नीतीश ने क्यों काटा सुनील पिंटू का टिकट? देवेश ठाकुर पर भरोसा, लवली आनंद पर मेहरबानी की वजह भी जानें

12
नीतीश ने क्यों काटा सुनील पिंटू का टिकट? देवेश ठाकुर पर भरोसा, लवली आनंद पर मेहरबानी की वजह भी जानें

नीतीश ने क्यों काटा सुनील पिंटू का टिकट? देवेश ठाकुर पर भरोसा, लवली आनंद पर मेहरबानी की वजह भी जानें

ऐप पर पढ़ें

Lok Sabha Election 2024: नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने लोकसभा चुनाव 2016 के लिए बिहार की 16 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। पार्टी की ओर से जारी लिस्ट में सीतामढ़ी के सांसद सुनील कुमार पिटू का नाम नहीं है। उनकी सीट पर विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर को टिकट दिया गया है। सीतामढ़ी के पड़ोसी शिवहर लोकसभा सीट पर बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद को मौका दिया गया है। पार्टी ने सीवान से कविता सिंह का टिकट भी काट दिया है। गया से विजय मांझी को हटाकर जीतनराम मांझी को सीट दे दिया गया तो काराकाट सीट पर महाबली सिंह का टिकट कट गया है। गठबंधन के तहत यह सीट उपेंद्र कुशवाहा के हिस्से में चली गई है।

जदयू ने टिकट की लिस्ट मे अधिकतम पुराने चेहरों पर भरोसा किया है। लेकिन सीतामढ़ी में सुनील कुमार पिंटू के बदले देवेश चंद्र ठाकुर पर नीतीश के ऐतबार का कारण तलाशा जा रहा है। दरअसल सुनील पिंटू जातीय गणना की रिपोर्ट आने के बाद से ही नीतीश कुमार के निशाने पर थे। उन्होंने गणना की रिपोर्ट पर सवाल उठाया और कहा कि इसमें त्रुटि है जिसे सुधारना आवश्यक है। उन्होंने उसी दौरान पीएम नरेंद्र मोदी की नीतियों की सराहणा की। जातीय गणना पर उनके सुर तब के विपक्षी बीजेपी से मिल रहे थे। पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा तभी से सुनील कुमार पिंटू पर हमलावर थे। उसका फाइनल नतीजा आज सामने आया है। देवेश चंद्र ठाकुर ने पहले ही सीतामढ़ी से चुनाव लड़ने का ऐलान किया था लेकिन पार्टी के स्तर पर इसकी पुष्टि नहीं की जा रही थी। अब सुनील कुमार पिंटू पार्टी छोड़कर बीजेपी में जा सकते हैं। भाजपा उन्हें कहीं एडजस्ट करती है या नहीं इस पर सबकी नजरें टिकी हैं।

इसे भी पढ़ें-अब क्या करेंगे गोपाल मंडल? कहते थे भागलपुर का टिकट तो जेब में ही है; नीतीश ने अजय मंडल पर किया भरोसा

जदयू ने शिवहर से लवली आनंद को टिकट दिया है। इस सीट पर 2019 में बीजेपी से रामा देवी ने जीत दर्ज किया था।  2024 में बीजेपी ने यह सीट जेडीयू के हिस्से में डाल दी। तभी के कयास लगाए जा रहे थे कि लवली आनंद के लिए यह सीट जेडीयू ने बीजेपी से मांग लिया है। आनंद मोहन से नीतीश कुमार के प्रगाढ़ रिश्ते हैं। विश्वास मत के दौरान अंतिम क्षणों में उनके बेटे और शिवहर विधायक ने राजद को छोड़कर खुद को नीतीश खेमे का सदस्य घोषित कर दिया था। इससे पहले नीतीश कुमार ने कानून में बदलाव करते आनंद मोहन को जेल से निकाला और उनके घर जाकर पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया था। नीतीश कुमार ने बीजेपी से मैनेज करके अपना वादा निभाया।

बिहार की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News