पीयू में PET अभ्यर्थियों का प्रदर्शन: प्रशासनिक भवन, पीजी विभाग के मुख्य द्वार पर तालाबंदी, नए सिरे से पीएचडी एंट्रेंस टेस्ट परीक्षा की मांग – Purnia News

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पीयू में PET अभ्यर्थियों का प्रदर्शन:  प्रशासनिक भवन, पीजी विभाग के मुख्य द्वार पर तालाबंदी, नए सिरे से पीएचडी एंट्रेंस टेस्ट परीक्षा की मांग – Purnia News
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पीयू में PET अभ्यर्थियों का प्रदर्शन: प्रशासनिक भवन, पीजी विभाग के मुख्य द्वार पर तालाबंदी, नए सिरे से पीएचडी एंट्रेंस टेस्ट परीक्षा की मांग – Purnia News

पूर्णिया विश्वविद्यालय का PET (पीएचडी एंट्रेंस टेस्ट) विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। शुक्रवार को पीएचडी अभ्यर्थियों ने विश्वविद्यालय में प्रदर्शन किया है। प्रदर्शनकारियों में PET पुनर्मूल्यांकन में फेल हुए अभ्यर्थी शामिल हैं। आक्रोशित अभ्यर्थियों ने

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पीजी डिपार्टमेंट में तालाबंदी कर प्रदर्शन करते छात्र।

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पदाधिकारी के साथ पहुंचे वीसी

पीएचडी अभ्यर्थी गोलबंद होकर भीम आर्मी समेत कई दूसरे छात्र संगठन नेतृत्व में प्रदर्शन पर बैठे हैं। इधर अभ्यर्थियों का हंगामा बढ़ता देख विश्वविद्यालय प्रशासन को पुलिस बुलानी पड़ी। जिससे अभ्यर्थियों का गुस्सा और भड़क गया। छात्रों को समझाने प्रभारी सदर डीएसपी कौशल किशोर कमल दल बल के साथ मौके पर पहुंचे।

अभ्यर्थियों के गुस्से को देखते हुए पूर्णिया विश्वविद्यालय के वीसी विवेकानंद सिंह विश्वविद्यालय के पदाधिकारी के साथ छात्रों के बीच पहुंचे और उन्हें समझाने की कोशिश की है। मगर अभ्यर्थी नए सिरे से पीएचडी की परीक्षा लिए जाने की मांग पर अड़े हैं।

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आक्रोशित अभ्यर्थियों ने प्रशासनिक भवन मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया।

नामांकन की तारीखों का ऐलान नहीं

प्रदर्शनकारी पीएचडी अभ्यर्थियों ने कहा कि तत्कालीन प्रभारी कुलपति पवन झा के कार्यकाल में PET 2024 को रोककर PET 2023 के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए। 19 विषयों में 104 सीटों के लिए 790 अभ्यर्थियों ने इसके लिए अप्लाई किया।

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परीक्षा 27 अक्टूबर 2024 को हुई। इसमें 545 कैंडिडेट्स शामिल हुए। रिटन एग्जाम में 268 पास हुए। 19 से 22 तक इंटरव्यू हुआ, 11 मार्च को इंटरव्यू के परिणाम घोषित कर दिए गए, मगर काफी इंतजार के बाद भी नामांकन की तारीखों का ऐलान नहीं हो सका था।

अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते अभ्यर्थी।

कॉपियों का पुनर्मूल्यांकन करा दिया था

कहा कि नामांकन के तारीखों के ऐलान न होने पर उन्हें आमरण अनशन पर बैठने पर मजबूर होना पड़ा। 24 और 25 अप्रैल को विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के मुख्य द्वार पर अनशन किया था। वीसी ने तब 10 दिन के अंदर नामांकन के तारीखों की घोषणा का ऐलान किया था।

वे दाखिले की तैयारी में लगे थे कि इसी बीच अचानक वीसी विवेकानंद सिंह ने लिखित कॉपियों का पुनर्मूल्यांकन करा दिया। 10 मई को जारी क्वालिफाइड कैंडिडेट्स की नई लिस्ट में 187 पास हुए। पुरानी मेरिट के 76 कैंडिडेट्स फेल हो गए, जबकि 104 नए छात्र क्वालीफाई कर गए। अभ्यर्थियों का आरोप है कि नए परिणाम में काफी गड़बडिय़ां हैं। वीसी ने अपने नजदीकियों को इस लिस्ट में शामिल किया है। उनकी मांग है कि इसे रद्द कर नए सिरे से PET एग्जाम कराई जाए।

विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस के वरीय अधिकारी अभ्यर्थियों को समझाने में जुटे हैं।

राजभवन को लिखित आवेदन भेजा गया था

कुलपति विवेकानंद सिंह ने कहा 11 मार्च को आए PET रिजल्ट पर छात्र नेताओं और मेरिट लिस्ट में सेलेक्ट न होने वाले अभ्यार्थियों ने सवाल उठा दिया था। इस संदर्भ में राजभवन को लिखित आवेदन भेजकर छात्र नेताओं और मेरिट लिस्ट में सेलेक्ट न होने वाले अभ्यार्थियों ने पैट 23 की उत्तरपुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन की मांग की थी।

जांच कमेटी ने पैट 2023 की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य में कई खामियां पकड़ी। गड़बड़ी पकड़े जाने के बाद ऐसे कई अभ्यर्थी पुनर्मूल्यांकन में फेल हो गए। 10 मई को आए नए रिजल्ट में 187 कैंडिडेट सफल रहे। जबकि 11 मार्च को जारी की गई पुरानी मेरिट के 76 कैंडिडेट्स फेल हो गए। 104 नए छात्र क्वालीफाई कर गए। राज भवन के फैसले के बाद इन्हीं अभ्यर्थियों का नामांकन लिए जाने का फैसला लिया गया है।

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