शास्त्री) सनातन की बात कहां करते हैं? सनातन धर्म के बारे में उन्हें कुछ पता है ही नहीं। वे जिस तरह की भागवत बोल रहे हैं, वह बिल्कुल बचकानी है। इसको बुंदेलखंडी में कहा जाता है उचक्का।

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उन्होंने कहा कि वे मजमा लगाकर जिस तरीके से वो ग्रंथों की व्याख्या करते हैं, उसे देखकर उन पर हंसी आती है।

पूर्व मंत्री ने धीरेंद्र शास्त्री को एक मंच पर शास्त्रार्थ की चुनौती देते हुए कहा था कि अगर वो उनके सवालों के जवाब दे पाए तो सुर मुंडवाकर राजनीति से संन्यास ले लेंगे। अगर ऐसा नहीं हुआ तो धीरेंद्र शास्त्री को सिर मुंडवाना पड़ेगा। मुकेश नायक के बयान पर बीजेपी प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने ‘X’ पर कहा था कि मुकेश नायक का ये बयान बेहद शर्मनाक, बेहद निंदनीय है। कांग्रेस पार्टी उन्हें तत्काल पद से हटाए।

कांग्रेस नेता के बयान का विरोध भाजपा ने भी किया था।

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पूर्व मंत्री ने ये भी कहा था

कांग्रेस नेता नायक ने धीरेंद्र शास्त्री को चुनौती देते हुए कहा था कि मैं पूर्ण राजनीतिक व्यक्ति नहीं हूं। मौलिक रूप से आध्यात्मिक व्यक्ति हूं। वो मंच लगा लें रामचरित मानस पर, भागवत, गीता, पूरे वैदिक वाङ्मय पर। जिस पर भी चर्चा करना हो, अगर मेरे प्रश्नों का उन्होंने जवाब दिया तो उसी मंच पर अपना सिर मुंडवाकर मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा। नहीं तो उनको अपना मुंडन करवाना पड़ेगा। राजनीतिक क्षेत्र में जो अध्यात्म की आड़ लेकर बक-बक कर रहे हैं, उसको उन्हें छोड़ना पड़ेगा।

बागेश्वर धाम जाने वाले कांग्रेसी वोटों के चक्कर में जा रहे

कांग्रेस नेताओं के बागेश्वर धाम जाने के सवाल पर मुकेश नायक ने कहा था, नेता इतना दया का पात्र है कि वो जैसे ही देखता है कि किसी व्यक्ति के पास भीड़-भाड़ लग रही है, तो उसको लगता है ये हमारे वोट हैं। सच कहने की क्षमता उसकी खत्म हो जाती है। उस भीड़ का वो उपयोग करना चाहता है। इसी धर्मांधता से प्रेरित होकर वो भी उनके पास जा रहे हैं। उनकी भी मैं आलोचना करता हूं।

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