पुलिस के इलेक्शन ऐप ने रेडियो टैक्सी की तरह की चुनावी निगरानी…तुरंत समाधान | Police’s election app did election monitoring like radio taxi | News 4 Social
विधानसभा चुनाव में सफल प्रयोग। प्रतापगढ़ पुलिस ने बनाया डिजिटल सिस्टम, रिस्पॉन्स टाइम दो से पांच मिनट।
ऐसे किया काम
इलेक्शन ऐप के लिए विधानसभा क्षेत्र के अनुसार समस्त पोलिंग स्टेशन की जिओ मैंपिग की गई। अधिकारियों व कर्मचारियों के मोबाइल नंबर व अन्य जानकारी तथा वाहनों की जानकारी ऐप पर अपलोड की गई। सभी पोलिंग स्टेशनों की गंभीरता के अनुरूप उनका रंग निर्धारित किया गया। इसी तरह पुलिस व प्रशासनिक पार्टियों को रंग से चिन्हित किया गया। सभी पार्टियों के प्रभारी अधिकारियों के यूजर-नेम और पासवर्ड ऐप से जनरेट किए गए। इसके बाद चुनाव एक दिन पहले ऐप की टेस्टिंग की गई, जो सफल रही।
कॉल आते ही स्क्रीन पर दिखा शिकायत स्थल
चुनाव में लगे सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के मोबाइल में ऐप डाउनलोड कराया गया। पुलिस अधीक्षक कार्यालय में साइबर टीम इसकी निगरानी कर रही थी। चुनाव के दौरान कोई भी शिकायत पुलिस कंट्रोल रूम, जिला कंट्रोल रूम, वाट््सऐप हेल्पलाइन जैसे किसी भी माध्यम से आने पर साइबर टीम को ऐप के माध्यम से यह पता चल रहा था कि सबसे नजदीक कौन सी पार्टी है। निर्देश देते ही संबंधित पार्टी के मोबाइल स्क्रीन पर शिकायत स्थल और वहां पहुंचने का नक्शा प्रदर्शित हुआ। मतदान के दौरान इस तरह ढाई सौ से अधिक शिकायतों का निस्तारण किया गया। टीम के मौके पर पहुंचने का समय न्यूनतम दो व अधिकतम पांच मिनट रहा।
इस टीम ने रखी निगरानी
साइबर सेल के कांस्टेबल रमेशचन्द्र, अरङ्क्षवद, महावीर, रमेशचन्द्र, ऋतुराज मकानि व दशरथ।
प्राथमिकता समय पर पहुंचने की थी
एक हजार से अधिक टीमों पर निगरानी के साथ पहली प्राथमिकता समय से मौके पर पहुंचने की थी। हर दस बूथ पर सेक्टर मजिस्ट्रेट, सेक्टर पुलिस ऑफिस और कई क्यूआरटी टीमें रहती हैं। टीमों के बीच मैसेज भेजकर शिकायत स्थल से सबसे नजदीक टीम को सूचना देने के लिए हमने रेडियो टैक्सी की तरह इलेक्शन ऐप का उपयोग किया।
अमित कुमार, एसपी, प्रतापगढ़