नीलगाय-ब्लैक बक पकड़ने सरकार को नहीं मिल रहे हेलीकॉप्टर: टाइगर फाउंडेशन की मीटिंग में CM बोले- हाथियों की भी चिंता करें अफसर – Bhopal News

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नीलगाय-ब्लैक बक पकड़ने सरकार को नहीं मिल रहे हेलीकॉप्टर:  टाइगर फाउंडेशन की मीटिंग में CM बोले- हाथियों की भी चिंता करें अफसर – Bhopal News

नीलगाय-ब्लैक बक पकड़ने सरकार को नहीं मिल रहे हेलीकॉप्टर: टाइगर फाउंडेशन की मीटिंग में CM बोले- हाथियों की भी चिंता करें अफसर – Bhopal News

टाइगर फाउंडेशन समिति की बैठक लेते मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव।

प्रदेश में किसानों को जंगली पशुओं से होने वाली फसल हानि को रोकने के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की गई है। नीलगाय और कृष्णमृग (ब्लैक बक) जैसे फसल हानि पहुंचाने वाले वन्यजीवों को पकड़कर अन्यत्र बसाया जाएगा। इसके लिए रॉबिन्सन 44 हेलीकॉप्टर किराये पर लिया

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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्देश दिए हैं कि मध्यप्रदेश में वन्यजीवों के संरक्षण और कल्याण के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएं। उन्होंने प्रदेश के वनों में रह रहे हाथियों के कल्याण पर विशेष ध्यान देने को कहा है।

मध्यप्रदेश टाइगर फाउंडेशन समिति की बैठक में सीएम यादव ने कहा कि, प्रदेश में शेर, बाघ, चीता, सांभर और हाथी जैसे कई वन्यजीव हैं। उनके संरक्षण के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं। साथ ही, हाथियों के लिए पर्याप्त भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। घास के मैदान विकसित किए जाएं ताकि वे भोजन की तलाश में आबादी क्षेत्रों की ओर न भटकें। इससे किसानों की फसलों की हानि रुकेगी और मानव-हाथी के टकराव की स्थिति के बजाय सह-अस्तित्व की भावना विकसित होगी।

वन्य जीव पर्यटन को बढ़ावा देगी सरकार

गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में मध्यप्रदेश टाइगर फाउंडेशन समिति की 15वीं आमसभा की बैठक में उन्होंने कहा कि, मध्यप्रदेश में वन्य जीव पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए जहां बेहतर सुविधा उपलब्ध हो वहां वन्य जीव रेस्क्यू सेंटर कम जू स्थापित करने के लिए केन्द्र सरकार, सेंट्रल जू अथॉरिटी व अन्य वन्य जीव संस्थानों से मार्गदर्शन लेकर इस दिशा में आगे बढ़ें। वन्य जीवों को खुले में देखना पर्यटकों के लिए सदैव सहज आकर्षण का केन्द्र होता है और मध्यप्रदेश में इस दिशा में कार्य कर वन्य जीव पर्यटन को एक नई दिशा की ओर ले जाएं।

नील गाय एवं कृष्ण मृग पकड़कर किए जाएंगे स्थानांतरित

बैठक में बताया गया कि, प्रदेश में किसानों को जंगली पशुओं से होने वाली फसल हानि को रोकने के लिए विशेष कार्य योजना बनाई गई है। फसल हानि करने वाली नीलगायों एवं कृष्णमृगों (ब्लैक बक) को पकड़कर अन्यत्र स्थापित किया जाएगा। इन वन पशुओं को पकड़ने के लिए रॉबिन्सन 44 नामक हेलीकॉप्टर किराये पर लिया जाएगा। इसके लिए ई-टेंडर के जरिए टेंडर भी बुलाए गए लेकिन तीन टेंडर बुलाने के बावजूद अभी तक वांछित हेलीकॉप्टर एवं अनुभवी पॉयलट के टेंडर नहीं आए हैं। इसलिए कैप्चर ऑपरेशन पूरा करने के लिए रॉबिन्सन 44 हेलीकॉप्टर या इसके समकक्ष विमान उपलब्ध कराने के लिए प्रमुख सचिव विमानन से अनुरोध किया गया है। हेलीकॉप्टर उपलब्ध होने पर नीलगाय और ब्लैक बक कैप्चर कार्य तत्काल प्रारंभ कर दिया जाएगा, इससे किसानों की फसल हानि रुकेगी।

स्मारिका दुकान स्थापित होगी

मध्यप्रदेश टाइगर फाउंडेशन समिति द्वारा नवीन वन भवन में एक स्मारिका दुकान स्थापित की जाएगी। यह सीधे समिति द्वारा ही संचालित की जाएगी। इस दुकान से प्राप्त होने वाली आय का उपयोग वन्य जीव संरक्षण में कार्यरत कर्मचारियों के कल्याण के लिए किया जाएगा। समिति द्वारा गत 29 जुलाई को मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मुख्य आतिथ्य में अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस 2024 मनाया गया। इसके अलावा क्लोज-टू-मॉय हार्ट अभियान के जरिए जनसामान्य से सहयोग भी प्राप्त किया गया।

वनकर्मियों को समिति देगी 5 लाख रुपए तक की आर्थिक सहायता

प्रदेश के अंतर्गत संरक्षित क्षेत्रों, वनमंडलों में कार्यरत वनकर्मियों की वन्य जीव संरक्षण, रेस्क्यू कार्यों में आकस्मिक दुर्घटनाओं के दौरान गंभीर रूप से घायल होने पर वनकर्मियों को उपचार के लिए तात्कालिक राशि की आवश्यकता होती है, ऐसी स्थिति में अन्य मदों से राशि न उपलब्ध होने की स्थिति में प्रत्येक प्रकरण में उपचार के लिए तात्कालिक आर्थिक सहायता 5 लाख रुपए की राशि तक एवं आवश्यक होने पर एयर एम्बुलेंस उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक राशि का भुगतान मध्यप्रदेश टाइगर फाउंडेशन समिति के अंतर्गत वन्यजीव संरक्षण योजनाओं अंतर्गत स्वीकृत कॉपर्स फंड से किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रस्ताव का अनुमोदन किया।

मध्यप्रदेश टाइगर फाउंडेशन समिति के कार्य एवं उद्देश्य

मध्यप्रदेश शासन द्वारा वर्ष 1997 में नवाचार करते हुये मध्यप्रदेश टाइगर फाउंडेशन समिति का गठन मध्यप्रदेश सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 के अंतर्गत 15 जनवरी 1997 को किया गया था। समिति एवं आमसभा के अध्यक्ष वन मंत्री पदासीन होते हैं एवं शासी निकाय के अध्यक्ष, अपर मुख्य सचिव वन पदासीन हैं। समिति के सचिव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव) एवं मुख्य वन्यजीव अभिरक्षक (चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन) हैं। यह समिति गैर शासकीय संगठनों (एनजीओ), जन सहयोग एवं विषय से जुड़ी अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर प्रदेश में वन्यजीव संरक्षण का कार्य करती है। विभिन्न सहयोगियों से प्राप्त होने वाली दान/सहयोग राशि एवं सामग्री को संरक्षित क्षेत्रों में आवश्यक विशिष्ट प्रबंधकीय जरूरतों के लिए उपलब्ध कराती है। इसके अतिरिक्त मध्यप्रदेश टाइगर फाउंडेशन समिति जन समुदाय में वन्य जीव संरक्षण के प्रति जागरूकता एवं आपसी जुड़ाव बढ़ाने के लिये विभिन्न अभियानों, कार्यक्रमों का आयोजन भी करती है।

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