निवेशक सम्मेलन से बिहार के युवाओं की खुलेगी किस्मत, दो साल में 60 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार h3>
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बिहार में निवेश की भरमार से रोजगार के अवसर बढ़े हैं। बिहार में आईटी क्षेत्र की कंपनियों के आने से सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को भी अपने राज्य में रोजगार मिलने लगेंगे। सेवा क्षेत्र में भी रोजगार के मौके बढ़ जाएंगे। पटना में दो दिनों तक चले बिहार बिजनेस कनेक्ट में 302 कंपनियों ने 50 हजार करोड़ से अधिक का निवेश किया है। अनुमान के मुताबिक अगले दो से तीन साल में इन कंपनियों में उत्पादन शुरू होने के बाद 60 हजार से अधिक युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। सबसे ज्यादा रोजगार खाद्य प्रसंस्करण, विनिर्माण और वस्त्र एवं चमड़ा उद्योग में मिलेंगे।
खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश करने में सबसे ज्यादा 124 कंपनियों ने रुचि दिखाई है। इन कंपनियों ने 14 हजार 564 करोड़ रुपये निवेश का प्रस्ताव दिया है। इनकी इकाई स्थापित होने के बाद किसानों की आय में भी वृद्धि होगी। इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को अप्रत्यक्ष तरीके से भी रोजगार के मौके मिलेंगे।
दूसरे स्थान पर सबसे ज्यादा 99 कंपनियों ने विनिर्माण और उत्पादन क्षेत्र में निवेश का करार किया है। सीमेंट फैक्ट्री की बात करें तो अडानी ने वारिसलीगंज और महावल में सीमेंट फैक्ट्री लगाने का निर्णय लिया है। यहां 3000 लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा स्टार सीमेंट, अल्ट्राटेक और जेके लक्ष्मी सीमेंट ने एक-एक हजार करोड़ निवेश का प्रस्ताव दिया है। श्री सीमेंट ने 650 करोड़ निवेश की घोषणा की है। इन सभी को मिलाकर आठ हजार से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
दबाव बनाकर निवेशकों से एमओयू साइन कराए गए, सुशील मोदी का नीतीश पर आरोप
वस्त्र एवं चमड़ा उद्योग में अधिक कुशल श्रमिक की जरूरत होती है। इस क्षेत्र में 17 कंपनियों ने 674 करोड़ के एमओयू पर हस्ताक्षर किया है। बिहार में कुशल श्रमिक की उपलब्धता के चलते इस क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
खाद्य प्रसंस्करण में कच्चा माल उपलब्ध
खाद्य प्रसंस्करण इकाई लगाने वाली कंपनियों को कच्चा माल बिहार में ही मिल जाएगा। इन कंपनियों की इकाई भी उन्हीं क्षेत्रों में लगेगी, जहां कच्चे माल की प्रचुरता है। उत्तर बिहार में मखाना और लीची से जुड़ी इकाई का प्रस्ताव है। मक्का से जुड़ी प्रसंस्करण इकाई कोसी क्षेत्र में ज्यादा लगेगी। धान और मक्का के क्षेत्र में इथेनॉल इकाई का प्रस्ताव है। सब्जी और फल उत्पादन में बिहार क्रमश: दूसरे और पांचवें स्थान पर है। मक्का में पहला स्थान रखता है। शहद उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। मोटे अनाज और दलहन की उत्पादकता भी बढ़ाने का लक्ष्य है।
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बिहार में निवेश की भरमार से रोजगार के अवसर बढ़े हैं। बिहार में आईटी क्षेत्र की कंपनियों के आने से सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को भी अपने राज्य में रोजगार मिलने लगेंगे। सेवा क्षेत्र में भी रोजगार के मौके बढ़ जाएंगे। पटना में दो दिनों तक चले बिहार बिजनेस कनेक्ट में 302 कंपनियों ने 50 हजार करोड़ से अधिक का निवेश किया है। अनुमान के मुताबिक अगले दो से तीन साल में इन कंपनियों में उत्पादन शुरू होने के बाद 60 हजार से अधिक युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। सबसे ज्यादा रोजगार खाद्य प्रसंस्करण, विनिर्माण और वस्त्र एवं चमड़ा उद्योग में मिलेंगे।
खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश करने में सबसे ज्यादा 124 कंपनियों ने रुचि दिखाई है। इन कंपनियों ने 14 हजार 564 करोड़ रुपये निवेश का प्रस्ताव दिया है। इनकी इकाई स्थापित होने के बाद किसानों की आय में भी वृद्धि होगी। इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को अप्रत्यक्ष तरीके से भी रोजगार के मौके मिलेंगे।
दूसरे स्थान पर सबसे ज्यादा 99 कंपनियों ने विनिर्माण और उत्पादन क्षेत्र में निवेश का करार किया है। सीमेंट फैक्ट्री की बात करें तो अडानी ने वारिसलीगंज और महावल में सीमेंट फैक्ट्री लगाने का निर्णय लिया है। यहां 3000 लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा स्टार सीमेंट, अल्ट्राटेक और जेके लक्ष्मी सीमेंट ने एक-एक हजार करोड़ निवेश का प्रस्ताव दिया है। श्री सीमेंट ने 650 करोड़ निवेश की घोषणा की है। इन सभी को मिलाकर आठ हजार से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
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वस्त्र एवं चमड़ा उद्योग में अधिक कुशल श्रमिक की जरूरत होती है। इस क्षेत्र में 17 कंपनियों ने 674 करोड़ के एमओयू पर हस्ताक्षर किया है। बिहार में कुशल श्रमिक की उपलब्धता के चलते इस क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
खाद्य प्रसंस्करण में कच्चा माल उपलब्ध
खाद्य प्रसंस्करण इकाई लगाने वाली कंपनियों को कच्चा माल बिहार में ही मिल जाएगा। इन कंपनियों की इकाई भी उन्हीं क्षेत्रों में लगेगी, जहां कच्चे माल की प्रचुरता है। उत्तर बिहार में मखाना और लीची से जुड़ी इकाई का प्रस्ताव है। मक्का से जुड़ी प्रसंस्करण इकाई कोसी क्षेत्र में ज्यादा लगेगी। धान और मक्का के क्षेत्र में इथेनॉल इकाई का प्रस्ताव है। सब्जी और फल उत्पादन में बिहार क्रमश: दूसरे और पांचवें स्थान पर है। मक्का में पहला स्थान रखता है। शहद उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। मोटे अनाज और दलहन की उत्पादकता भी बढ़ाने का लक्ष्य है।