नेउरा में युवक की हत्या के विरोध में छह घंटे सड़क जाम

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नेउरा में युवक की हत्या के विरोध में छह घंटे सड़क जाम

नेउरा में युवक की हत्या के विरोध में छह घंटे सड़क जाम


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बिहटा के नेउरा थाना क्षेत्र में अपराधियों द्वारा गोली मारकर सरेराह सत्यम कुमार (23) की हत्या से गुस्साए लोगों ने शुक्रवार को जमकर प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने शव को सड़क पर रख बिहटा आरा मुख्य मार्ग को छह घंटे तक जाम रख नारेबाजी की। पुलिस की लापरवाही का आरोप लगाते हुए स्थानीय लोगों ने सड़क पर आगजनी भी की। इसके कारण सड़क पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। बीती रात बाइक सवार अपराधियों ने गोली मारकर युवक की हत्या कर दी थी। परिजनों का आरोप है कि थाने से महज 400 मीटर दूर घटनास्थल पर आधा घंटा देर से पुलिस पहुंची। यदि समय पर युवक को अस्पताल में भर्ती कराया जाता तो उसकी जान बच सकती थी। घटना के बाद डीएसपी बिहटा पंकज मिश्रा, बिहटा थाना प्रभारी राज कुमार मिश्रा ने लोगों को समझा-बुझा कर जाम हटवाया। डीएसपी बिहटा पंकज मिश्रा ने बताया कि पुलिस ने युवक के पिता के बयान पर मामला दर्ज किया है। मामले की छानबीन जारी है।

सत्यम कुमार पिता अवधेश वर्मा परिवार के साथ बिहटा थाना क्षेत्र के सिकंदरपुर में रह रहा था। वह इकलौता बेटा था और बेंगलुरु स्थित एक निजी बैंक मे सहायक मैनेजर के पद पर कार्यरत था। वर्तमान में उसकी प्रोनती मैनेजर के पद पर हो गई थी और तीन अगस्त को अमृतसर में पदभार ग्रहण करना था। अमृतसर जाने के लिए सत्यम कुमार पटना आया हुआ था। गुरुवार को वह अपने कुछ दस्तावेज लेने बहन वैष्णवी के साथ पटना स्थित कालेज गया था। लौटते वक्त सत्यम कुमार ने पटना जंक्शन से ट्रेन से बहन वैष्णवी कुमारी घर भेज दिया था। महावीर मंदिर में पूजा करने के बाद वह खुद अपनी स्पोटर्स बाइक से गुरुवार की रात अपने घर जा रहा था। रात करीब 8.30 बजे वह नेउरा थाना से कुछ दूरी पर नेउरा गंज पहुंचा था। तभी बाइक सवार अपराधियों ने उसे गोली मार दी थी। बाद में अपराधी युवका का बाइक लेकर फरार हो गए थे।

सत्यम के पेट में एक गोली लगी है। घटना की सूचना के बाद स्थानीय पुलिस उसे दानापुर स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम के बाद युवक का शव शुक्रवार की सुबह सात बजे घर भेजा गया। शव देखते ही परिजन विलाप करने लगे। बाद में हत्या के विरोध मे आक्रोषित ग्रामीणों ने बिहटा शाहाबाद मुख्य मार्ग पर सिकंदरपुर गांव के पास सड़क पर शव को रखकर जाम कर दिया और आगजनी की। प्रदर्शन के कारण करीब छह घंटे तक दोपहर करीब एक बजे तक पर हंगामा किया। इस दौरान मुख्य मार्ग पर यातायात बाधित रहा। मौके पर समझाने पहुंचे पुलिस अधिकारियों को आक्रोषित ग्रामीणों का कोपभाजन का शिकार होना पड़ा। लोगों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर यातायात को सुचारु करवाया।

पिता अवधेश वर्मा ने बताया की थाने के पास घटना होने के बावजूद पुलिस आधा घंटा देर से मौके पर पहुंची। पुलिस यदि तेजी से करवाई करती और समय पर सत्यम को अस्पताल ले जाया जाता तो उसकी जान बच सकती थी। यही नहीं अस्पताल पहुंचने पर थाना प्रभारी ने उन्हें उनके बेटे से मिलने तक नही दिया। एक घंटा के बाद उन्हें बताया गया कि सत्यम की मौत हो गई है।

सत्यम को शुक्रवार को रवाना होना था अमृतसर

सहायक मैनेजर से मैनेजर के पद पर प्रोनती के बाद उसका तबादला अमृतसर हो गया था। बेटे के ऊंचे पद पर नियुक्ति को लेकर परिजन व पड़ोसी खासे खुश थे। युवक की बहन वैष्णवी कोलकाता की एक निजी कम्पनी में फैशन डिजाइनर है। भाई से मिलने वह घर आई हुई थी। लेकिन बहन को शायद यह पता नहीं था कि भाई से यह उसकी आखिरी मुलाकात है। युवक की मौत से परिजनों के आंसू रुकने के नाम नहीं ले रहे थे। परिजनों ने बताया कि शुक्रवार को सत्यम को ट्रेन थी। शनिवार को अमृतसर में उसे योगदान देना था।

सभी पहलुओं से की जा रही छानबीन

युवक को गोली किसने और क्यों मारी फिलहाल पुलिस इसका पता लगा रही है। परिजन किसी विवाद अथवा झगड़े की बात से इंकार कर रहे हैं। उन्होंने किसी पर शक भी नहीं जताया है। अपराधी युवक की बाइक ले गए हैं। लेकिन उसके पर्स और उसमें मौजूद रुपये सलामत मिले हैं। पुलिस घटना स्थल लगे सीसीटीवी फुटेज से अपराधियों की पहचान करने की कोशिश के साथ ही तकनीकी अनुसंधान में जुटी हुई है।

राजीव मिश्रा

डीआईजी सह एसएसपी

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