पार्टनरों के झगड़े में टूट रही सस्ते घर की आस: पॉम पैराडाइज में LIG व EWS आवासों का अबतक नहीं हो सका GDA को हस्तांतरण – Gorakhpur News h3>
पॉम पैराडाइज की ओर से अल्पआय वर्ग के लिए भी आवास बनाए गए हैं लेकिन अभी तक उसका आंटन नहीं हो पाया।
शहर की पॉश कालोनी पॉम पैराडाइज में फ्लैट की बुकिंग कराने वाले निवेशक ही परेशान नहीं हैं बल्कि पार्टनरों के झगड़े में सस्ते मकान की आस लगाए बैठे लोगों की उम्मीद भी टूट रही है। नियमानुसार अल्पआय वर्ग (LIG) व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए 360 मका
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लेकिन तीनों पार्टनरों का झगड़ा ऐसा है कि इन फ्लैटों का हस्तांतरण गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) को नहीं हो पा रहा है। अल्य आय वर्ग के लोग यहां फ्लैट पाने की उम्मीद पाले हुए हैं और वे GDA के कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। इन फ्लैटों का आवंटन GDA को ही करना है। लेकिन यह तब तक संभव नहीं हो सकता है, जब तक पॉम पैराडइज की ओर से इन फ्लैटों का हस्तांतरण प्राधिकरण को न कर दिया जाए। कई बार लिखा गया पत्र, असर नहीं लगभग 3 सालों से दोनों श्रेणी में 90-90 मकान बनकर तैयार हैं। उसी के बाद से कभी विकास कार्य तो कभी किसी बहाने से इनका हस्तांतरण रोका गया। जीडीए उपाध्यक्ष ने वहां का निरीक्षण कर काम समय से पूरा करने को कहा। हर बार दावा था कि जल्द ही इन फ्लैटों के आवंटन के लिए आवेदन आमंत्रित कर लिया जाएगा लेकिन अभी तक हस्तांतरण ही नहीं हुआ। प्राधिकरण की ओर से पार्टनरों को कई बार पत्र भी लिखे गए लेकिन उसका कोई असर नहीं हुआ। 6 लाख में EWS व 10 लाख में मिलेगा LIG फ्लैट इस योजना में 6 लाख रुपये में EWS व 10 लाख रुपये में LIG फ्लैट मिलेंगे। यही कारण है कि बड़ी संख्या में लोग इन फ्लैटों के आवंटन का इंतजार कर रहे हैं। 6 लाख रुपये वाले मकान के लिए वार्षिक 3 लाख रुपये की आय होनी चाहिए। इसके लिए आय प्रमाण पत्र 3 लाख रुपये का होना चाहिए। इसी तरह 10 लाख रुपये वाले फ्लैट के लिए 3 से 6 लाख रुपये तक का आय प्रमाण पत्र होना चाहिए। कई लोगों ने आय प्रमाण पत्र बनवा भी लिए हैं और उन्हें इस योजना मे फ्लैट निकलने का इंतजार है। नहीं सुलझ रहा आपसी झगड़ा पाम पैराडाइज में अतुल सराफ, विकास केजरीवाल और निस्काम आनंद तीन पार्टनर हैं। रजिस्ट्री विभाग में यह आवेदन डाला गया है कि जबतक तीनों के हस्ताक्षर न हों, रजिस्ट्री न की जाए। इसके बाद से ही कई निवेशक भटक रहे हैं। तीनों पार्टनरों का आपसी झगड़ा है। लेन-देन के इसी विवाद के बाद से निवेशक के साथ-साथ अल्प आयवर्ग के लोग भी परेशान हैं।