नीतीश के संयोजक पद ठुकराने से इंडिया गठबंधन में असहज सन्नाटा, मोदी के दौरे से पहले अटकलें तेज h3>
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इंडिया गठबंधन की शनिवार को वर्चुअल मीटिंग हुई। इस अहम बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संयोजक बनाए जाने का प्रस्ताव पेश किया गया, जिसे जेडीयू अध्यक्ष ने अस्वीकार कर दिया। नीतीश कुमार के इस फैसले के बाद इंडिया गठबंधन में असहज सन्नाटा छाया हुआ है। वहीं नीतीश कुमार के द्वारा लिए गए फैसले के बाद अटकलों का बाजार भी गर्म हो गया है। कयास लगाया जा रहा है कि नीतीश कुमार आने वाले दिनों में कुछ बड़े फैसले ले सकते हैं। जेडीयू के बड़े पदाधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बिहार यात्रा से पहले 24 जनवरी (कर्पूरी जयंती) और 27 जनवरी के बीच नीतीश कुमार बड़े फैसले ले सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि नीतीश कुमार ने बैठक के दौरान कहा कि वह संयोजक नहीं बनना चाहते हैं। नीतीश कुमार के के इनकार के बाद कुछ पार्टियों ने संयोजक के लिए आरजेडी प्रमुख लालू यादव के नाम का प्रस्ताव रखा, जिस पर नीतीश कुमार ने कहा कि अगर ऐसा है तो लालू जी को ही संयोजक बना देना चाहिए।
शनिवार को हुई वर्चुअल मीटिंग से बाहर आने के बाद बिहार सरकार में जल संसाधन मंत्री संजय झा ने मीडियाकर्मियों से कहा कि बैठक में संयोजक पद का प्रस्ताव रखा गया था। मुख्यमंत्री (नीतीश कुमार) चाहते थे कि गठबंधन का संयोजक कांग्रेस से ही हो। हमारे नेता नीतीश कुमार ने बैठक में कहा है कि इंडिया गठबंधन का अध्यक्ष कांग्रेस से बनना चाहिए। संजय झा ने कहा कि बैठक के दौरान बहुत सारी बातों पर चर्चा हुई लेकिन सीट बंटवारे पर कोई चर्चा नहीं हुई। वहीं जेडीयू सूत्रों ने कहा कि जिस तरह से कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर पर महागठबंधन के सहयोगियों की सलाह को नजरअंदाज किया है, उससे नीतीश कुमार नाखुश हैं।
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बड़े बेआबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले, INDIA का संयोजक बनने से नीतीश के इनकार पर बीजेपी का तंज
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इस बीच बीजेपी को एक बार फिर से इंडिया गठबंधन पर हमला करने का मौका मिल गया। वहीं दूसरी ओर महागठबंधन के घटक दलों के कई नेता जेडीयू अध्यक्ष के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देने से बचते नजर आएं। नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि विपक्षी गठबंधन की पांचवीं बैठक भी बे-नतीजा रही। विपक्षी गठबंधन में एक नेता दूसरे को प्रधानमंत्री का सपना दिखा रहे हैं। अब लग रहा है कि कांग्रेस ने खुद को सर्वेसर्वा बना लिया है। सीट की संख्या, संयोजक और प्रधानमंत्री चेहरा के नाम पर विपक्षी गठबंधन में काफी दिनों से घमासान जारी है। वहीं बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार के लोगों को उम्मीद थी कि नीतीश कुमार को पीएम पद का दावेदार घोषित किया जाएगा, लेकिन इंडिया गठबंधन की ओर से उनके नाम की घोषणा नहीं की गई। इंडिया गठबंधन के लोग नहीं चाहते कि नीतीश कुमार पीएम पद के दावेदार बनें)।
वहीं आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि हम भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए काम कर रहे हैं। लालू यादव, तेजस्वी यादव और नीतीश की कोशिश अब रंग ला रही है। नीतीश जी ने कांग्रेस को संयोजक पद देने का सुझाव दिया। हम सभी जानते हैं कि इंडिया गठबंधन एकजुट है। वरिष्ठ नेता इस मुद्दे पर बात करेंगे। इसके अलावा जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा है कि हमारे नेता का एजेंडा संयोजक बनना नहीं है। हमारा एक ही एजेंडा है, बीजेपी हटाओ और देश बचाओ। उन्होंने बताया कि इंडिया गठबंधन का दायरा बढ़ रहा है, जिसे लेकर जिससे भाजपा असहज महसूस कर रही है।
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इंडिया गठबंधन की शनिवार को वर्चुअल मीटिंग हुई। इस अहम बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संयोजक बनाए जाने का प्रस्ताव पेश किया गया, जिसे जेडीयू अध्यक्ष ने अस्वीकार कर दिया। नीतीश कुमार के इस फैसले के बाद इंडिया गठबंधन में असहज सन्नाटा छाया हुआ है। वहीं नीतीश कुमार के द्वारा लिए गए फैसले के बाद अटकलों का बाजार भी गर्म हो गया है। कयास लगाया जा रहा है कि नीतीश कुमार आने वाले दिनों में कुछ बड़े फैसले ले सकते हैं। जेडीयू के बड़े पदाधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बिहार यात्रा से पहले 24 जनवरी (कर्पूरी जयंती) और 27 जनवरी के बीच नीतीश कुमार बड़े फैसले ले सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि नीतीश कुमार ने बैठक के दौरान कहा कि वह संयोजक नहीं बनना चाहते हैं। नीतीश कुमार के के इनकार के बाद कुछ पार्टियों ने संयोजक के लिए आरजेडी प्रमुख लालू यादव के नाम का प्रस्ताव रखा, जिस पर नीतीश कुमार ने कहा कि अगर ऐसा है तो लालू जी को ही संयोजक बना देना चाहिए।
शनिवार को हुई वर्चुअल मीटिंग से बाहर आने के बाद बिहार सरकार में जल संसाधन मंत्री संजय झा ने मीडियाकर्मियों से कहा कि बैठक में संयोजक पद का प्रस्ताव रखा गया था। मुख्यमंत्री (नीतीश कुमार) चाहते थे कि गठबंधन का संयोजक कांग्रेस से ही हो। हमारे नेता नीतीश कुमार ने बैठक में कहा है कि इंडिया गठबंधन का अध्यक्ष कांग्रेस से बनना चाहिए। संजय झा ने कहा कि बैठक के दौरान बहुत सारी बातों पर चर्चा हुई लेकिन सीट बंटवारे पर कोई चर्चा नहीं हुई। वहीं जेडीयू सूत्रों ने कहा कि जिस तरह से कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर पर महागठबंधन के सहयोगियों की सलाह को नजरअंदाज किया है, उससे नीतीश कुमार नाखुश हैं।
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इस बीच बीजेपी को एक बार फिर से इंडिया गठबंधन पर हमला करने का मौका मिल गया। वहीं दूसरी ओर महागठबंधन के घटक दलों के कई नेता जेडीयू अध्यक्ष के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देने से बचते नजर आएं। नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि विपक्षी गठबंधन की पांचवीं बैठक भी बे-नतीजा रही। विपक्षी गठबंधन में एक नेता दूसरे को प्रधानमंत्री का सपना दिखा रहे हैं। अब लग रहा है कि कांग्रेस ने खुद को सर्वेसर्वा बना लिया है। सीट की संख्या, संयोजक और प्रधानमंत्री चेहरा के नाम पर विपक्षी गठबंधन में काफी दिनों से घमासान जारी है। वहीं बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार के लोगों को उम्मीद थी कि नीतीश कुमार को पीएम पद का दावेदार घोषित किया जाएगा, लेकिन इंडिया गठबंधन की ओर से उनके नाम की घोषणा नहीं की गई। इंडिया गठबंधन के लोग नहीं चाहते कि नीतीश कुमार पीएम पद के दावेदार बनें)।
वहीं आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि हम भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए काम कर रहे हैं। लालू यादव, तेजस्वी यादव और नीतीश की कोशिश अब रंग ला रही है। नीतीश जी ने कांग्रेस को संयोजक पद देने का सुझाव दिया। हम सभी जानते हैं कि इंडिया गठबंधन एकजुट है। वरिष्ठ नेता इस मुद्दे पर बात करेंगे। इसके अलावा जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा है कि हमारे नेता का एजेंडा संयोजक बनना नहीं है। हमारा एक ही एजेंडा है, बीजेपी हटाओ और देश बचाओ। उन्होंने बताया कि इंडिया गठबंधन का दायरा बढ़ रहा है, जिसे लेकर जिससे भाजपा असहज महसूस कर रही है।