निकिता तोमर अपहरण मामले में तौसीफ व उसके माता-पिता पर चलेगा मुकदमा, चाचा बरी h3>
हाइलाइट्स
- आरोपियों पर छात्रा का अपहरण, जान से मारने की धमकी व दबाव बनाने के आरोप
- अक्टूबर 2020 में अग्रवाल कॉलेज के सामने निकिता की गोली मारकर की गई थी हत्या
- मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट सुनवाई करते हुए तौसीफ व उसके दोस्त को सुना चुकी है सजा
फरीदाबाद
अग्रवाल कॉलेज की छात्रा निकिता तोमर के 2018 में हुए अपहरण मामले में लोअर कोर्ट ने आरोपित तौसीफ, उसके पिता जाकिर हुसैन व मां असमीना पर मुकदमा चलाए जाने की इजाजत दे दी है जबकि चाचा को मुकदमे से बाहर कर दिया है। आरोपितों पर छात्रा का अपहरण, जान से मारने की धमकी व दबाव बनाने के आरोप है। कोर्ट के इस फैसले से आरोपित पक्ष को झटका लगा है जबकि पीड़ित परिवार ने न्याय की उम्मीद जताई है।
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फास्ट ट्रैक कोर्ट सुना चुकी है सजा
सोहना निवासी तौसीफ और उसके साथी रेहान ने अक्टूबर 2020 में बल्लभगढ़ अग्रवाल कॉलेज के सामने निकिता की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सुनवाई करते हुए दोनों को सजा सुना दी है। इससे पहले 2018 में तौसीफ ने निकिता का अपहरण भी किया था। तब निकिता व उसके पिता मूलचंद तोमर ने कोर्ट में एफिडेविट पेश कर मुकदमा खत्म करवा दिया था।
मामले की जांच दुबारा कराने की लगाई थी गुहार
निकिता की हत्या के बाद मूलचंद तोमर ने दोबारा से पुराने मामले की जांच करवाने की गुहार लगाई थी। जिस पर मुकदमे की दोबारा सुनवाई शुरू हुई। अपहरण मामले को खारिज करने के संबंध में बचाव पक्ष के एडवोकेट अनीस खान ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजेश गर्ग की अदालत में याचिका लगाई थी। जिस पर अदालत ने गुरुवार को फैसला सुनाया। फैसले के अनुसार अपहरण में आरोपित तौसीफ, जाकिर हुसैन व असमीना पर मुकदमा चलाया जाएगा। निकिता पक्ष की तरफ से एडवोकेट एदल सिंह रावत अदालत में पेश हुए।
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अभियोजन पक्ष ने कहा- दबाव के चलते वापस लिया था केस
बहस के दौरान बचाव पक्ष ने कहा था कि साल 2018 में निकिता व उसके पिता मूलचंद तोमर ने अदालत में हलफनामा दायर कर कहा था कि उन्होंने गलतफहमी में तौसीफ का नाम लिखवा दिया था। उस समय दी गई शिकायत में तौसीफ के पिता या किसी अन्य परिजन का नाम नहीं था। पीड़ित पक्ष हत्या मामले को मजबूती देने के लिए केस को बढ़ा रहा है। अभियोजन पक्ष ने कहा था कि उस समय सामाजिक व आधिकारिक दबाव के चलते केस को वापस लिया था।
हाइलाइट्स
- आरोपियों पर छात्रा का अपहरण, जान से मारने की धमकी व दबाव बनाने के आरोप
- अक्टूबर 2020 में अग्रवाल कॉलेज के सामने निकिता की गोली मारकर की गई थी हत्या
- मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट सुनवाई करते हुए तौसीफ व उसके दोस्त को सुना चुकी है सजा
अग्रवाल कॉलेज की छात्रा निकिता तोमर के 2018 में हुए अपहरण मामले में लोअर कोर्ट ने आरोपित तौसीफ, उसके पिता जाकिर हुसैन व मां असमीना पर मुकदमा चलाए जाने की इजाजत दे दी है जबकि चाचा को मुकदमे से बाहर कर दिया है। आरोपितों पर छात्रा का अपहरण, जान से मारने की धमकी व दबाव बनाने के आरोप है। कोर्ट के इस फैसले से आरोपित पक्ष को झटका लगा है जबकि पीड़ित परिवार ने न्याय की उम्मीद जताई है।
फास्ट ट्रैक कोर्ट सुना चुकी है सजा
सोहना निवासी तौसीफ और उसके साथी रेहान ने अक्टूबर 2020 में बल्लभगढ़ अग्रवाल कॉलेज के सामने निकिता की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सुनवाई करते हुए दोनों को सजा सुना दी है। इससे पहले 2018 में तौसीफ ने निकिता का अपहरण भी किया था। तब निकिता व उसके पिता मूलचंद तोमर ने कोर्ट में एफिडेविट पेश कर मुकदमा खत्म करवा दिया था।
मामले की जांच दुबारा कराने की लगाई थी गुहार
निकिता की हत्या के बाद मूलचंद तोमर ने दोबारा से पुराने मामले की जांच करवाने की गुहार लगाई थी। जिस पर मुकदमे की दोबारा सुनवाई शुरू हुई। अपहरण मामले को खारिज करने के संबंध में बचाव पक्ष के एडवोकेट अनीस खान ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजेश गर्ग की अदालत में याचिका लगाई थी। जिस पर अदालत ने गुरुवार को फैसला सुनाया। फैसले के अनुसार अपहरण में आरोपित तौसीफ, जाकिर हुसैन व असमीना पर मुकदमा चलाया जाएगा। निकिता पक्ष की तरफ से एडवोकेट एदल सिंह रावत अदालत में पेश हुए।
अभियोजन पक्ष ने कहा- दबाव के चलते वापस लिया था केस
बहस के दौरान बचाव पक्ष ने कहा था कि साल 2018 में निकिता व उसके पिता मूलचंद तोमर ने अदालत में हलफनामा दायर कर कहा था कि उन्होंने गलतफहमी में तौसीफ का नाम लिखवा दिया था। उस समय दी गई शिकायत में तौसीफ के पिता या किसी अन्य परिजन का नाम नहीं था। पीड़ित पक्ष हत्या मामले को मजबूती देने के लिए केस को बढ़ा रहा है। अभियोजन पक्ष ने कहा था कि उस समय सामाजिक व आधिकारिक दबाव के चलते केस को वापस लिया था।