निआसरे का आसरा बनीं सुरजीत कौर, डॉक्टर बेटे संग गरीबों का फ्री इलाज कर रहीं – Ludhiana News h3>
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जब दिल में सेवा का जज्बा हो, तो इंसान किसी तंत्र या फंडिंग का मोहताज नहीं होता। लुधियाना की दुगरी निवासी रिटायर्ड नर्स सुरजीत कौर इसका जीता-जागता उदाहरण हैं। 18 मार्च 2019 को उन्होंने अपने घर से एक नेक पहल की शुरुआत की जिसका नाम रखा निआसरे का आसरा। स
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लिखने का भी शौक है, अब तक कई किताबें भी लिख चुकी हैं
सुरजीत कौर बताती हैं कि कई बार उनके पास ऐसे मरीज आते हैं, जिनके जख्मों में कीड़े लगे होते हैं। वे उन्हें न सिर्फ ठीक करती हैं, बल्कि उन्हें उनके परिवार से मिलवाकर दोबारा समाज की मुख्यधारा से जोड़ती हैं। जब उन मरीजों की आंखों में दोबारा जीने की चमक लौटती है, वही हमारी असली कमाई होती है। सुरजीत कौर मुस्कुराते हुए कहती हैं कि इस सेवा यात्रा में न तो किसी सरकारी योजना की मदद मिली, न किसी एनजीओ या संस्था का फंड। सब कुछ केवल मां-बेटे की सेवा भावना, समर्पण और इंसानियत की ताकत से संभव हो पाया है। सुरजीत कौर को लेखन में भी रुचि है। उन्होंने कई किताबें लिखी हैं, जिनमें इंसानियत, सेवा और जीवन की सच्चाइयों की झलक मिलती है। वे कहती हैं, जिसका इस दुनिया में कोई नहीं होता, उसका साथ खुद रब देता है… कभी मां बनकर, कभी डॉक्टर, तो कभी एक नर्स के रूप में। आज निआसरे का आसरा सिर्फ एक क्लीनिक नहीं, बल्कि वो मिशन है जो बताता है कि अगर इरादे नेक हों तो एक अकेला इंसान भी हजारों जिंदगियों में रोशनी भर सकता है।
नौकरी के दौरान सड़कों पर तड़पते मरीजों को अस्पताल ले जातीं व इलाज करवातीं
सुरजीत कौर बताती हैं कि जब वह सिविल अस्पताल में कार्यरत थीं, तो हर दिन सड़कों पर तड़पते मरीजों को देख उनका दिल पसीज जाता है। कई बार वो ऐसे मरीजों को खुद अपने पैसे से अस्पताल लेकर जातीं और उनका इलाज करवातीं। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने खुद से वादा किया कि अब जिनके पास कोई नहीं है, उनके लिए वो खुद खड़ी होंगी। उन्होंने अपने घर को क्लीनिक में तब्दील कर नि:शुल्क सेवा शुरू कर दी। आज निआसरे का आसरा एक ऐसी संस्था बन गई है, जो उन लोगों के लिए जीवनदायिनी बन चुकी है जिन्हें समाज ने भुला दिया है। संस्था में हर दिन ऐसे मामले सामने आते हैं, जहां गरीब महिलाएं डिलीवरी के लिए भटक रही होती हैं और प्राइवेट अस्पताल उन्हें पैसों के अभाव में बिना इलाज के लौटा देते हैं। ऐसे केसों में सुरजीत कौर और उनकी मेडिकल टीम बिना कोई शुल्क लिए इलाज करती है और सुरक्षित प्रसव सेवा उपलब्ध कराती हैं। उनका कहना है कि मानवता की सेवा से बड़ा और कोई धर्म नहीं है। जरूरतमंदों की सेवा करके जो सुकून मिलता है उसे बयां नहीं किया जा सकता है। उनके बेटे डॉ. सहजप्रीत समय-समय पर फ्री मेडिकल कैंप आयोजित करते हैं। इन कैंपों में और जरूरतमंदों को फ्री दवाइयां भी दी जाती हैं।