पितृपक्ष : पूर्वजों के लिए गयासिर और गयाकूप वेदी पर किया पिंडदान

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पितृपक्ष : पूर्वजों के लिए गयासिर और गयाकूप वेदी पर किया पिंडदान
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पितृपक्ष : पूर्वजों के लिए गयासिर और गयाकूप वेदी पर किया पिंडदान

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पितृपक्ष : पूर्वजों के लिए गयासिर और गयाकूप वेदी पर किया पिंडदान पितृपक्ष : पूर्वजों के लिए गयासिर और गयाकूप वेदी पर किया पिंडदान

Newswrap हिन्दुस्तान, गयाFri, 27 Sep 2024 01:00 PM
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त्रिपाक्षिक गयाश्राद्ध करने वालों ने पितृपक्ष के 11वें दिन शुक्रवार को विष्णुपद इलाके की दो वेदियों पर पिंडदान किया। आश्विन कृष्ण पक्ष दशमी को गया सिर और गया कूप वेदियों पर पिंडदान कर पूर्वजों के स्वर्ग लोक प्राप्ति की कामना की। शुक्रवार को इन दो वेदियों का महत्व होने के कारण 17 दिनी पिंडदान करने वालों की अधिक भीड़ रही। गया सिर वेदी का छोटा परिसर होने के कारण पिंडदानी इसकी छत और अगल-बगल पिंडदान करते नजर आए। शौचालय के बाहर बादल और बूंदाबांदी के बीच भी बैठकर पिंडदान किया। तीर्थयात्रियों ने कर्मकांड करने के बाद गया कूप वेदी के अंदर स्थित कुएं में पिंड को अर्पित कर दिया। इसके बाद संकटा देवी के दर्शन-पूजन कर पिंडदानियों ने पितरों के साथ-साथ परिजनों के लिए कामना की। एक और तीन दिनी गयाश्राद्ध करने वालों की भीड़ विष्णुपद मंदिर, देवघाट और अक्षयवट पर रही। इसके अलावा संगत घाट, गजाधर घाट, ब्रह्म सरोवर, प्रेतशिला, रामशिला, सीताकुंड, वैतरणी सहित अन्य वेदियों पर भी हजारों पिंडदानी कर्मकांड कर रहे हैं।

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विष्णुपद में कम दिखी भीड़, पिंडदान और पूजन को लग रही कतार

पितृपक्ष मेले के 11 दिन बीत जाने के बाद विष्णुपद मंदिर में भीड़ कम गई है। शुक्रवार की सुबह मंदिर में प्रवेश के लिए कतार लगी रही। तीन दिनों से बादल और सुहाने मौसम के कारण पिंडदानियों को भारी राहत है। धूप घड़ी वाले इलाके में की ही बैरेकेडिंग में लाइन लगकर धीरे-धीरे गर्भगृह में प्रवेश किए। विष्णुचरण पर पिंड अर्पित कर पितरों के मोक्ष की कामना की। एक दिनी पिंडदान करने वाले तीर्थयात्री कर्मकांड के बाद विष्णुचरण पर पिंड अर्पित कर दर्शन-पूजन कर रहे हैं। हालांकि प्रेतशिला, अक्षयवट, ब्रह्मसत, वैतरणी, फल्गु, रामशिला, रामकुंड व धर्मारण्य आदि वेदियों पर पिंडदान कम हो रहे हैं।

आज करसिल्ली पहाड़ी पर होगा पिंडदान

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पितृपक्ष के 12वें दिन शनिवार को त्रिपाक्षिक गया श्राद्ध कररहे पिंडदानी विष्णुपद मंदिर के सामने स्थित करसिल्ली पहाड़ी पर जायेगें।

पहाड़ी पर घनी आबादी के बीच स्थित तीन पिंडवेदियों पर पितरों के लिए कर्मकांड करेंगे। यहां मुंडपृष्ठा, आदिगया और धौतपद वेदियां हैं। मुंडपृष्ठा पर श्राद्ध और दर्शन करने का महत्व है। आदिगया तीर्थ पर पिंडदान के बाद धौतपद वेदी पर जाकर खोवा या गुड़ के पिंड अर्पित करने का विधान है ।

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