नगर निगम क्षेत्र: 168 नर्सिग होम, निजी क्लीनिक व जांच घरों से नहीं होता है मेडिकल कचरे का निस्तारण
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बेगूसराय, निज प्रतिनिधि। निगम क्षेत्र में 168 नर्सिंग होम, निजी क्लीनिक व जांच घरों से मेडिकल कचरे का निस्तारण की व्यवस्था नहीं है। इसका खुलासा नगर आयुक्त व सिविल सर्जन के द्वारा एक दूसरे के पत्र को जवाब देने के बाद जारी की गयी सूची से हुआ है। मेडिकल कचरे का निस्तारण सही तरीके से नहीं होने से शहरी क्षेत्र में वायु प्रदूषण का लेवल लगातार बढ़ रहा है। जो दिल दहलाने वाला है।
13 अप्रैल को सिविल सर्जन डॉ. प्रमोद कुमार सिंह ने नगर आयुक्त के पत्र का जवाब देते हुए सूची सौंपी है। सीएस ने कहा है कि नैदानिक स्थापन (रजिस्ट्रेशन एवं विनियमन) अधिनियम-2010 सहपठित बिहार नैदानिक स्थापन (रजिस्ट्रेशन एवं विनियमन) नियमावली-2013 के तहत बेगूसराय नगर निगम क्षेत्र में संचालित 74 निजी नर्सिंग होम क्लीनिक व जांच घर ही निबंधित है। सात निजी अस्पताल का अभ्यावेदन सीएस कार्यालय को निबंधन के लिए प्राप्त है। इन निबंधित / अभ्यावेदित निजी नर्सिंग होम क्लीनिकों, जांच घरों का निबंधन प्रमाणपत्र बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पटना से एनओसी प्राप्त होने व सिनर्जी वेस्ट मैनेजमेंट जेएलएनएमसीएच भागलपुर से बायो मेडिकल वेस्ट का उठाव के लिए अनुबंधित रहने के बाद ही निर्गत किया जाता है। नैदानिक स्थापन नियमावली के तहत निबंधित अस्पतालों व क्लीनिकों आदि में संचालित जांच घरों को अलग से निबंधित करने का प्रावधान नहीं है।
निजी क्लीनिकों की जांच के लिए टीम का गठन
सीएस से सूची मिलने के बाद नगर आयुक्त ने शहरी क्षेत्र में संचालित होने वाले निजी नर्सिंग होम, निजी क्लीनिक व जांच घरों की स्थलीय जांच के लिए टीम गठन कर दिया गया है। गठित टीम नगर आयुक्त को रिपोर्ट सौंपेंगे कि वास्तविक में कितने निजी नर्सिंग होम, निजी क्लीनिक व जांच घर हैं जहां बायो मेडिकल कचरे का का निस्तारण होता है या नहीं। जिस एजेंसी को कचरे का निपटान करने की जिम्मेवारी दी गयी है वह वास्वत में बायो मेडिकल कचरे ले जाती है या पेपर पर ही सबकुछ हो रहा है।
इन निजी नर्सिंग होम क्लीनिक के यहां मेडिकल कचरे उठाव की है व्यवस्था
लोहियानगर रेलवे गुमटी के समीप सिटी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल, अमरपुर एलेक्सिया अस्पताल, उपचार हॉस्पिटल कचहरी रोड, बस स्टैंड के समीप ईश्वर अस्पताल, काया केयर हॉस्पिटल हेमरा रोड, सृष्टि जीवन हॉस्पिटल डाक बंगला रोड, सदर अस्पताल के समीप अमीरा हेल्थ केयर, नवोदय विद्यालय के समीप उं साईं हॉस्पिटल, पैनेसिया हॉस्पिटल, मंजू मीरा अस्पताल, वीणा नर्सिंग होम आदि समेत 74 नाम शामिल हैं। सात का निबंधन के लिए आवेदन सीएस कार्यालय को मिला हुआ है। इन क्लीनिकों का सदर अस्पताल से निबंधन प्राप्त है जहां बायो मेडिकल कचरे का निस्तारण की व्यवस्था है।
नगर आयुक्त ने सीएस को सौंपी 249 की सूची
सात मार्च को नगर आयुक्त के द्वारा शहरी क्षेत्र के 249 नर्सिंग होम, क्लीनिक व जांच घर की सूची सिविल सर्जन को भेजी गयी। उसके बाद नगर आयुक्त ने नौ अप्रैल को दोबारा सीएस को पत्र देकर तीन दिनों के अंदर सूची की मांग की। ताकि बायो मेडिकल वेस्ट का निपटान नहीं करने वाले नर्सिंग होम, निजी क्लीनिक व पैथलैब के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। सीएस को दोबारा पत्र देने के बाद 11 अप्रैल को हिन्दुस्तान अखबार में प्रमुखता से खबर छपने के बाद सीएस ने 13 अप्रैल को नगर आयुक्त को 74 निबंधित व सात निबंधन के लिए आये क्लीनिकों की सूची सौंप दी।
सड़क व नाले में फेंके जाते हैं मेडिकल कचरे
सात मार्च को नगर आयुक्त ने सीएस को पत्र देकर कहा था कि नगर निगम क्षेत्र के निजी नर्सिंग होम, क्लीनिक व पैथोलैब से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट को सड़क पर या नाले में फेंका जा रहा है। यह गैर कानूनी है। 240 क्लीनिकों की सूची जारी करते कहा गया कि इन सूचियों में चिह्नित की जाय कि इन नर्सिंग होम, क्लीनिक व जांच घरों से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट के निपटान की व्यवस्था है या इस कचरे का निपटान के लिए किसी एजेंसी के साथ अनुबंध किया गया है या नहीं। ताकि बायो मेडिकल वेस्ट का निपटान नहीं करने वाले वैसे नर्सिंग होम, निजी क्लीनिक व पैथ लैब के खिलाफ कारवाई की जा सके। नगर आयुक्त ने सिनर्जी वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड भागलपुर को भी पत्र देकर कहा गया है कि कचरे के निपटान के लिए कितने नर्सिंग होम, क्लीनिक या जांच घरों के द्वारा आपके साथ एग्रीमेंट किया गया है।
एनएच-31 किनारे हैं 100 से अधिक नर्सिंग होम, क्लीनिक व पैथोलैब
बताया जाता है कि वैसे नर्सिंग होम जिनके यहां शून्य से छह बेड हैं वहां प्रतिदिन 36 किलोग्राम मेडिकल कचरे का उत्पादन होता है। इसी तरह 10 बेड वाले नर्सिंग होम से प्रतिदिन 60 किलोग्राम कचरे का उत्पादन होता है। नगर आयुक्त कार्यालय से निर्गत पत्र कह रहा है कि नगर निगम को यह जानकारी नहीं है कि एक दिन में कितने मेडिकल कचरे का उत्पादन होता है। शहर के मुख्य रोड, डाक बंगला रोड, पावर हाउस रोड, एनएच-31 किनारे लाखो से लेकर अंग्रेजी ढाला तक 100 से अधिक नर्सिंग होम हैं। इसके अलावा एक कमरे में भी संचालित वाला सैकड़ों क्लीनिक हैं। निगम की शिकायत रही है कि नाला में बहता हुआ कटा मानव का अंग मिलता है। सदर अस्पताल से लेकर सभी सरकारी अस्पताल में भी मेडिकल कचरे का उत्पादन होता है।
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बेगूसराय, निज प्रतिनिधि। निगम क्षेत्र में 168 नर्सिंग होम, निजी क्लीनिक व जांच घरों से मेडिकल कचरे का निस्तारण की व्यवस्था नहीं है। इसका खुलासा नगर आयुक्त व सिविल सर्जन के द्वारा एक दूसरे के पत्र को जवाब देने के बाद जारी की गयी सूची से हुआ है। मेडिकल कचरे का निस्तारण सही तरीके से नहीं होने से शहरी क्षेत्र में वायु प्रदूषण का लेवल लगातार बढ़ रहा है। जो दिल दहलाने वाला है।
13 अप्रैल को सिविल सर्जन डॉ. प्रमोद कुमार सिंह ने नगर आयुक्त के पत्र का जवाब देते हुए सूची सौंपी है। सीएस ने कहा है कि नैदानिक स्थापन (रजिस्ट्रेशन एवं विनियमन) अधिनियम-2010 सहपठित बिहार नैदानिक स्थापन (रजिस्ट्रेशन एवं विनियमन) नियमावली-2013 के तहत बेगूसराय नगर निगम क्षेत्र में संचालित 74 निजी नर्सिंग होम क्लीनिक व जांच घर ही निबंधित है। सात निजी अस्पताल का अभ्यावेदन सीएस कार्यालय को निबंधन के लिए प्राप्त है। इन निबंधित / अभ्यावेदित निजी नर्सिंग होम क्लीनिकों, जांच घरों का निबंधन प्रमाणपत्र बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पटना से एनओसी प्राप्त होने व सिनर्जी वेस्ट मैनेजमेंट जेएलएनएमसीएच भागलपुर से बायो मेडिकल वेस्ट का उठाव के लिए अनुबंधित रहने के बाद ही निर्गत किया जाता है। नैदानिक स्थापन नियमावली के तहत निबंधित अस्पतालों व क्लीनिकों आदि में संचालित जांच घरों को अलग से निबंधित करने का प्रावधान नहीं है।
निजी क्लीनिकों की जांच के लिए टीम का गठन
सीएस से सूची मिलने के बाद नगर आयुक्त ने शहरी क्षेत्र में संचालित होने वाले निजी नर्सिंग होम, निजी क्लीनिक व जांच घरों की स्थलीय जांच के लिए टीम गठन कर दिया गया है। गठित टीम नगर आयुक्त को रिपोर्ट सौंपेंगे कि वास्तविक में कितने निजी नर्सिंग होम, निजी क्लीनिक व जांच घर हैं जहां बायो मेडिकल कचरे का का निस्तारण होता है या नहीं। जिस एजेंसी को कचरे का निपटान करने की जिम्मेवारी दी गयी है वह वास्वत में बायो मेडिकल कचरे ले जाती है या पेपर पर ही सबकुछ हो रहा है।
इन निजी नर्सिंग होम क्लीनिक के यहां मेडिकल कचरे उठाव की है व्यवस्था
लोहियानगर रेलवे गुमटी के समीप सिटी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल, अमरपुर एलेक्सिया अस्पताल, उपचार हॉस्पिटल कचहरी रोड, बस स्टैंड के समीप ईश्वर अस्पताल, काया केयर हॉस्पिटल हेमरा रोड, सृष्टि जीवन हॉस्पिटल डाक बंगला रोड, सदर अस्पताल के समीप अमीरा हेल्थ केयर, नवोदय विद्यालय के समीप उं साईं हॉस्पिटल, पैनेसिया हॉस्पिटल, मंजू मीरा अस्पताल, वीणा नर्सिंग होम आदि समेत 74 नाम शामिल हैं। सात का निबंधन के लिए आवेदन सीएस कार्यालय को मिला हुआ है। इन क्लीनिकों का सदर अस्पताल से निबंधन प्राप्त है जहां बायो मेडिकल कचरे का निस्तारण की व्यवस्था है।
नगर आयुक्त ने सीएस को सौंपी 249 की सूची
सात मार्च को नगर आयुक्त के द्वारा शहरी क्षेत्र के 249 नर्सिंग होम, क्लीनिक व जांच घर की सूची सिविल सर्जन को भेजी गयी। उसके बाद नगर आयुक्त ने नौ अप्रैल को दोबारा सीएस को पत्र देकर तीन दिनों के अंदर सूची की मांग की। ताकि बायो मेडिकल वेस्ट का निपटान नहीं करने वाले नर्सिंग होम, निजी क्लीनिक व पैथलैब के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। सीएस को दोबारा पत्र देने के बाद 11 अप्रैल को हिन्दुस्तान अखबार में प्रमुखता से खबर छपने के बाद सीएस ने 13 अप्रैल को नगर आयुक्त को 74 निबंधित व सात निबंधन के लिए आये क्लीनिकों की सूची सौंप दी।
सड़क व नाले में फेंके जाते हैं मेडिकल कचरे
सात मार्च को नगर आयुक्त ने सीएस को पत्र देकर कहा था कि नगर निगम क्षेत्र के निजी नर्सिंग होम, क्लीनिक व पैथोलैब से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट को सड़क पर या नाले में फेंका जा रहा है। यह गैर कानूनी है। 240 क्लीनिकों की सूची जारी करते कहा गया कि इन सूचियों में चिह्नित की जाय कि इन नर्सिंग होम, क्लीनिक व जांच घरों से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट के निपटान की व्यवस्था है या इस कचरे का निपटान के लिए किसी एजेंसी के साथ अनुबंध किया गया है या नहीं। ताकि बायो मेडिकल वेस्ट का निपटान नहीं करने वाले वैसे नर्सिंग होम, निजी क्लीनिक व पैथ लैब के खिलाफ कारवाई की जा सके। नगर आयुक्त ने सिनर्जी वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड भागलपुर को भी पत्र देकर कहा गया है कि कचरे के निपटान के लिए कितने नर्सिंग होम, क्लीनिक या जांच घरों के द्वारा आपके साथ एग्रीमेंट किया गया है।
एनएच-31 किनारे हैं 100 से अधिक नर्सिंग होम, क्लीनिक व पैथोलैब
बताया जाता है कि वैसे नर्सिंग होम जिनके यहां शून्य से छह बेड हैं वहां प्रतिदिन 36 किलोग्राम मेडिकल कचरे का उत्पादन होता है। इसी तरह 10 बेड वाले नर्सिंग होम से प्रतिदिन 60 किलोग्राम कचरे का उत्पादन होता है। नगर आयुक्त कार्यालय से निर्गत पत्र कह रहा है कि नगर निगम को यह जानकारी नहीं है कि एक दिन में कितने मेडिकल कचरे का उत्पादन होता है। शहर के मुख्य रोड, डाक बंगला रोड, पावर हाउस रोड, एनएच-31 किनारे लाखो से लेकर अंग्रेजी ढाला तक 100 से अधिक नर्सिंग होम हैं। इसके अलावा एक कमरे में भी संचालित वाला सैकड़ों क्लीनिक हैं। निगम की शिकायत रही है कि नाला में बहता हुआ कटा मानव का अंग मिलता है। सदर अस्पताल से लेकर सभी सरकारी अस्पताल में भी मेडिकल कचरे का उत्पादन होता है।
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