नीतीश जेडीयू के सर्वेसर्वा तो हमेशा थे, अब अध्यक्ष बनने से पार्टी और गठबंधन पर होंगे ये चार बड़े असर h3>
ऐप पर पढ़ें
Advertising
आखिरकार एक बार फिर से सीएम नीतीश कुमार के हाथ जदयू की कमान आ गई है। और अब जेडीयू मतलब नीतीश कुमार होगा। बीते कई सालों ने नीतीश कुमार ने पार्टी कमान दल के अन्य नेताओं को दे रखी थी। जिस बात की अटकलें बीते कई दिनों से जारी थी। वो सभी आज सच साबित हुई। और दिल्ली के कंस्टीट्यूशन क्लब में जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ललन सिंह ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफे का ऐलान कर दिया। और अब पार्टी की कमान नीतीश कुमार के हाथ में आ गई है। जेडीयू बैठक की शुरुआत में ललन सिंह ने अपने अध्यक्षीय भाषण के दौरान पद छोड़ने की पेशकश की थी।
नीतीश कुमार के पास अब दो बड़ी जिम्मेदारियां है। एक तो बिहार के सीएम का पद और दूसरा पार्टी को मजबूती देना है। अब आपको बताते है कि नीतीश को जेडीयू की कमान मिलने के बाद क्या-क्या अंतर आएगा।
Advertising
1- जनता दल यूनाइटेड के सभी बड़े फैसले खुद सीएम नीतीश कुमार कर पाएंगे।
2- आगामी लोकसभा और बिहार विधानसभा चुनाव में सबसे अहम भूमिका अब नीतीश कुमार की होगी
3-चुनाव कैंडिडेट को सिंबल जारी करने का अधिकार और पार्टी पर नीतीश का पूरी तरह नियंत्रण होगा
Advertising
4- नीतीश कुमार के पार्टी का अध्यक्ष बनने के साथ ही इंडिया गठबंधन में जेडीयू का वजन भी बढ़ेगा। साथ ही लालू, कांग्रेस समेत तमाम सहयोगी दलों से सीधे डील करेंगे।
वैसे आपको बता दें। जेडीयू के ज्यादातर नेता नीतीश कुमार का नाम लेते वक्त सर्वोच्च नेता, सर्वमान्य नेता, सर्वेसर्वा जैसी उपमाओं का इस्तेमाल करते आए हैं। जेडीयू पहले भी उनके नियंत्रण में थी, लेकिन दूसरे नेता के अध्यक्ष रहने से औपचारिक तरीके से उन्हें किसी और के जरिए काम करना पड़ता था। अब खुद पार्टी अध्यक्ष बन जाने से औपचारिक रूप से अब उनके ऊपर पार्टी में कोई नहीं है। और वो सारे फैसले करने के लिए स्वतंत्र और अधिकृत हैं।
यह भी पढ़िए- नीतीश कुमार बने JDU अध्यक्ष; ललन सिंह ने छोड़ा पद, सही निकलीं अटकलें
Advertising
नीतीश कुमार को पार्टी का अध्यक्ष बनाए जाने की मांग जदयू में काफी वक्त से उठ रही थी। सभी की इस पर एकमत राय थी। वहीं सीएम नीतीश ने कहा की पार्टी के सभी लोगों के आग्रह पर अध्यक्ष का पद संभाल रहे हैं। उनकी कोई लालसा नहीं थी। लेकिन सबकी सर्वसहमति वो अध्यक्ष पद संभाल रहे हैं। इससे पहले जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश कुमार और पूर्व पार्टी अध्यक्ष ललन सिंह एक साथ, एक गाड़ी में बैठकर बैठक में शामिल होने पहुंचे थे। इससे पहले ललन सिंह और नीतीश की करीब आधे घंटे तक मुलाकात चली थी।
बिहार की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News
Advertising
ऐप पर पढ़ें
आखिरकार एक बार फिर से सीएम नीतीश कुमार के हाथ जदयू की कमान आ गई है। और अब जेडीयू मतलब नीतीश कुमार होगा। बीते कई सालों ने नीतीश कुमार ने पार्टी कमान दल के अन्य नेताओं को दे रखी थी। जिस बात की अटकलें बीते कई दिनों से जारी थी। वो सभी आज सच साबित हुई। और दिल्ली के कंस्टीट्यूशन क्लब में जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ललन सिंह ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफे का ऐलान कर दिया। और अब पार्टी की कमान नीतीश कुमार के हाथ में आ गई है। जेडीयू बैठक की शुरुआत में ललन सिंह ने अपने अध्यक्षीय भाषण के दौरान पद छोड़ने की पेशकश की थी।
नीतीश कुमार के पास अब दो बड़ी जिम्मेदारियां है। एक तो बिहार के सीएम का पद और दूसरा पार्टी को मजबूती देना है। अब आपको बताते है कि नीतीश को जेडीयू की कमान मिलने के बाद क्या-क्या अंतर आएगा।
1- जनता दल यूनाइटेड के सभी बड़े फैसले खुद सीएम नीतीश कुमार कर पाएंगे।
2- आगामी लोकसभा और बिहार विधानसभा चुनाव में सबसे अहम भूमिका अब नीतीश कुमार की होगी
3-चुनाव कैंडिडेट को सिंबल जारी करने का अधिकार और पार्टी पर नीतीश का पूरी तरह नियंत्रण होगा
4- नीतीश कुमार के पार्टी का अध्यक्ष बनने के साथ ही इंडिया गठबंधन में जेडीयू का वजन भी बढ़ेगा। साथ ही लालू, कांग्रेस समेत तमाम सहयोगी दलों से सीधे डील करेंगे।
वैसे आपको बता दें। जेडीयू के ज्यादातर नेता नीतीश कुमार का नाम लेते वक्त सर्वोच्च नेता, सर्वमान्य नेता, सर्वेसर्वा जैसी उपमाओं का इस्तेमाल करते आए हैं। जेडीयू पहले भी उनके नियंत्रण में थी, लेकिन दूसरे नेता के अध्यक्ष रहने से औपचारिक तरीके से उन्हें किसी और के जरिए काम करना पड़ता था। अब खुद पार्टी अध्यक्ष बन जाने से औपचारिक रूप से अब उनके ऊपर पार्टी में कोई नहीं है। और वो सारे फैसले करने के लिए स्वतंत्र और अधिकृत हैं।
यह भी पढ़िए- नीतीश कुमार बने JDU अध्यक्ष; ललन सिंह ने छोड़ा पद, सही निकलीं अटकलें
नीतीश कुमार को पार्टी का अध्यक्ष बनाए जाने की मांग जदयू में काफी वक्त से उठ रही थी। सभी की इस पर एकमत राय थी। वहीं सीएम नीतीश ने कहा की पार्टी के सभी लोगों के आग्रह पर अध्यक्ष का पद संभाल रहे हैं। उनकी कोई लालसा नहीं थी। लेकिन सबकी सर्वसहमति वो अध्यक्ष पद संभाल रहे हैं। इससे पहले जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश कुमार और पूर्व पार्टी अध्यक्ष ललन सिंह एक साथ, एक गाड़ी में बैठकर बैठक में शामिल होने पहुंचे थे। इससे पहले ललन सिंह और नीतीश की करीब आधे घंटे तक मुलाकात चली थी।