नेफिस सिस्टम से मिली बड़ी सफलता, रिसॉर्ट में गर्लफ्रेंड की हत्या करने वाला राजस्थान में गिरफ्तार | mekhla resort girlfriend murder case cracked nefis system | Patrika News h3>
मध्यप्रदेश के बहुचर्चित रिजॉर्ट हत्याकांड में शनिवार को बड़ा खुलासा हुआ है। मध्यप्रदेश पुलिस ने आरोपी को राजस्थान के सिरोही से उस समय पकड़ लिया जब वो बस में बैठकर कहीं जा रहा था। पुलिस को उसे पकड़ने में सफलता इसलिए भी मिली कि वो मृतका के इंस्टाग्राम से लगातार पोस्ट कर रहा था। उसने जैसे ही अजमेर के एक एटीएम से पैसा निकाला, उसकी लोकेशन पुलिस ने ट्रेस कर ली।
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नेफिस सिस्टम से पकड़ा गया
आरोपी को पकड़ने में पुलिस ने आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया। अभिजीत पाटीदार के नाम से हर जगह ठहरने वाला आरोपी का नाम हेमंत भदाणे के रूप में सामने आया है। यही नाम उसका असली है। वो 35 अपराधों का आरोपी भी है। अभिजीत पाटीदार नाम से हत्या, उससे पहले जबलपुर में ही एक व्यापारी से लाखों रुपए ठगने वाला शातिर क्रिमिनल निकला। इसके खिलाफ महाराष्ट्र में 35 मामले दर्ज हैं। साइकिल चोरी, लूट, धोखाधड़ी करना इसकी हॉबी थी। अलग-अलग तरह के क्राइम कर जो पैसा एकत्र करता था, उससे वो अय्याशी करता था। उसका यही शौक उसे जबलपुर की शिल्पा झारिया के करीब तक ले गया।
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फर्जी नाम से होटल में रुका
वारदात को अंजाम देने के बाद महाराष्ट्र का रहने वाला हेमंत भदाड़े अभिजीत पाटीदार नाम के फर्जी आइडी से होटल में रह रहा था। आरोपी लगातार युवती का एटीएम यूज कर रहा था। उसने पिछले 10 दिनों में एटीएम से एक लाख 52 हजार रुपए निकाले थे।
वो प्रेमिका का मर्डर करने के बाद पहले तो छत्तीसगढ़ के रायपुर गया, वहां से महाराष्ट्र के नागपुर पहुंचा। वहां से हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़ जाने के बाद अजमेर पहुंचा था। पुलिस ने उसे सिरोही से गिरफ्तार कर लिया। उस समय वो बस में सफर कर रहा था।
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8 नवंबर को मिला था प्रेमिका का शव
जबलपुर के तिलवारा घाट थाना क्षेत्र के मेखला रिजॉर्ट में 8 नवंबर को युवती का शव मिला था। युवती यहां अपने बॉयफ्रेंड अभिजीत पाटीदार के साथ रुकने आई थी। हत्या का शक भी उसके बॉयफ्रेंड पर ही था, क्योंकि कमरे में दोनों साथ गए थे, लेकिन उसके बाद युवक कमरा बंद कर चला गया था। काफी देर तक युवती न अपने रूम से निकली और न ही कुछ खाने का आर्डर दिया तो रिजॉर्ट के स्टाफ को शक हुआ। इसकी सूचना पुलिस को दी गई। मास्टर की से दरवाजा खोला तो भीतर का नजारा बहुत ही भयानक था। युवती की लाश पड़ी हुई थी और आसपास काफी खून बिखरा हुआ था।
एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा के मुताबिक आरोपी से अब भी पूछताछ की जा रही है। आरोपी ने बताया कि मृतका शिल्पा को हेमंत अपनी गर्लफ्रेंड मानता था। दोनों के बीच काफी समय से रिलेशन थे दोनों बाहर भी साथ-साथ घूमने जाते थे। शिल्पा के सोशल मीडिया एकाउंट की आइडी पासवर्ड भी उसे मालूम थे। जिसमें शिल्पा की अन्य लड़कों से चैट और कॉल उसके पता लग गए थे। हेमंत शिल्पा से शादी करना चाहता था। लेकिन, जब शिल्पा के दूसरे लड़कों से रिलेशन का पता चला तो उसने खत्म करने का फैसला कर लिया।
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क्या है NAFIS (नेशनल आटोमैटिक फिंगर आइडेंटिटी सिस्टम)
नेशनल ऑटोमेटिक फिंगर प्रिंट आइडेंटिटी सिस्टम (नाफिस) देशभर में हर अपराधी की कुंडली तैयार करता है। NAFIS को नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) से जोड़ा गया है। इस पर यदि किसी अपराधी का कोई विवरण एक बार दर्ज हो गया तो फिर इसमें फेरबदल संभव नहीं हो सकता है। NAFIS में प्रत्येक अपराधी का नाम, पता, कहां-कहां अपराध किए, किस-किस जेल में रह चुके हैं। ऐसे अपराधियों की हिस्ट्री होती है। इसके साथ-साथ अंगुलियों की छाप (फिंगरप्रिंट), पैरों-तलवों की छाप (फुटप्रिंट), आंखों के आइरिस व रेटिना का बायोमीट्रिक डाटा भी इसमें शामिल होता है।
पुलिस विभाग अपराधों की विवेचना में अपग्रेट हो गई है। उसने नेफिस सिस्टम अपना लिया है। इसके जरिए पुलिस को फिंगर प्रिंट तैयार करने के वैज्ञानिक तौर तरीके अपनाए जाते हैं। इस सिस्टम के जरिए पूरे देश के अपराधियों से फिंगर प्रिंट का मिलान किया जा सकता है।
मध्यप्रदेश के बहुचर्चित रिजॉर्ट हत्याकांड में शनिवार को बड़ा खुलासा हुआ है। मध्यप्रदेश पुलिस ने आरोपी को राजस्थान के सिरोही से उस समय पकड़ लिया जब वो बस में बैठकर कहीं जा रहा था। पुलिस को उसे पकड़ने में सफलता इसलिए भी मिली कि वो मृतका के इंस्टाग्राम से लगातार पोस्ट कर रहा था। उसने जैसे ही अजमेर के एक एटीएम से पैसा निकाला, उसकी लोकेशन पुलिस ने ट्रेस कर ली।
नेफिस सिस्टम से पकड़ा गया
आरोपी को पकड़ने में पुलिस ने आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया। अभिजीत पाटीदार के नाम से हर जगह ठहरने वाला आरोपी का नाम हेमंत भदाणे के रूप में सामने आया है। यही नाम उसका असली है। वो 35 अपराधों का आरोपी भी है। अभिजीत पाटीदार नाम से हत्या, उससे पहले जबलपुर में ही एक व्यापारी से लाखों रुपए ठगने वाला शातिर क्रिमिनल निकला। इसके खिलाफ महाराष्ट्र में 35 मामले दर्ज हैं। साइकिल चोरी, लूट, धोखाधड़ी करना इसकी हॉबी थी। अलग-अलग तरह के क्राइम कर जो पैसा एकत्र करता था, उससे वो अय्याशी करता था। उसका यही शौक उसे जबलपुर की शिल्पा झारिया के करीब तक ले गया।
फर्जी नाम से होटल में रुका
वारदात को अंजाम देने के बाद महाराष्ट्र का रहने वाला हेमंत भदाड़े अभिजीत पाटीदार नाम के फर्जी आइडी से होटल में रह रहा था। आरोपी लगातार युवती का एटीएम यूज कर रहा था। उसने पिछले 10 दिनों में एटीएम से एक लाख 52 हजार रुपए निकाले थे।
वो प्रेमिका का मर्डर करने के बाद पहले तो छत्तीसगढ़ के रायपुर गया, वहां से महाराष्ट्र के नागपुर पहुंचा। वहां से हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़ जाने के बाद अजमेर पहुंचा था। पुलिस ने उसे सिरोही से गिरफ्तार कर लिया। उस समय वो बस में सफर कर रहा था।
8 नवंबर को मिला था प्रेमिका का शव
जबलपुर के तिलवारा घाट थाना क्षेत्र के मेखला रिजॉर्ट में 8 नवंबर को युवती का शव मिला था। युवती यहां अपने बॉयफ्रेंड अभिजीत पाटीदार के साथ रुकने आई थी। हत्या का शक भी उसके बॉयफ्रेंड पर ही था, क्योंकि कमरे में दोनों साथ गए थे, लेकिन उसके बाद युवक कमरा बंद कर चला गया था। काफी देर तक युवती न अपने रूम से निकली और न ही कुछ खाने का आर्डर दिया तो रिजॉर्ट के स्टाफ को शक हुआ। इसकी सूचना पुलिस को दी गई। मास्टर की से दरवाजा खोला तो भीतर का नजारा बहुत ही भयानक था। युवती की लाश पड़ी हुई थी और आसपास काफी खून बिखरा हुआ था।
एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा के मुताबिक आरोपी से अब भी पूछताछ की जा रही है। आरोपी ने बताया कि मृतका शिल्पा को हेमंत अपनी गर्लफ्रेंड मानता था। दोनों के बीच काफी समय से रिलेशन थे दोनों बाहर भी साथ-साथ घूमने जाते थे। शिल्पा के सोशल मीडिया एकाउंट की आइडी पासवर्ड भी उसे मालूम थे। जिसमें शिल्पा की अन्य लड़कों से चैट और कॉल उसके पता लग गए थे। हेमंत शिल्पा से शादी करना चाहता था। लेकिन, जब शिल्पा के दूसरे लड़कों से रिलेशन का पता चला तो उसने खत्म करने का फैसला कर लिया।
क्या है NAFIS (नेशनल आटोमैटिक फिंगर आइडेंटिटी सिस्टम)
नेशनल ऑटोमेटिक फिंगर प्रिंट आइडेंटिटी सिस्टम (नाफिस) देशभर में हर अपराधी की कुंडली तैयार करता है। NAFIS को नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) से जोड़ा गया है। इस पर यदि किसी अपराधी का कोई विवरण एक बार दर्ज हो गया तो फिर इसमें फेरबदल संभव नहीं हो सकता है। NAFIS में प्रत्येक अपराधी का नाम, पता, कहां-कहां अपराध किए, किस-किस जेल में रह चुके हैं। ऐसे अपराधियों की हिस्ट्री होती है। इसके साथ-साथ अंगुलियों की छाप (फिंगरप्रिंट), पैरों-तलवों की छाप (फुटप्रिंट), आंखों के आइरिस व रेटिना का बायोमीट्रिक डाटा भी इसमें शामिल होता है।
पुलिस विभाग अपराधों की विवेचना में अपग्रेट हो गई है। उसने नेफिस सिस्टम अपना लिया है। इसके जरिए पुलिस को फिंगर प्रिंट तैयार करने के वैज्ञानिक तौर तरीके अपनाए जाते हैं। इस सिस्टम के जरिए पूरे देश के अपराधियों से फिंगर प्रिंट का मिलान किया जा सकता है।