पद्मश्री सुरेश तलवलकर की ‘ताल यात्रा’ ने जीता दिल: छिंदवाड़ा में तीन दिनों तक गूंजा शास्त्रीय संगीत, खड़े होकर तालियां बजाते रहे दर्शक – Chhindwara News h3>
छिंदवाड़ा में बीते तीन दिनों तक संगीत, साहित्य और संस्कृति का अद्वितीय संगम देखने को मिला। युवा प्रतिभा प्रोत्साहन मंच द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय सर्वेश्वरी म्यूजिक फेस्टिवल का समापन शनिवार देर रात को एफडीडीआई ऑडिटोरियम में “ताल यात्रा” की मंत्रमुग्ध क
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समापन अवसर पर नगर निगम के महापौर विक्रम सिंह अहके और ज्योतिषाचार्य संजय भार्गव विशेष रूप से मौजूद रहे। समापन समारोह की शुरुआत सरस्वती पूजन के साथ हुई, जिसके पश्चात पुणे से पधारे तालयोगी पद्मश्री पं. सुरेश तलवलकर ने अपने शिष्यों के साथ अद्भुत “ताल यात्रा” की प्रस्तुति दी।
खड़े होकर तालियां बजाते रहे दर्शक
“ताल यात्रा” की शुरुआत कृष्ण वंदना से हुई, जो शास्त्रीय संगीत की बारीकियों में पिरोई गई थी। रचना की प्रस्तुति ने दर्शकों को अपने स्थान पर खड़े होकर तालियां बजाने को मजबूर कर दिया। इसके बाद राग चंद्रकोश में निबद्ध शिव वंदना ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया। नृत्य, गायन और वादन की सामूहिक प्रस्तुति ने दर्शकों को मोहित कर दिया।
संस्था द्वारा पं. सुरेश तलवलकर को “संगीत गौरव सम्मान” से सम्मानित किया गया। साथ ही पहले दिन प्रस्तुति देने वाले युवा शास्त्रीय कलाकारों को “युवा प्रतिभा सम्मान” और एफडीडीआई के मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति पत्र देकर प्रोत्साहित किया गया।
सेना को समर्पित रहा दूसरा दिन
फेस्टिवल के दूसरे दिन बनारस के राहुल रोहित मिश्रा ने मुंबई के प्रियम सोनी की तबला संगत में राग और ठुमरी की बेहतरीन प्रस्तुति दी। दूसरे सत्र में कार्यक्रम को सेना को समर्पित किया गया। बेंगलुरु के प्रख्यात बांसुरी वादक अश्विन श्रीनिवासन ने मुंबई के ओजस अधिया की तबला संगत में राग जोग, सोहनी और देशभक्ति रचनाओं की प्रस्तुति से श्रोताओं को अभिभूत कर दिया।
तीन दिन गूंजता रहा शास्त्रीय संगीत का मधुर रस
एफडीडीआई ऑडिटोरियम में आयोजित इस त्रिदिवसीय शास्त्रीय महोत्सव को श्रोताओं का भरपूर प्रेम मिला। संस्था राकेश राज ने बताया कि वह लगातार युवाओं को शास्त्रीय संगीत से जोड़ने और युवा कलाकारों को मंच प्रदान करने के लिए समर्पित है।