पुलिस कस्टडी में मौत, आजमगढ़ में 18 घंटे बवाल: रात 12 बजे दफनाया गया दलित युवक का शव, पुलिसवालों पर हत्या की FIR; लड़की के घरवाले फरार – Azamgarh News h3>
आजमगढ़ में थाने में 21 साल के दलित युवक सनी का शव लटका मिला। इसके बाद सोमवार सुबह करीब 6 बजे थाने का घेराव शुरू हुआ। दोपहर में लाठीचार्ज, पुलिस पर पत्थरबाजी, गाड़ियों में तोड़फोड़ हुई। फिर शाम 6 बजे डेडबॉडी पुलिस घर लेकर पहुंची।
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पुलिस अफसर मनाते रहे, लेकिन परिवार अंतिम संस्कार को राजी नहीं हुआ। परिवार वाले अड़े थे कि जिस लड़की की वजह से उसे पुलिस वाले उठा कर ले गए थे, उसी लड़की के घर के सामने शव दफनाएंगे।
करीब 6 घंटे पुलिस अफसरों ने मनाया, फिर रात 12 बजे के बाद शव को बाग में दफनाया गया। सोमवार रात तरवां थाने के प्रभारी कमलेश कुमार पटेल शाहिद अन्य पुलिस कर्मियों पर हत्या, SC/ST और शांतिभंग की धाराओं में FIR हुई। उधर, लड़की के घर वाले फरार हो गए हैं।
रात की 3 तस्वीरें देखिए
रात करीब 9.40 बजे ADG वाराणसी पीयूष मोर्डिया तरवां थाने पहुंचे।
रात करीब 11.30 बजे पुलिस ने JCB बुलाई। 12 बजे के बाद आनन-फानन गड्ढा खुदवाया और शव दफनवा दिया।
रात 12 बजे सनी की अर्थी दरवाजे से उठी। भाजपा जिला अध्यक्ष ध्रुव कुमार सिंह ने भी कंधा दिया।
SP को ADG के आने की भनक लगी तब देर रात थाने पहुंचे दिनभर हुए बवाल-प्रदर्शन में 12 थानों की पुलिस और स्थानीय अफसर लगे। शाम करीब 6 बजे 12 पुलिस की गाड़ियों के साथ सनी की लाश घर लाई गई। यहां फिर चीख-पुकार के बीच प्रदर्शन जोर हो गया। लड़की के घर के सामने अंतिम संस्कार की मांग पर अड़े परिवार वालों को पुलिस अफसर मना नहीं पा रहे थे। 8वें दौर की बातचीत बेनतीजा निकली।
सुबह से इतनी बड़ी घटना होने के बाद दोपहर में करीब 2 बजे DIG सुनील कुमार सिंह पहुंचे। SP हेमराज मीणा रात 9.30 बजे तब थाने पहुंचे, जब उन्हें भनक लगी कि थोड़ी ही देर में ADG वाराणसी पीयूष मोर्डिया पहुंचने वाले हैं। SP के पहुंचने के करीब 20 मिनट बाद ADG पीयूष मोर्डिया भी पहुंचे। करीब 2 घंटे थाने के स्टाफ और SP के साथ मीटिंग की।
चलिए सिलसिलेवार पूरी घटना बताते हैं, पहले वह आरोप जिसमें पुलिस ने युवक को उठाया…
बाथरूम में करीब 4 फीट ऊंची ये वही खिड़की है, जिससे सनी का शव फंदे पर लटका मिला था।
कस्बे की दलित युवती से प्रेम-प्रसंग चल रहा था पुलिस के मुताबिक, तरवां थाने के उमरी पट्टी के रहने वाले सनी कुमार (21) का कस्बे की ही दलित युवती से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। दोनों शादी करना चाह रहे थे, लेकिन लड़की के घरवाले राजी नहीं थे।
28 मार्च को लड़की के पिता ने तरवां थाने में तहरीर देकर आरोप लगाया कि सनी मेरी लड़की पर अभद्र टिप्पणी करता है। रास्ते में रोककर अश्लील टिप्पणी करता है, मोबाइल में अश्लील गाने बजाता है और गलत इशारे करता है। इससे मेरी बेटी तंग आ गई है।
29 मार्च को पुलिस सनी को घर से उठाकर ले गई लड़की के पिता की शिकायत के अगले दिन यानी 29 मार्च की रात 8 बजे पुलिस ने सनी को घर से उठाया। 30 मार्च को भी युवक को थाने पर ही रखा गया। परिजनों का आरोप है कि हमसे मिलने भी नहीं दिया। 31 मार्च की सुबह टॉयलेट में करीब 4 फीट ऊपर लगी खिड़की से फंदे पर लटका सनी का शव मिला। सनी की मौत की सूचना मिलते ही घरवाले थाने पहुंच गए, लेकिन वहां उन्हें शव नहीं मिला।
दरअसल, पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया था। इसके बाद 31 मार्च की सुबह 6 बजे ही ग्रामीणों ने थाने का घेराव कर दिया। हालांकि, पुलिस ने बाद में ग्रामीणों को वहां से हटा दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने आजमगढ़-चिरैयाकोट और वाराणसी रोड को जाम कर दिया।
पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठियां बरसाईं।
परिजन बोले- लड़की के पिता ने घूस देकर बेटे की हत्या कराई घरवालों के मुताबिक, बेटे का शव जिस बाथरूम में लटका मिला, उसका दरवाजा खुला था। गले में पैजामे के नाड़े से फंदा लगा था। गार्ड ने ये सब देखा। इसके बाद पुलिस ने हम लोगों को बिना बताए शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। लड़की का पिता जो टीचर है, उसने पुलिस को घूस देकर लड़के की हत्या कराई है। बेटे को पुलिस वालों ने मारकर लटकाया है। पुलिस वालों पर हत्या की FIR दर्ज हो।
शाम करीब 6 बजे सनी का शव पोस्टमॉर्टम के बाद घर लाया गया।
थाना प्रभारी सहित 3 पुलिसकर्मी सस्पेंड SSP हेमराज मीणा ने तरवां थाना प्रभारी कमलेश पटेल, एक दरोगा और एक सिपाही को सस्पेंड कर दिया है। प्रदर्शन में शामिल महेश सोनी ने कहा- पुलिस ने बिना बताए शव को सीधा पोस्टमॉर्टम हाउस भेज दिया। जब परिवार वाले थाने पहुंचे तो वहां सनी नहीं था। थाना तरवां का पूरा स्टाफ सस्पेंड किया जाए। थाने में कैसे मौत हुई, इसकी जांच की जाए।
प्रदर्शन करने वालों ने जैसे ही पुलिस पर पत्थर फेंके, पुलिस ने उन्हें दौड़ा लिया।
पुलिस वालों ने पत्थर फेंके, दौड़ा-दौड़ा कर लाठी से पीटा थाने का घेराव कर रही गुस्साई भीड़ पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया तो भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। गाड़ियां तोड़ दीं। बेकाबू भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। पुलिसकर्मियों ने भी ईंट-पत्थर फेंककर लोगों को खदेड़ा। इसमें मॉनिटरिंग सेल के इंस्पेक्टर अखिलेश कुमार मौर्य का पैर टूट गया। गंभीर हालत में पीजीआई भेजा गया।
सपा सांसद बोले- हथकड़ी में फांसी कैसे लगता है कोई? सपा सांसद धर्मेंद्र यादव पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचे। उन्होंने कहा, गरीब, पिछड़ों और दलितों के साथ अन्याय हो रहा है। भाजपा सरकार भेदभाव कर रही है। युवक की हत्या सुनियोजित तरीके से की गई है। हथकड़ी के बाद युवक फांसी नहीं लगा सकता है। पुलिस मामले की गंभीरता से जांच करे।
पुलिस ने भी प्रदर्शन करने वालों पर ईंट-पत्थर फेंककर उन्हें खदेड़ा।
पूर्व IPS अफसर बोले- पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी हो आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने इस मामले में पुलिस कर्मियों को सीधे-सीधे दोषी बताते हुए तत्काल एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग की है।
सीएम योगी को भेजे अपने लेटर में कहा, अब तक इस मामले में जो तथ्य आए हैं, उनसे स्पष्ट रूप से पुलिस हिरासत में मौत का मामला बनता है। थाना प्रभारी सहित सभी दोषी पुलिस कर्मियों को सस्पेंड करते हुए उनके खिलाफ केस दर्ज होना चाहिए। पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपए मुआवजा मिले।
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