नीतीश कुमार का नाम गिनीज बुक में हो सकता दर्ज… जातीय जनगणना पर BJP ने सीएम पर बोला धावा h3>
पटना: बिहार में जारी जाति आधारित जनगणना पर पटना हाई कोर्ट ने गुरुवार को रोक लगा दी। पटना हाई कोर्ट के इस अंतरिम आदेश को नीतीश सरकार के लिए एक झटका समझा जा रहा है। पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद की पीठ ने इस मामले पर बुधवार को सुनवाई की थी। इधर रोक लगते ही राज्य में सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता आमने-सामने आ गए हैं। बीजेपी हाई कोर्ट के फैसले को लेकर नीतीश की नीयत में खोट बता रही है तो वहीं राजद रोक को दुर्भाग्यपूर्ण बता रहा है। जबकि जेडीयू का कहना है कि जातीय सर्वे पर सभी दलों ने मंजूरी दी थी। पढ़िए किसने क्या कहा… नीतीश का नाम गिनीज बुक में हो सकता है शामिल: जायसवाल
बिहार बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और बेतिया सांसद डॉक्टर संजय जायसवाल ने नीतीश कुमार पर एक बार फिर वार किया है। उन्होंने बिहार सरकार की ओर से कराए जा रहे जातिगत गणना पर हाईकोर्ट की ओर से रोक लगाए जाने के बाद कहा कि सभी दलों की सामूहिक सहमती से जातिगत जनगणना कराने का निर्णय हुआ था। लेकिन इस मामले को भी नीतीश कुमार हाई कोर्ट में सही से नहीं रख सके। डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि अगर सही मामलों में देखा जाए तो हाई कोर्ट में हारने के लिए नीतीश कुमार का नाम गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जरूर आएगा। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार एक तरह से जानबूझ कर केस हारने का और उसे लंबा खींच कर, विवाद बढ़ाने का काम करती है।
बिहार में बजरंग दल पर बैन को लेकर क्या बोले नीतीश? JDU के सांसद ने की थी मांग, देखिए Video
जातिगत गणना पर हाई कोर्ट की रोक दुर्भाग्यपूर्ण: RJD
जातीय जनगणना पर पटना हाई कोर्ट के आदेश को लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद मनोज झा ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि अदालत से लोगों को न्याय की अपेक्षा होती है लेकिन ऐसे फैसले चिंता का विषय हैं। मनोज झा ने कहा कि पटना हाई कोर्ट का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके लिए सभी दलों ने मंजूरी दी थी। लेकिन आज एक दल को बहुत खुशी हो रही होगी। इसके बिना सभी लोगों की विकास संभव नहीं है।
नीतीश के नियत में खोट था, पटना हाई कोर्ट ने इसे भांप लिया: विजय सिन्हा
जातिगत जनगणना पर रोक लगाए जाने के बाद बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी के नेता विजय कुमार सिन्हा का कहना है कि जातीय आधार पर जनगणना कराने को लेकर नीतीश कुमार की नियत में शुरू से ही खोट था। नीतीश कुमार जातीय उन्माद फैलाकर बिहार को हिंसा में धकेलना चाहते थे। वे राजनीतिक फायदा उठाना चाहते थे। लेकिन पटना हाई कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा कर मुख्यमंत्री के सारे मंसूबों पर पानी फेर दिया। विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि पटना हाई कोर्ट का यह निर्णय स्वागत योग्य है।
हाई कोर्ट का अंतरिम फैसला है, फाइनल नहीं: JDU
जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि यह हाई कोर्ट का अंतरिम फैसला है। इसे फाइनल नहीं माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार में जातीय सर्वे के लिए विधानमंडल के प्रस्ताव, सर्वदलीय सहमति से नीतिगत फैसला किया गया था। ऐसे में आज पटना हाई कोर्ट की ओर से अंतरिम आदेश पारित किया जाना और कहना कि इसका डाटा सुरक्षित रखा जाए, ये साबित करता है कि ये तात्कालिक आदेश है।
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नीतीश का नाम गिनीज बुक में हो सकता है शामिल: जायसवाल
बिहार बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और बेतिया सांसद डॉक्टर संजय जायसवाल ने नीतीश कुमार पर एक बार फिर वार किया है। उन्होंने बिहार सरकार की ओर से कराए जा रहे जातिगत गणना पर हाईकोर्ट की ओर से रोक लगाए जाने के बाद कहा कि सभी दलों की सामूहिक सहमती से जातिगत जनगणना कराने का निर्णय हुआ था। लेकिन इस मामले को भी नीतीश कुमार हाई कोर्ट में सही से नहीं रख सके। डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि अगर सही मामलों में देखा जाए तो हाई कोर्ट में हारने के लिए नीतीश कुमार का नाम गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जरूर आएगा। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार एक तरह से जानबूझ कर केस हारने का और उसे लंबा खींच कर, विवाद बढ़ाने का काम करती है।
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जातिगत गणना पर हाई कोर्ट की रोक दुर्भाग्यपूर्ण: RJD
जातीय जनगणना पर पटना हाई कोर्ट के आदेश को लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद मनोज झा ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि अदालत से लोगों को न्याय की अपेक्षा होती है लेकिन ऐसे फैसले चिंता का विषय हैं। मनोज झा ने कहा कि पटना हाई कोर्ट का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके लिए सभी दलों ने मंजूरी दी थी। लेकिन आज एक दल को बहुत खुशी हो रही होगी। इसके बिना सभी लोगों की विकास संभव नहीं है।
नीतीश के नियत में खोट था, पटना हाई कोर्ट ने इसे भांप लिया: विजय सिन्हा
जातिगत जनगणना पर रोक लगाए जाने के बाद बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी के नेता विजय कुमार सिन्हा का कहना है कि जातीय आधार पर जनगणना कराने को लेकर नीतीश कुमार की नियत में शुरू से ही खोट था। नीतीश कुमार जातीय उन्माद फैलाकर बिहार को हिंसा में धकेलना चाहते थे। वे राजनीतिक फायदा उठाना चाहते थे। लेकिन पटना हाई कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा कर मुख्यमंत्री के सारे मंसूबों पर पानी फेर दिया। विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि पटना हाई कोर्ट का यह निर्णय स्वागत योग्य है।
हाई कोर्ट का अंतरिम फैसला है, फाइनल नहीं: JDU
जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि यह हाई कोर्ट का अंतरिम फैसला है। इसे फाइनल नहीं माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार में जातीय सर्वे के लिए विधानमंडल के प्रस्ताव, सर्वदलीय सहमति से नीतिगत फैसला किया गया था। ऐसे में आज पटना हाई कोर्ट की ओर से अंतरिम आदेश पारित किया जाना और कहना कि इसका डाटा सुरक्षित रखा जाए, ये साबित करता है कि ये तात्कालिक आदेश है।