पीडब्ल्यूडी अफसरों ने रोके 150 करोड़ के बिल: स्वास्थ्य भवनों का फिजिकल वर्क ठीक पर बिल रोककर बजट मांगने से डिप्टी सीएम नाराज – Bhopal News h3>
उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने मंत्रालय भोपाल में अधोसंरचना विकास, उपकरणों की खरीदी की समीक्षा की।
उप मुख्यमंत्री और लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने लोक निर्माण विभाग के अफसरों की कार्यशैली पर नाराजगी व्यक्त की है। इस विभाग की पीआईयू (प्रोजेक्ट इम्प्लीमेंटेशन यूनिट) द्वारा स्वास्थ्य विभाग से संबंधित निर्माण कार्य कराए तो
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डिप्टी सीएम शुक्ल ने इस तरह की स्थिति पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि पहले से उपलब्ध बजट को खर्च करें उसके बाद ही नए बजट की डिमांड की जानी चाहिए। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने स्वास्थ्य विभाग से संबंधित निर्माण कार्यों की धीमी प्रगति पर असंतोष जताते हुए कहा कि पीआईयू, बीडीसी और बीएंडआर सहित सभी कार्यान्वयन एजेंसियों की मासिक आधार पर फिजिकल और फाइनेंसिय वर्किंग की नियमित समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि सभी इन्फ्रास्ट्रक्चर वाले कार्यों की मॉनिटरिंग की जाए तथा एजेंसियों को समय पर सचेत कर कार्य तेजी से करने के लिए कहा जाए।
भवन निर्माण के साथ उपकरण खरीदी की भी समीक्षा
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों, नर्सिंग कॉलेजों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उप-स्वास्थ्य केंद्रों सहित समस्त चिकित्सकीय संस्थानों के निर्माण एवं उन्नयन कार्यों को निर्धारित समय में पूर्ण किया जाए। साथ ही उपकरणों की खरीदी में पारदर्शिता एवं गुणवत्ता तय की जाए। बैठक में मंडला, श्योपुर, राजगढ़ सहित विभिन्न स्थानों पर चल रहे अधोसंरचना विकास कार्यों और पीजी व यूजी पाठ्यक्रमों के लिए उपकरणों की खरीदी की भी समीक्षा की गई। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने स्पष्ट कहा कि कार्य की गुणवत्ता, समय सीमा और बजट उपयोग की थ्री लेयर रणनीति पर कार्य कर प्रदेश को स्वास्थ्य के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाना है।
टाइमलाइन और क्वालिटी पर फोकस रखा जाए
डिप्टी सीएम शुक्ल ने कहा कि सरकार के पास संसाधनों की कोई कमी नहीं है, आवश्यकता केवल इस बात की है कि उपलब्ध बजट का समय पर प्रभावी उपयोग किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि निर्माण कार्यों को टाइमलाइन और क्वालिटी वर्क के साथ पूरा करने में सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। मंत्रालय में स्वास्थ्य विभाग की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने पूंजीगत बजट की योजना अनुसार प्रगति, निर्माण कार्यों की भौतिक स्थिति, उपकरणों की खरीदी और एजेंसीवार कार्यों की समीक्षा की।
15वें वित्त आयोग के 430 करोड़ से बन रहे अस्पताल और औषधालय
बैठक में जानकारी दी गई कि 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर राज्य सरकार द्वारा 430 करोड़ रुपए की राशि स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए स्वीकृत की गई है। इसका उपयोग अस्पताल एवं औषधालयों के भवन निर्माण में किया जा रहा है। प्रथम तिमाही में पूंजीगत व्यय सीमा को 15 प्रतिशत से अधिक बढ़ाने का प्रस्ताव विचाराधीन है ताकि निर्माण कार्यों में अपेक्षित गति लाई जा सके। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन (पीएम-अभीम) में 476 करोड़ रुपए और मेडिकल एजुकेशन में सेंट्रली स्पॉन्सर्ड योजनाओं के तहत 365.67 करोड़ रुपए की राशि विभाग के पास उपलब्ध है जिसके त्वरित उपयोग के उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने निर्देश दिए ताकि केंद्र से आवंटन समय से प्राप्त हो सके।
नए मेडिकल कॉलेज समेत अन्य मामलों पर भी चर्चा
केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए 400 करोड़ रुपए, पीजी पाठ्यक्रम सुदृढ़ीकरण के लिए 206 करोड़ रुपए, एमबीबीएस सीट वृद्धि के लिए 150 करोड़ रुपए और नवीन नर्सिंग कॉलेजों के निर्माण के लिए 75 करोड़ रुपए की प्रावधानित राशि के उपयोग की प्रगति पर चर्चा की गई। मंडला, श्योपुर, राजगढ़, बुधनी, छतरपुर, दमोह और सिंगरौली में चल रहे अधोसंरचना कार्यों की समीक्षा करते हुए उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने स्पष्ट निर्देश दिए कि लागत संशोधन, अनुबंध वृद्धि एवं प्रशासनिक स्वीकृति जैसे प्रकरणों में विभाग शीघ्र निर्णय लेकर कार्यों को समय पर पूर्ण करे। सभी कार्यों की सतत मॉनिटरिंग कर गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन किया जाए।